Maharishi Dayanand University : सहायक महिला प्रोफेसर ने छात्र नेता पर लगाया ब्लैकमेल करने का आरोप

रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. वनिता रोज ने छात्र नेता विक्रम डूमोलिया पर ब्लैकमेलिंग करने के आरोप लगाए हैं। शिक्षिका ने इस बारे में विश्वविद्यालय के अधिकारियों को बकायदा पत्र भेजा है। ध्यान रहे कि पिछले दिनों जब राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय विश्वविद्यालय के दौर पर थे तो छात्र नेता ने गवर्नर को लिखित शिकायत की थी। डॉ. रोज ने कहा कि गैर हाजिर रहने पर छात्र विक्रम डूमोलिया का नाम क्लास से काट दिया गया था। इसके बाद से यह मुझसे रंजिश रखने लगा। रोज ने बताया कि मेरे मामले का फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा काफी समय पहले किया गया था। इसके बाद भी यह छात्र डूमोलिया ने राज्यपाल को झूठी शिकायत दी।
विनिता ने कहा कि देश में सुप्रीम कोर्ट से भी कोई बड़ी संस्था है। डॉ. वनिता का कहना है कि विक्रम डूमोलिया कई साल से एमडीयू के शिक्षकों को ब्लैकमेल कर रहा है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
डॉ. वनिता रोज का आरोप है कि छात्र हितों के नाम पर ये लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं। विक्रम डूमोलिया यूनिवर्सिटी में बने रहने के लिए हर बार किसी विभाग में दाखिला ले लेता है और खुद को छात्र नेता बताकर राजनीति करता है। इस बार इन्होंने शिक्षा विभाग में एमएड प्रथम सेमेस्टर में दाखिला ले रखा है। विभाग में जीरो हाजिरी होने के कारण अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में विभाग से इसका नाम काट दिया गया था और 13 अक्टूबर, 2023 को दोबारा नाम लिखवाया है। नाम कटे जाने का बदला लेने के लिए उसी दिन 13 अक्टूबर को विभाग के कार्यालय में आकर इसने तमाम लोगो के समक्ष मेरे रिसर्च स्कॉलर को गालियां दी तथा देख लेने की धमकी दी।
इंटरव्यू में 25 में से 6 अंक देकर बाहर कर दिया था
डॉ. वनिता रोज ने कहा कि उसे इंटरव्यू में 25 में से 6 अंक देकर बाहर कर दिया गया था। इसके साथ ही इनका आरोप था कि उन्हें पीजी डिग्री में गोल्ड मेडल के 4 अंक भी नहीं दिए गए। इन मुद्दों को लेकर मार्च 2017 में मैंने उस भर्ती को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने डॉ. वनिता रोज के पक्ष को सही मानते हुए 2019 में मदवि द्वारा की गई मेनका की उस नियुक्ति को रद कर दिया गया था। इसके बावजूद अब छात्र विक्रम डूमोलिया मुझे ब्लेकमैल कर रहा है। ये आरोप डॉ. वनिता का है।
राज्यपाल को शिकायत की
शिक्षिका डॉ. वनिता का कहना है कि जब छात्र विक्रम डूमोलिया मुझ पर दबाव नहीं बना पाए तो शिक्षा विभाग की एक पूर्व प्राध्यापिका मेनका, जिसका सेलेक्शन उच्च न्यायालय की एकलपीठ तथा खंडपीठ द्वारा रद करके मुझे नियुक्ति दी गई थी, उसके पति के साथ मिलकर मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा और राज्यपाल को शिकायत की। सहायक प्रो. वनिता ने बताया कि शिक्षा विभाग में 2017 में एक पद पर भर्ती निकली थी। जिस पर उन्होंने अप्लाई किया था। इंटरव्यू के दौरान चयनित शिक्षिका मेनका जो अकादमिक क्राइटेरिया में उनसे लगभग 15 अंक पीछे थी तथा मेरिट में 9वें स्थान पर थी उसे 25 में से 23.5 अंक देकर मेनका का चयन कर दिया गया।
एसोसिएशन की सम्मानित सदस्य हैं डॉ. वनिता रोज
सहायक प्रोफेसर डॉ. वनिता रोज एसोसिएशन की सम्मानित सदस्य हैं। अगर इनके खिलाफ कोई तथ्यात्मक शिकायत है तो यूनिवर्सिटी प्रशासन नियमानुसार कार्रवाई करे। कोर्ट के आदेश पर ही विश्वविद्यालय ने डॉ. रोज को नौकरी ज्वाइन करवाई थी। - डॉ. विकास सिवाच, प्रधान शिक्षक संघ एमडीयू, रोहतक।
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