अशोक तंवर बोले- किसानों के धरने पर पदों से इस्तीफा देकर जाएं विपक्ष के सांसद व विधायक

अशोक तंवर बोले- किसानों के धरने पर पदों से इस्तीफा देकर जाएं विपक्ष के सांसद व विधायक
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तंवर गुरुवार को इंप्लाइज कालोनी में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि भाजपा भ्रम पैदा कर रही है किसानों का आंदोलन विपक्ष की शह पर चल रहा है। वास्तविक सच्चाई यह है कि आंदोलन किसानों का अपना आंदोलन है जो अब जन आंदोलन बन चुका है।

हरिभूमि न्यूज : जींद

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर ने कहा कि विपक्ष के सांसद व विधायक अपने पदों से इस्तीफा देकर दिल्ली में किसानों के धरने पर जाएं और वहां से फोटो खिंचवाकर वापिस ना आएं। किसानों के साथ वहीं पर लगातार धरने पर बैठें। तभी उनका समर्थन देना सार्थक सबित होगा।

डा. अशोक तंवर वीरवार को इंप्लाइज कालोनी में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दावा तो सभी किसानों का साथ देने और इस्तीफा देने का कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस्तीफा किसी ने नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों के आंदोलन को कोई फायदा नहीं हो रहा, बल्कि बीजेपी को ही यह कहने का मौका मिल रहा है। भाजपा भ्रम पैदा कर रही है किसानों का आंदोलन विपक्ष की शह पर चल रहा है। वास्तविक सच्चाई यह है कि आंदोलन किसानों का अपना आंदोलन है जो अब जन आंदोलन बन चुका है।

उन्होंने कहा कि आंदोलन में मजदूर और कर्मचारी भी किसानों का बढ़चढ़ साथ दे रहे हैं। सत्तासीन भाजपा, पूर्व में सत्ता में रहे विपक्षी नेता और बड़े पूंजीपूति आपस में मिले हुए हैं। जिसके कारण ही राज्यसभा में तीनों नए कृषि बिल पारित हुए। यदि राज्यसभा में विपक्षी सांसद सचेत रहते तो आज ना तो तीन नए कृषि कानून बनते और ना ही किसानों को इतना बड़ा आंदोलन खड़ा करना पड़ता।

उन्होंने कहा कि आज इस देश का धरतीपुत्र अपनी खेती व किसानी बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में खुले आसमान तले जमीन पर संघष कर रहा हैए कुछ देर भले ही हो सकती है लेकिन उनका संघर्ष कामयाब जरूर होगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के बाद प्रदेश व देश के लोगों को उनकी भावनाओं के अनुसार तीसर विकल्प मिलेगा।

उन्होंने पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा राज्यपाल को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अपनी टिप्पणी करते हुए कहा कि ये सब नूरा कुश्ती चल रही है। सब मिले हुए हैं ये किसानों, मजदूरों का भला करने वाले नहीं है, सब बड़े पूंजीपतियों से मिले हुए हैं लेकिन लोगों को भाजपा और कांग्रेस का चेहरा अच्छी तरह से पहचान में आ चुका है।

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