सावधान ! जो लोग धूम्रपान करने वालों के पास बैठते हैं, उनमें भी कैंसर की आशंका

सावधान ! जो लोग धूम्रपान करने वालों के पास बैठते हैं, उनमें भी कैंसर की आशंका
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पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडी आफ लंग कैंसर की 14 वीं वार्षिक कांफ्रेंस का आयेाजन किया गया।

Rohtak News : पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडी आफ लंग कैंसर की 14 वीं वार्षिक कांफ्रेंस का आयेाजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना रही।

कांफ्रेंस में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ से आए डॉक्टर नवनीत सिंह ने बताया कि देखने में आ रहा है कि युवाओं में भी कैंसर की काफी शिकायतें पाई जा रही हैं और उन युवाओं में भी कैंसर पाया जाता है जो स्मोकिंग नहीं करते। उन्होंने बताया कि ऐसे लोग जो स्मोकिंग करने वालों के पास ज्यादा बैठते हैं उन्हें भी कैंसर होने की आशंका ज्यादा मिलती है। कॉन्फ्रेंस के आयोजक पीसीसीएम विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन ने बताया कि कई बार चिकित्सक मरीज को खांसी होने पर एक्स-रे की जांच से ही टीबी की दवाइयां शुरू कर देते हैं, लेकिन कुछ समय बाद पता चलता है कि वह टीबी न होकर लंग कैंसर है, ऐसे में चिकित्सकों को सीटी स्कैन आदि जांच करने के बाद ही मरीज की दवाई शुरू करनी चाहिए।

सही समय पर पता लगाना जरूरी: डॉ. अनीता सक्सेना

डॉ. अनीता सक्सेना ने कहा कि किसी भी बीमारी को यदि हमें जड़ से खत्म करना है तो उसका सही समय पर पता लगाकर ही इसका सटीक इलाज किया जा सकता है। बीमारी के बढ़ने पर वह कई बार जानलेवा साबित हो सकती है। लंग कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसे हम शुरुआत में ही पता लगाकर तो रोक सकते हैं, लेकिन यदि उसका देरी से पता चल तो वह गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में हमें लंग कैंसर के लक्षणों का पता होना चाहिए। कुलसचिव डॉ. एच के अग्रवाल ने कहा कि कांफ्रेंस के लिए डॉ. ध्रुव चौधरी व उनकी टीम को बधाई दी। कहा कि पूरी उम्मीद है कि इस कांफ्रेंस से सभी का लंग कैंसर के प्रति ज्ञान वर्धन होगा।

नई मशीनें उपलब्ध करवाएंगे: डॉ. एसएस लोहचब

निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने कहा कि लंग कैंसर महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर हमें अधिक से अधिक रिसर्च करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लंग कैंसर को शुरुआत में पकड़कर ही जड़ से खत्म किया जा सकता है। हर चिकित्सक को लंग कैंसर की पहचान होनी चाहिए। संस्थान में डॉ. पवन द्वारा लंग कैंसर के मरीजों का इलाज किया जा रहा है, उनका प्रयास है कि लंग कैंसर के इलाज में प्रयोग होने वाली सभी नई मशीनों को उपलब्ध करवाया जाए।

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