छात्र से रिश्वत लेने के आरोप में एसोसिएट प्रोफेसर दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई इतने साल की सजा

हरिभूमि न्यूज. जींद
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह संधू की अदालत ने राजकीय महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर एवं कॉर्मस विभाग के एचओडी डा. सुभाष दुग्गल को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में चार वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
विजिलेंस विभाग को शिकायत मिली थी कि राजकीय महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर सुभाष दुग्गल को वर्ष 2015 में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय की तरफ से आब्र्जवर नियुक्त किया गया था। छात्रों ने परीक्षा के दौरान नकल करवाने के लिए प्रोफेसर सुभाष दुग्गल से संपर्क साधा। जिन्होंने नकल करने में छुट देने के लिए पांच हजार रुपये प्रति छात्र के हिसाब से मांगे। गांव छातर निवासी संजय समेत कुछ छात्रों ने प्रोफेसर दुग्गल के घर जाकर उन्हें नकल करवाने की एवज में रिश्वत राशि सौंप दी। जिसकी बकायदा वीडियो भी बनाई गई। राजकीय महाविद्यालय के प्राध्यापक अनूप मोर ने जिसकी शिकायत हायर एजुकेशन से की थी। बाद में जांच सर्तकता विभाग को सौंपी गई थी।
जिसकी जांच तत्कालीन निरीक्षक विश्वेसर ने की थी। वीडियो का विशलेषण किया गया और छात्रों के भी ब्यान लिए गए। जिसमे प्रोफेसर दुग्गल पर लगे आरोप सही पाए गए थे। जिस पर सतर्कता विभाग ने तीन नवम्बर 2015 को सुभाष दुग्गल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। तभी से मामला अदालत में विचाराधीन था। शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह संधू की अदालत ने राजकीय महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर एवं कॉर्मस विभाग के एचओडी डा. सुभाष दुग्गल को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में चार वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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