गूंगा पहलवान की आवाज बने विस स्पीकर, मूक-बधिर खिलाड़ियों को केंद्र की तर्ज पर सम्मान देने के लिए CM को लिखा पत्र

गूंगा पहलवान की आवाज बने विस स्पीकर, मूक-बधिर खिलाड़ियों को   केंद्र की तर्ज पर सम्मान देने के लिए CM को लिखा पत्र
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वीरेंद्र सिंह उर्फ गूंगा पहलवान ने गत 21 दिसंबर को मूक-बधिर खिलाड़ियों के साथ विधान सभा अध्यक्ष से उनके आवास पर मुलाकात कर एक ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन में केन्द्र सरकार की तर्ज पर डेफ खिलाड़ियों को पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार दिलाने की मांग की गई है।

चंडीगढ़। हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता मूक-बधिर खिलाड़ी पदमश्री वीरेंद्र सिंह उर्फ गुंगा पहलवान की आवाज बने हैं। मूक-बधिर खिलाड़ियों को पैरा खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल करवाने के लिए विस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चिट्ठी लिख दी है। इस चिट्ठी में हरियाणा के इस खिलाड़ी को केंद्र सरकार की तर्ज पर समान अधिकार दिए जाने का आग्रह किया गया है।

गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र के दौरान पदमश्री वीरेंद्र सिंह की मांग को एक विधायक ने सदन में उठाया था। इस संबंध में वीरेंद्र सिंह ने गत 21 दिसंबर को मूक-बधिर खिलाड़ियों के साथ विधान सभा अध्यक्ष से उनके आवास पर मुलाकात कर एक ज्ञापन भी सौंपा था। ज्ञापन में केन्द्र सरकार की तर्ज पर डेफ खिलाड़ियों को पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार दिलाने की मांग की गई है। वीरेंद्र सिंह ने विधान सभा अध्यक्ष को बताया कि उन्होंने हरियाणा और देश की तरफ से खेलते हुए डेफ ओलम्पिक में 3 गोल्ड और एक ब्रांज मेडल जीता है। इसके साथ ही उन्होंने विश्व डेफ चैम्पियनशिप में भी 3 मैडल जीते। इसके लिए केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष 2016 में अर्जुन अवार्ड, वर्ष 2018 में डिसेबिलिटी नेशनल अवाई और वर्ष 2021 में पदमश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।

इतना ही नहीं मूक बधिर खिलाड़ी के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने इन्हें पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार दे दिए हैं। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा में उन्हें यह अधिकार नहीं मिल सका है। प्रदेश सरकार ने इन्हें सी-ग्रुप में रखा है, जबकि पैरा वर्ग को ए ग्रुप में रखा है। उन्होंने मांग की कि अगले वर्ष 1 से 15 मई तक ब्राजील में होने वाले मूक बधिर खिलाड़ियों का डेफ ओलंपिक से पहले उन्हें भी पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार दिलाए जाएं। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार से केंद्र की तर्ज पर इन खिलाड़ियों को पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार देने का आग्रह किया गया है। विस अध्यक्ष ने खिलाड़ियों के दोनों प्रतिवेदन भी प्रदेश सरकार को भेज दिए हैं।

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