बाढड़ा नगरपालिका रहेगी या मिलेगा पंचायत का दर्जा, लोगों की राय शुमारी करेगी तय, सर्वे टीम फिल्ड में उतरी

बाढड़ा नगरपालिका रहेगी या मिलेगा पंचायत का दर्जा, लोगों की राय शुमारी करेगी तय, सर्वे टीम फिल्ड में उतरी
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एक साल पहले बाढड़ा को नगर पालिका का दर्जा मिला था, लेकिन समय के साथ-साथ लोगों ने नगर पालिका के नफे-नुकसान का आंकलन किया तो इसका विरोध शुरू कर दिया।

संदीप श्योराण : बाढड़ा ( चरखी दादरी )

बाढड़ा नगर पालिका ही बरकरार रहेगी या नाप का रद्द कर पुन: ग्राम पंचायत का दर्जा मिलेगा ये भविष्य के गर्भ में छुपी हुई बातें हैं। इन सभी प्रश्नों के जवाब व नपा का भविष्य अब लोगों की राय शुमारी तय करेगी। जिसके लिए सर्वे टीमें शनिवार सुबह से फील्ड में उतर चुकी हैं। लोगों की राय जानने के लिए वार्ड अनुसार अलग-अलग टीमें तैयार कर युद्धस्तर पर सर्वे किया जा रहा है। इन टीमों को बाढड़ा व हंसावास के अंतर्गत आने वाले सभी 11 वार्डों की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रविवार शाम तक बाढड़ा एसडीएम को सौंपनी है। जिसके बाद यह रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के माध्यम से सीएम तक पहुंचेगी। उसके बाद ही बाढड़ा नपा का भविष्य तय किया जाएगा।

एक साल पहले बाढड़ा को नगर पालिका का दर्जा मिलने पर इसे बाढड़ा के विकास में मिल का पत्थर माना जा रहा था। जिसके चलते जन प्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका बनने का स्वागत करते हुए मिठाई बांट कर खुशी का इजहार किया गया था। वहीं बाढड़ा व हंसावास के लोगों ने भी इसको लेकर कोई आपत्ती नहीं जताई थी। लेकिन समय के साथ-साथ लोगों ने नगर पालिका के नफे.नुकसान का आंकलन शुरू किया तो उनके सुर बदलने लगे और उन्होंने इसका विरोध धीरे.धीरे शुरु कर दिया। शुरुआत में लोहारु रोड़ स्थित हुनमान मंदिर में पंचायत का आयोजन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर नगर पालिका रद्द करवाने की मांग की गई थी।

वहां पर उनकी मांग पूरी नहीं होती देख दोनों गांवों के लोगों ने एकजुटता दिखाई और स्थानीय विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक मिलकर नगर पालिका को तुड़वाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। जिसका नतीजा ये हुआ कि मुख्यमंत्री ने आठ जुलाई को दादरी में आयोजित प्रगति रैली के दौरान दादरी जिला उपायुक्त श्यामलाल पूनियां को अति शीघ्र सर्वे रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सौंपने की बात कही ताकि लोगों की राय जानने के बाद इस पर आगामी निर्णय लिया जा सके। जिला उपायुक्त ने भी आठ जुलाई को ही कमेटी का गठन कर सर्वे टीम तैयार करने के आदेश जारी कर दिए। जिसके बाद बाढड़ा एसडीएम ने शुक्त्रवार देर शाम सर्वे टीम की लिस्ट जारी कर शनिवार से टीम को सर्वे के लिए फील्ड में उतार दिया है।

डोर-टू डोर ली जा रही लोगों की राय

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद शनिवार से सर्वे का कार्य शुरु करवा दिया गया है। जिसके तहत चयनित टीमें सभी 11 वाडोंर् में जाकर बाढड़ा व हंसावास कलां की सर्वे रिपोर्ट तैयार करेंगी। सर्वे टीम को एक ऑलनाइन लिंक दिया गया है। जिसमें टीम सदस्य लोगों की नगरपालिका को लेकर लोगों की क्या राय हैं उसको दर्ज कर रहे हैं। इसके लिए लिंक में तीन विकल्प दिए गए हैं वे नगर पालिका बनने के पक्ष में हैं, वे नगर पालिका बनने के पक्ष में नहीं हैं और नोटा । सर्वे टीम को डोर.टू डोर जाकर तैयार की गई रिपोर्ट रविवार दोपहर बाद तीन बजे तक सौंपनी होगी।

मामले को लेकर राजनीति करने की बातों पर लगेगा विराम

बाढड़ा नगर पालिका का दर्जा रद्द करवाने के लिए ग्रामीणों द्वारा काफी जोर लगाया गया है। यहां तक कि गांव हंसावास के ग्रामीणों ने तो नगर पालिका तुड़वाने के लिए आने वाले खर्चे के लिए चंदा तक एकत्रित किया है। लेकिन दूसरी ओर जो लोग नगर पालिका के पक्ष में थे उनके द्वारा इसे कुछ लोगों द्वारा राजनीति से प्रेरित होकर उठाया गया मुद्दा करार दिया जा रहा था। लेकिन जिस प्रकार मामले को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है। उससे ये तो साफ हो जाएगा कि नगर पालिका को लेकर कुछ लोगों द्वारा राजनीति की जा रही थी या फिर असल में लोग नगर पालिका चाहते ही नहीं हैं।

नगर पालिका बरकरार रखने के लिए भी सौंपा गया था ज्ञापन

बाढड़ा नगर पालिका रद्द कर पुनरू ग्राम पंचायत का दर्जा बहाल करने के लिए एक ओर जहां ग्रामीणों द्वारा बार.बार ज्ञापन सौंपे गए हैं। वहीं दूसरी ओर ब्रह्मा किसान सभा द्वारा नगर पालिका बरकरार रखने के के पक्ष में भी ज्ञापन सौंपा गया था। लेकिन अब सीएम ने गेंद दोनों ग्रामीणों के पाले में ही डाल दी हैं और सर्वे के माध्यम से वे ही तय करेंगे की उन्हें नगर पालिका रखना है या फिर ग्राम पंचायत बनवाना है।

सर्वे रिपोर्ट के बाद जनप्रतिनिधियों की ली जाएगी राय

दादरी में आठ जुलाई को आयोजित प्रगति रैली में सीएम मनोहरलाल ने सर्वे करवाने के आदेश देते हुए कहा था कि शीघ्र रिपोर्ट तैयार कर उन्हें भिवाई जाए ताकि आगामी मंगलवार या बुधवार तक इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सके। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि सर्वे रिपोर्ट के बाद अंतिम निर्णय लेने से पहले यहां के जनप्रतिनिधियों सांसद धर्मबीर सिंह, पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी व विधायक नैना चौटाला की राय भी ली जाएगी।

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