कोरोना महामारी : आयुर्वेदिक नुस्खाें से बढ़ाई जा रही रोग प्रतिरोधक क्षमता

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
कोरोना काल में लोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खों का सहारा ले रहे हैं। आयुष विभाग के अधिकारी भी लोगों को आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं। जिला आयुष अधिकारी डॉ. दलबीर राठी ने बताया कि आयुष चिकित्सा पद्घति सदियों पुरानी प्रमाणिक है और कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम में काफी कारगार सिद्घ हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसका शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं है और शरीर में वायरल बीमारियों से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाती है।
आयुष क्वाथ घर में भी आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिए तुलसी के पते100 ग्राम, दालचीनी चूर्ण 50 ग्राम, सोठ चूर्ण 50 ग्राम, काली मिर्च 25 ग्राम का मिश्रण बना लें। एक ग्राम मिश्रण एक कप प्रति व्यक्ति के हिसाब से गर्म पानी मेंं डालें। गर्म पानी मेंं डालने के बाद इससे साफ कपड़े या छलनी से छानकर इसमें नींबू का रस स्वाद अनुसार मिलाकर दिन में एक या दो बार ले सकते हैंं। इसमें आवयश्कतानुसार सेंधा नमक, खांड, बूरा या गुड़ का उपयोग भी किया जा सकता है।
विभाग द्वारा डाक्टरों और फार्मासिस्टों की टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें कन्टेनमेंट जोन में नागरिकों और होम आइसोलेट मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मेडिक किट वितरित कर रहे हैं। महामारी से बचाव के बारे में जागरूकता का कार्य भी कर रहे हैंं। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेट मरीजों को घर पर उपचार के लिए निशुल्क दी जा रही मेडिकल किट में आयुष औषधि अनु तेल, गिलॉय घनवटी और आयुष क्वाथ भी शामिल की गई है। कोरोना महामारी श्वसन तंत्र को कमजोर करते हुए फेफड़ोंं में पंहुच रही है। इसलिए नियमित योग अभ्यास और व्यायाम से श्वसन तंत्र को भी मजबूत करने की जरूरत है। लॉकडाउन के दौरान घर में खुले स्थान या छत आदि पर खुली हवा मेंं योगासन व प्राणायम कर श्वसन तंत्र को मजबूत कर सकते हैं। जिला आयुष अधिकारी ने कहा कि कोरोना से बचाव ही बेहतर इलाज है।
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