बहादुरगढ़ नगर परिषद ने आईडीबीआई बैंक पर किया केस, देखें पूरा मामला

बहादुरगढ़ नगर परिषद ने आईडीबीआई बैंक पर किया केस, देखें पूरा मामला
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23 जुलाई से 17 अगस्त तक नप के प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से निकाले गए थे 88.68 लाख रुपये, इस मामले में सीएम एसओ को निलंबित करने के आदेश दे चुके हैं।

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

नगर परिषद बहादुरगढ़ ( City Council Bahadurgarh) के अधीन प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से अनुचित तरीके से 88.68 लाख रुपए निकाले जाने के मामले में जहां प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल ( Cm Manohar Lal) द्वारा सख्ती दिखाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद ने बहादुरगढ़ के अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में नगर परिषद ने आईडीबीआई बैंक आदि के विरुद्ध इस राशि की रिकवरी के लिए एक केस दायर किया है। जिसमें अगली सुनवाई के लिए 27 मई 2021 की तिथि तय हुई है। इस मामले में सीएम द्वारा पहले तत्कालीन एसओ के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने, फिर उसे चार्जशीट करने और अब निलंबित करने के आदेश जारी हो चुके हैं।

बता दें कि नगर परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आईडीबीआई बैंक में खाता संख्या 0316104000171731 खोला था। खाता खोलते समय नगर परिषद को चैकबुक इशू हुई थी। हालांकि इस खाते को सरकार के पोर्टल से कनेक्ट कर लाभार्थियों को ऑनलाइन ही भुगतान किया होता था। प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थी को केवल तीन किश्तों में 2.5 लाख रुपए का ही भुगतान होता है। जबकि एक ही खाते में करीब 5 लाख से 25 लाख का एकमुश्त भुगतान बैंक अधिकारियों द्वारा किया गया। जी हां, 23 जुलाई 2020 से प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते में सेंध लग चुकी थी। लेकिन 17 अगस्त 2020 तक नगर परिषद बेपरवाह बनी रही।

आरोपितों द्वारा 23 जुलाई को चैक संख्या 288536 के माध्यम से 9 लाख 88 हजार, 31 जुलाई को चैक संख्या 288525 के माध्यम से 9 लाख 85 हजार, 4 अगस्त को चैक नंबर 288530 के माध्यम से 9 लाख 85 हजार, 6 अगस्त को चैक संख्या 288531 के माध्यम से 9 लाख 85 हजार और चैक संख्या 288532 के माध्यम से 9 लाख 95 हजार, 11 अगस्त को चैक संख्या 288521 के माध्यम से 24 लाख 50 हजार व चैक संख्या 288533 के माध्यम से 9 लाख 98 हजार व 17 अगस्त को चैक नंबर 288520 के माध्यम से 4 लाख 82 हजार रुपए निकाले गए थे। इन सभी चेकों पर नगर परिषद प्रधान शीला राठी व तत्कालीन ईओ अपूर्व चौधरी के हस्ताक्षर हैं। इनकी जांच होना भी अभी बाकि है।

28 अगस्त 2020 को दर्ज करवाई गई एफआईआर

नगर परिषद द्वारा 28 अगस्त 2020 को शहर थाना में दर्ज करवाई गई एफआईआर संख्या 399 में भी अनेक तकनीकी खामी छोड़ी गई हैं। उस समय बताया गया था कि ऑरिजिनल चेक/चेकबुक नगर परिषद कार्यालय में मौजूद हैं। जबकि बाद में आईडीबीआई का कोई भी चेक या चेकबुक नगर परिषद द्वारा पुलिस को उपलब्ध नहीं करवाया गया। नप के तत्कालीन ईओ अपूर्व चौधरी 10 अगस्त को रिलीव हो चुके थे, तो उनकी जगह आए अतर सिंह के नमूना हस्ताक्षर उसी दिन बैंकों में नहीं भिजवाए गए। नगर परिषद द्वारा बैंक के इस अकाउंट में जो मोबाइल नंबर दिया गया था, जिस पर बैंक द्वारा पैसे निकासी के मैसेज डिलीवर किए गए, उसे बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन पर लगा दिया गया।

इस वारदात को छह महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन पुलिस जांच में कुछ हाथ नहीं लगा। वहीं निकाय विभाग के निदेशक ने 21 जनवरी 2020 को पत्र संख्या 1806 के माध्यम से इस मामले में दिशा-निर्देश दिए थे। जिसकी पालना करते हुए डीएमसी ने 22 जनवरी को पत्र संख्या 287 के माध्यम से परजमीत सिंह के विरुद्ध चार्जशीट करने के लिए महानिदेशक (अकाउंटस एंड ट्रेजरी) को सिफारिश करने का आग्रह किया। साथ ही 11 फरवरी को पत्र संख्या 470 के तहत डायरी-डिस्पैच में कार्यरत जयप्रकाश को चार्जशीट कर दिया था। अब एसओ परमजीत को निलंबित कर दिया गया है।



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