बहादुरगढ़ नगर परिषद ने कूड़ा उठाने वाली कंपनी पर लगाया सवा 4 करोड़ का जुर्माना

बहादुरगढ़ नगर परिषद ने कूड़ा उठाने वाली कंपनी पर लगाया सवा 4 करोड़ का जुर्माना
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नगर परिषद द्वारा डोर-टू-डोर कलेक्शन के काम में कोताही बरतने के लिए कंपनी पर 8 महीने के दौरान 3 करोड़ 67 लाख 41 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं स्वीपिंग के टेंडर में निर्धारित शर्तों की अवहेलना पर बीते 12 महीनों में 57 लाख 6 हजार 7 सौ रुपये का जुर्माना लगाया है।

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़। शहर का कूड़ा प्रबंधन देख रही गणेशा एंटरप्राइजेस पर एक तरफ करीब सवा 4 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं दूसरी तरफ विशेष बैठक बुलाकर पिछली महीने ही कंपनी के दोनों टेंडरों को जारी रखने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इन दोनों निर्णयों से साफ है कि नगर सरकार विरोधाभासी फैसले ले रही है। चूंकि कंपनी कूड़े का प्रबंधन करने में ढिलाई बरत रही है। इसीलिए नगर परिषद द्वारा डोर-टू-डोर कलेक्शन के काम में कोताही बरतने के लिए कंपनी पर 8 महीने के दौरान 3 करोड़ 67 लाख 41 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं स्वीपिंग के टेंडर में निर्धारित शर्तों की अवहेलना पर बीते 12 महीनों में 57 लाख 6 हजार 7 सौ रुपये का जुर्माना लगाया है।

बता दें कि वार्ड नंबर-1 से 10 के साथ सेक्टर-2, 6, 7 व 9 आदि इलाकेे में स्वीपिंग-क्लीनिंग के ठेके पर प्रतिमाह करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इसके अलावा डोर-टू-डोर कूड़े का कलेक्शन, सेग्रिगेशन, ट्रांसपोर्टेशन व प्रोसेसिंग के ठेके पर हर महीने करीब 90 लाख खर्च होते हैं। डोर-टू-डोर कलेक्शन के साथ ही स्वीपिंग का टेंडर भी गणेशा एंटरप्राइजेस को अलॉट है। इनमें से एक ठेका 30 अप्रैल को खत्म हो चुका है। जबकि दूसरा 30 जून को पूरा हो चुका है। सफाई के नाम पर खजाने का मुंह खोलने वाली नगर परिषद अब सख्ती बरत रही है। शहर में कचरे का समय पर उठान नहीं करने के मामले में नगर परिषद ने गणेशा इंटरप्राइजेस पर कार्रवाई की है। कंपनी पर 4 करोड़ 24 लाख 47 हजार 700 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। हालांकि इससे पहले प्रधान सरोज राठी की अध्यक्षता में 8 सितंबर को नगर परिषद की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। विशेष बैठक में करीब अढाई करोड़ रुपए के दोनों सफाई ठेकों को नए टेंडर होने तक जारी रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया था।

सफाई ठेके को लेकर हुई नगर परिषद की विशेष बैठक के बाद शहर की राजनीति में भी एक मोड़ आया है। बैठक में सत्ता पक्ष के कई पार्षद एक सुर से कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने के साथ ही अनुबंध खत्म करने की मांग कर चुके हैं। पूरा मामला हिस्सेदारी में कटौती से जोड़कर देखा जा रहा है। बहरहाल, नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले नियमित निरीक्षण के दौरान मिली खामियों के आधार पर कंपनी पर बड़ा जुर्माना लगाया गया है। क्लीनिंग एंड स्वीपिंग के टेंडर की बात करें तो मई-2022 से अप्रैल-2023 तक कुल 12 महीने का बिल 18 करोड़ 13 लाख 97 हजार 364 रुपए बना। लेकिन इस समयावधि में कंपनी पर टेंडर की शर्तों की अवहेलना के आरोप में 57 लाख 6 हजार 700 रुपए जुर्माना लगाते हुए 16 करोड़ 11 लाख 6 हजार 817 रुपए का भुगतान कर दिया गया। जबकि डोर-टू-डोर कलेक्शन वाले टेंडर में जुलाई-2022 से फरवरी-2023 तक 8 महीने में 7 करोड़ 67 लाख 15 हजार 240 रुपए का बिल बना, लेकिन नगर परिषद ने इस राशि में से 3 करोड़ 67 लाख 41 हजार का जुर्माना काट लिया।

घर-घर से कूड़ा उठाने में लापरवाही बरतने पर कंपनी को 3 करोड़ 67 लाख 41 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया के साथ स्पीड भी संतोषजनक नहीं थी। कई बार नोटिस देने के बाद भी सुधार नहीं दिखा तो नियमानुसार जुर्माना लगाया गया है। कंपनी की कार्यशैली में सुधार नहीं आया तो अनुबंध की शर्तों के अनुसार कठोर कदम उठाए जाएंगे। -सरोज रमेश राठी, चेयरपर्सन, नगर परिषद, बहादुरगढ़

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