आयुष विश्वविद्यालय और हरियाणा गौ सेवा आयोग करेंगे पंचगव्य औषधियों पर शोध

आयुष विश्वविद्यालय और हरियाणा गौ सेवा आयोग करेंगे पंचगव्य औषधियों पर शोध
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दोनों संस्था के बीच में पंचगव्य आधारित औषधियों पर शोध के साथ-साथ रोजगार स्वावलंबन के लिए गाय के गोबर आधारित खाद्य से औषधीय पौधों के उपजाने और उनकी गुणवत्ता जांच पर काम करने के लिए सहमति बनी है।

हरिभूमि न्यूज :कुरुक्षेत्र

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय एवं हरियाणा गौ सेवा आयोग के बीच पंचगव्य आधारित औषधियों पर शोध को लेकर ऑनलाइन समझौता ज्ञापन के लिए बातचीत हुई। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार और हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग उपस्थित रहे। सार्थक बातचीत के बाद आगे भविष्य में कार्य करने के लिए विश्वविद्यालय से रिसर्च एंड इनोवेशन विभाग के डायरेक्टर डॉ अनिल शर्मा व डॉ. रजनीकांत और आयोग की ओर से टेक्निकल एडवाइजर सुधीर राणा को सदस्य नियुक्त कर दिए गए हैं। दोनों संस्था के बीच में पंचगव्य आधारित औषधियों पर शोध के साथ-साथ रोजगार स्वावलंबन के लिए गाय के गोबर आधारित खाद्य से औषधीय पौधों के उपजाने और उनकी गुणवत्ता जांच पर काम करने के लिए सहमति बनी है।

कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने आयोग द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की और कहा कि गौवंश के संवर्धन और उत्पाद पर दोनों संस्थान मिलकर अच्छा काम कर सकते हैं। जिसमें शोध के सभी पैरामिटर आयुर्वेद और भारतीय परंपरा के अनुसार हों। विश्वविद्यालय का मकसद वैदिक परंपरा और विज्ञान को बढ़ावा देना है। पंजाब में एक शोध में पाया गया है गेहूं के कारण कुछ लोगों के शरीर में एलर्जी होने लगी है। ये एलर्जी गेहूं के छिलके में पाई गई है। पंचगव्य घृत और गो आर्क के संस्करण द्वारा रोग को ठीक किया जा सकता है। इसी तरह बहुत सारे रोग हैं जिन पर मिलकर काम किया जा सकता है।

ऑनलाइन बैठक में हरियाणा गो आयोग पंचकुला के टेक्निकल एडवाइजर सुधीर राणा, सदस्य अखिलेश गुप्ता और विश्वविद्यालय से डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. शंभू दयाल, कुलसचिव डॉ नरेश कुमार, डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. अमित कटारिया, डॉ. रजनीकांत शर्मा, डॉ. मनीष सैनी उपस्थित रहे।

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