अटल भूजल योजना : Haryana के 14 जिलों को कवर किया जाएगा

हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने कहा कि अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana) का लक्ष्य राज्य में आगामी पांच वर्षों के दौरान भूजल की कमी को 50 प्रतिशत तक दूर करना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हरियाणा के कुल 14 जिलों को कवर किया जाएगा, जिसमें 36 भू-जल दबाव वाले ब्लॉक के साथ कुल 1669 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। देवेंद्र सिंह ने इस आशय की जानकारी पंचकूला में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एचडब्लूआरए) और सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा हरियाणा में अटल भू-जल योजना पर राज्यस्तरीय कार्यशाला के आयोजन के दौरान दी।
देवेंद्र सिंह ने बताया कि अटल भू-जल योजना केंद्र सरकार और विश्व बैंक द्वारा समर्थित और हरियाणा सरकार द्वारा कार्यान्वित एक सहभागी भू-जल प्रबंधन योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य हरियाणा में भूजल संसाधनों का हाइड्रोजियोलॉजिकल डेटा नेटवर्क बनाना और राज्य में भूजल संसाधनों के प्रबंधन के लिए सामुदायिक संस्था का निर्माण करना है। इस योजना के अंतर्गत सामुदायिक लामबंदी और जागरूकता गतिविधियों के साथ-साथ हितधारकों का क्षमता निर्माण भी किया जाएगा। इस योजना के प्रारम्भ में प्रत्येक गांव की जल सुरक्षा योजना तैयार की जाएगी और अगले 4 वर्षों में इसे लागू किया जाएगा।
देवेन्द्र सिंह ने घटते भू-जल स्तर की दिशा में काम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डालते हुए सभी नागरिकों को भू-जल तालिका का वास्तविक डेटा उपलब्ध करवाने के लिए अपील की ताकि घटते भू-जल स्तर को सुधारने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। उन्होंने भू-जल प्रबन्धन से संबंधित डिसिजन स्पोर्ट टूल्स को लेकर रणनीति सांझा की। उन्होंने कहा कि भू-जल को लेकर हमें सामुदायिक आधारित संस्थानों को मजबूत करने के साथ-साथ पानी के सही इस्तेमाल और ग्राउंड वाटर रिचार्ज पर भी ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि अटल जल योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को वित्त प्रदान करती है तथा राज्य सरकारें इसे आगे कार्यान्वित स्तर जैसे कि जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायतों और लाभार्थियों तक वितरित करती हैं। उन्होंने 'मेरा पानी-मेरी विरासत योजना' पर जोर देते हुए कहा कि इस योजना के तहत हरियाणा सरकार धान की फसल छोड़कर दूसरी फसल उगाने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि दे रही है। इसके तहत राज्य सरकार ने फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी सुनिश्चित किया है।
हरियणा जल संसाधन प्राधिकरण (एचडब्लूआरए) की अध्यक्षा केशनी आनन्द अरोड़ा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि अटल भू-जल और अन्य सम्बंधित विभागों के जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को एक साथ मिलकर कार्य करने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से आज जल प्रबंधन के लिए भागीदारी पर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत लक्ष्य हासिल करने के लिए सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जिला कार्यान्वयन भागीदार (डीआईपी) हर स्तर पर सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
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