बाबा बालक नाथ का विवादास्पद डेरा सील, किसी को भी प्रवेश की नहीं होगी अनुमति

बाबा बालक नाथ का विवादास्पद डेरा सील, किसी को भी प्रवेश की नहीं होगी अनुमति
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प्रशासनिक टीम ने शुक्रवार देर शाम तक डेरे में विभिन्न सामान की गिनती करके 25 ताले लगाकर डेरे को सील किया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट रमेश कुमार की मौजूदगी में डेरे की हर वस्तु का आंकड़ा जुटाया गया और दस्तावेज तैयार किए गए। इस दौरान गांव में दो गुटो के बीच तनावपूर्ण स्थिति भी बनी रही

हरिभूमि न्यूज. भूना (फतेहाबाद)

गांव ढाणी सांचला-भोजराज में डेरा को लेकर चल रहे विवाद के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार को इस डेरे को सील कर दिया। हालांकि शुरू में कुछ लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण यह कार्यवाही पूरी की गई। प्रशासनिक टीम ने शुक्रवार देर शाम तक डेरे में विभिन्न सामान की गिनती करके 25 ताले लगाकर डेरे को सील किया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट रमेश कुमार की मौजूदगी में डेरे की हर वस्तु का आंकड़ा जुटाया गया और दस्तावेज तैयार किए गए। इस दौरान गांव में दो गुटो के बीच तनावपूर्ण स्थिति भी बनी रही। प्रशासनिक अधिकारियों ने डेरा सील करने की कार्रवाई से पहले दोनों ही पक्ष के लोगों को आपसी भाईचारा एवं शांति कायम रखने के लिए अपील की।

बता दें कि गांव ढाणी सांचला-भोजराज में बाबा बालक नाथ का डेरा आसपास के एरिया में काफी प्रसिद्ध है। अगस्त माह में डेरा के महंत धर्मनाथ की एक वीडियो वायरल हो गई, जिसमें एक तांत्रिक लड़की का वशीकरण से संबंधित तंत्र मंत्र किए जाने का मंहत पर आरोप लगा था। वीडियो के बाद ग्रामीणों ने मंहत के खिलाफ 19 अगस्त को पंचायत बुलाई और उसे डेरे से निकाल देने पर विचार किया। इस विवाद में जिस लड़की का वशीकरण क्रिया में नाम लिया जा रहा था, उसे भी पंचायत में बुला लिया गया। बाद में लड़की ने उपरोक्त मामले में गांव के कई लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवा दिया था, जिसके बाद डेरे में तनावपूर्ण हालात बने हुए थे। डेरे विवाद को लेकर हुए झगड़े में महंत पक्ष के कुछ लोगों को 6 सितंबर को चोटें भी आई थी। इस पर पुलिस ने दर्जनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था वहीं 11 सितंबर को महंत डेरा छोड़ कर चले गए थे। इसी मामले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया तो एक पक्ष के लोगों ने रोड जाम कर दिया, जिस कारण देर रात पुलिस ने उन्हें जमानत लेकर छोड़ दिया। बाद में जांच के दौरान वन्य जीव की टीम ने डेरे में तेंदुए की खाल व कुछ आपत्तिजनक चीजें बरामद की थी। पिछले करीब डेढ़ महिने से डेरा में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस कर्मचारी तैनात है।

करीब 5 दिन पहले महाराष्ट्र के एक महंत को डेरामुखी विरोधी पक्ष ने गद्दी पर बैठा दिया, जिससे विवाद की चिंगारी फिर सुलग गई। डेरा मुखी समर्थकों ने 3 दिन पहले ही एसडीएम टोहाना को ज्ञापन देकर डेरे पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने का आरोप लगाकर धारा 145 लगाने की मांग की गई थी। ज्ञापन सौंपने वाले लोगों ने प्रशासन को चेताया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो 21 अक्टूबर को डेरा मुखी धर्मनाथ को पुन: गद्दी पर बिठाएंगे। हालांकि तनावपूर्ण माहौल को चलते हुए उपायुक्त ने धारा 145 लगाने की कार्रवाई पिछले एक सप्ताह पहले ही शुरू कर दी थी। प्रशासनिक स्तर पर दीपावली पर्व को देखते हुए दो पक्षों के बीच लड़ाई-झगड़ा होने का फीडबैक मिल रहा था। उसी के चलते उपायुक्त कोर्ट ने ढाणी सांचला-भोजराज के डेरा को सील करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट रमेश कुमार को नियुक्त कर दिया।

गांव के डेरे को सील करने के लिए वीरवार की देर शाम को नायब तहसीलदार रमेश कुमार व थाना अध्यक्ष कुलदीप सिंह मौके पर पहुंचे तो महंत धर्मनाथ विरोधी पक्ष के ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया और टीम को विरोध के चलते खाली हाथ लौटना पड़ा। शुक्रवार सुबह भारी पुलिस बल के साथ टीम मौके पर पहुंची लेकिन कुछ लोगों ने शुरुआती दौर में विरोध भी किया, मगर पुलिस बल की मौजूदगी के बीच डेरा सील करने की प्रक्रिया देर शाम तक चलती रही। टीम ने डेरे की एक-एक वस्तु की गिनती करके कमरों के ताले लगाए गए। तनाव को देखते पुलिस की एक टुकड़ी को भूना में रिजर्व रखा गया था।

विवादित डेरा को सील किया गया : डीएसपी

डीएसपी जुगल किशोर ने बताया कि उपायुक्त ने विवादित डेरे में तनावपूर्ण हालातों के चलते धारा 145 लगाई गई थी। उसकी पालना के लिए शुक्रवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में डेरे की प्रत्येक वस्तु का रिकॉर्ड तैयार करके डेरे को सील कर दिया गया है। अब विवादित डेरा पुलिस की देखरेख में रहेगा। डेरे में 145 लगने के बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।


भूना। ढाणी सांचला-भोजराज बाबा बालकनाथ डेरा को सील करने पुलिस बल के साथ पहुंचे अधिकारी।

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