वाहन चालक ध्यान दें ! Sonipat में नेशनल हाइवे-44 पर गाड़ियों के संचालन की व्यवस्था में किया गया बदलाव

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत। सर्दियों के मौसम को देखते हुए नेशनल हाईवे- 44 पर गाड़ियों के संचालन की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। तेज गति से दौड़ रहे वाहन एक दूसरे से टकराकर हादसों का कारण ना बनें इसके लिये अबनेशनल हाईवे से सर्विस लेन में आने या फिर सर्विस लेन से हाइवे पर जाने के लिये व्यवस्था बदली गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और ट्रैफिक पुलिस ने अब इसके लिए अलग-अलग व्यवस्था कर दी है। नेशनल हाइवे पर बने सभी फ्लाईओवर पर यह व्यवस्था लागू की गई है। अब नेशनल हाईवे से सर्विस लेन पर जाने के लिये फ्लाईओवर शुरू होने से पहले सर्विस लेन पर जाना होगा। वहीं सर्विस लेन से हाईवे पर जाने के लिये फ्लाईओवर को क्रॉस करना होगा। इसके लिये फ्लाईओवर के पास बेरिकेडिंग की जा रही है।
कुछ माह पहले हाईवे पर वाहनों की गति सीमा बढ़ा दी गई थी। जिसके चलते अब वाहन तेज गति से दौड़ रहे हैं। इसके साथ ही हाईवे पर बने फ्लाईओवर से पहले वाहनों के संपर्क मार्ग पर आने व संपर्क मार्ग से हाईवे पर जाने के लिए ही स्थान चिन्हित था। जिससे वहां हादसा होने का भय बना रहता था। अब कोहरे में इस तरह का अंदेशा अधिक बढ़ने वाला था। जिस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर पहल करते हुए इसका हल निकाला है। अब फ्लाईओवर के शुरू होने के दौरान सिर्फ वाहन हाईवे से नीचे संपर्क मार्ग पर आ सकेंगे। अगर किसी को हाईवे पर जाना है तो उसे पहले फ्लाईओवर को संपर्क मार्ग पर चलकर क्रॉस करना होगा। उसके बाद ही वह नेशनल हाईवे पर चढ़ सकेगा।
30 किलोमीटर में 14 फ्लाईओवर
नेशनल हाईवे-44 पर सोनीपत के 30 किलोमीटर क्षेत्र में 14 फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है। हाईवे को आठ लेन व चार लेने के संपर्क मार्ग सहित 12 लेन किया जा चुका है। जिसके बाद हाईवे पर कारों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाई जा चुकी है। जिससे वाहन तेज गति से दौड़ते हैं। दिल्ली को हरियाणा के अलावा चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू व कश्मीर को जोडऩे वाले नेशनल हाईवे-44 के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे। जिसके बाद जून माह में इस हाईवे का उद्घाटन कर दिया गया था।
नेशनल हाईवे-44 पर वाहन चालकों की सुविधा व हादसे रोकने के लिए अब हाईवे पर वाहनों को फ्लाईओवर से नीचे उतरने व चढ़ने के लिए अलग-अलग स्थानों पर व्यवस्था की गई है। संपर्क मार्ग बेरिकेड भी बनाए जा रहे हैं।- मिनी सिंह, उप प्रबंधक, एनएचएआई
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