सोनीपत जिले में परिवहन सेवा का बुरा हाल : अब भी कई गांवों के लोग कर रहे रोडवेज बसों का इंतजार, निजी वाहन चालकों की मौज

सोनीपत जिले में परिवहन सेवा का बुरा हाल : अब भी कई गांवों के लोग कर रहे रोडवेज बसों का इंतजार, निजी वाहन चालकों की मौज
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यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जहां बसें बढ़ाई जानी थी, वहां हर साल बसें कम होती जा रही है। बसों की कमी के चलते कई ग्रामीण रूट बंद कर दिए गए, जबकि कई रूटों पर बसों के फेरे कम कर दिए। यात्रियों को निजी वाहनों के भरोसे रहना पड़ रहा है। कई रूटों के यात्री रोडवेज अधिकारियों से बसों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

ग्रामीण रूटों पर बसों की कमी के कारण यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में करीब दो दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां आज भी रोडवेज बसें नहीं जा रही। ग्रामीण कई बार रोडवेज अधिकारियों से मिलकर उनके गांव वाले रूटों पर रोडवेज बस का परिचालन करने की मांग कर चुके हैं, उसके बावजूद भी बसों का परिचालन शुरू नहीं किया जा रहा। जिससे ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीण रूटों पर बसों की कमी का निजी वाहन चालक फायदा उठा रहे हैं और जमकर चांदी कूट रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रोजाना आवागमन करने वाले विद्यार्थियों को झेलनी पड़ रही है। उन्हें निजी वाहनों में पूरा किराया देना पड़ रहा है, जबकि रोडवेज बस में बस पास बनता है, जो किराये से काफी सस्ता बनता है।

सोनीपत डिपो व गोहाना सब डिपो में करीब 260 बसों का बेड़ा स्वीकृत है, लेकिन साल दर साल बसें कम होती जा रही है और नई बसें शामिल नहीं की जा रही। वर्तमान समय में सोनीपत डिपो व गोहाना सब डिपो में कुल 115 रोडवेज बसें हैं जबकि यहां 63 बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलाई जा रही हैं। सड़कों पर दौड़ने वाली इन बसों में से भी करीब 8 से 10 बसें रास्ते में दम तोड़ जाती हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जहां बसें बढ़ाई जानी थी, वहां हर साल बसें कम होती जा रही है। बसों की कमी के चलते कई ग्रामीण रूट बंद कर दिए गए, जबकि कई रूटों पर बसों के फेरे कम कर दिए। यात्रियों को निजी वाहनों के भरोसे रहना पड़ रहा है। कई रूटों के यात्री रोडवेज अधिकारियों से बसों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। आलम यह है कि बस अड्डे पर भी दोपहर बाद बसों का टोटा हो जाता है। यात्रियों को लंबे समय तक बसों का इंतजार करना पड़ता है।

पिछले साल आनी थी 25 नई बसें

सोनीपत डिपो में अक्टूबर 2021 में 25 नई बसें आने का दावा किया गया था। आठ महीने बीतने के बाद भी बसें आएंगी या नहीं। इस बारे में किसी को पता नहीं। हालात यह हैं कि रोडवेज डिपो बसों की कमी से जूझ रहा है, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। अधिकारियों की मानें तो बस डिपो में बसों की कमी के साथ ही परिचालकों की भी कमी बनी हुई है। इस बारे में मुख्यालय में डिमांड भेजी हुई है।

ये गांव रोडवेज बस सेवा हैं वंचित

जिले में सोनीपत से वाया ककरोई, भदाना, छोटा खांडा, बड़ा खांडा, नसीरपुर चौलका, जाखौली, बीसवां मील, कटवाल, सेहरी सहित करीब दो दर्जन गांव रोडवेज बस सेवा से वंचित है। इन गांवों के ग्रामीणों व विद्यार्थियों को निजी वाहनों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। ग्रामीण व विद्यार्थी कई बार अधिकारियों से मिलकर बस सेवा शुरू करने की मांग कर चुके हैं। अधिकारी हर बार रोडवेज बसों व परिचालकों की कमी की बात कह देता है।

बस अड्डे में बसों की स्थिति

> सोनीपत बस अड्डे पर स्वीकृत बसें : 197

> सोनीपत डिपो में रोडवेज बसें : 74

> किलोमीटर स्कीम के तहत बसें : 42

> रोडवेज डिपो में चालक : 325

> रोडवेज डिपो में परिचालक : 275

> गोहाना सब डिपो में रोडवेज बसें : 41

> किलोमीटर स्कीम के तहत बसें : 21

रोडवेज डिपो में यात्रियों की संख्या के हिसाब से बसों की संख्या कम है। कई साल से नई बसें नहीं आई हैं। जिस कारण बसों की कमी बनी हुई है। मुख्यालय बसों व परिचालकों की डिमांड भेजी हुई है। नई बसें आने के बाद ही समस्या दूर हो पाएगी। - बलवान, डीआई, रोडवेज डिपो, सोनीपत

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