Bahadurgarh News : लेट-लतीफी के कारण समय पर नहीं बन पाएगा ईएसआईसी अस्पताल

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़। औद्योगिक नगर में कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के माध्यम से 100 बिस्तरों का अस्पताल बनवाया जा रहा है। लेकिन देरी से शुरू हुआ, निर्माण तय समय में पूरा नहीं हो पाएगा। करीब 91 करोड़ रुपए में बन रहे ईएसआई अस्पताल का निर्माण एग्रीमेंट के अनुसार 3 दिसंबर तक पूरा होना था। लेकिन तय समयावधि में ईएसआईसी अस्पताल का निर्माण पूरा होता नजर नहीं आ रहा। हालांकि कर्मचारियों में संतुष्टि इस बात है कि लंबे इंतजार के बाद अस्पताल का निर्माण तो हो रहा है।
सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचागत निर्माण में लेटलतीफी कोई नई बात नहीं है। हालांकि इसका जवाब ना शासन के पास मिलता है और ना ही प्रशासन के। बहादुरगढ़ में करीब 50 हजार कर्मचारी ईएसआईसी में अंशदान करते हैं। ईएसआईसी मान कर चलती है कि एक अंशदाता का मतलब कम से कम चार लोगों का परिवार तो होता ही है। अर्थात बहादुरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र के करीब 2 लाख लोग ईएसआई प्रदत्त स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े हुए हैं। ये तमाम लोग निगम से बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं लेने के हकदार हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 17 नवंबर 2018 को बहादुरगढ़ में 100 बिस्तर के ईएसआईसी हॉस्पिटल की अनुमति दी थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने एचएसआईआईडीसी के सेक्टर-4बी में करीब 5 एकड़ जमीन चिन्हित की थी। सीएम मनोहर लाल ने 3 मार्च 2019 को इसका विधिवत शिलान्यास किया था। सीपीडब्ल्यूडी ने जुलाई 2021 में 95 करोड़ 91 लाख 6 हजार 209 रुपए की लागत से टेंडर जारी किया। सीपीडब्ल्यूडी द्वारा 100 बेड के अस्पताल और 32 स्टॉफ क्वार्टरों के निर्माण का टेंडर मुकेश रंजन कॉन्ट्रेक्टर्स के नाम अलॉट किया गया था। यह काम 4 दिसंबर 2021 को शुरू हुआ था और निर्माण 3 दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है। हालांकि अभी ऐसा होता नहीं दिख रहा है। लेटलतीफी के कारण समयावधि में विस्तार होना तय लग रहा है।
अंशदान और सेवा-लाभ
बहादुरगढ़ में करीब 5 हजार छोटे-बड़े उद्योगों में 50 हजार कर्मचारी ईएसआईसी के अंशदाता हैं। बीमित कर्मचारी 78 दिन का ईएसआईसी अंशदान जमा करवाकर लाभ लेने का पात्र है, जबकि 6 माह की जॉब भी जरूरी है। वहीं बीमित परिवार के लिए यह सुविधा 156 दिन के अंशदान जमा कराने के बाद मिलेगी। परिवार को लाभ दिलाने के लिए एक साल की सेवा जरूरी है। वर्तमान में कर्मचारी की अंशदान दर वेतन का 0.75 प्रतिशत है। नियोक्ता की योगदान दर प्रत्येक वेतन अवधि में कर्मचारियों के संबंध में भुगतान/देय वेतन का 3.25 फीसद है।
डिस्पेंसरी तीन, इलाज शून्य
बहादुरगढ़ में ईएसआईसी के करीब 50 हजार बीमित कर्मचारियों को हर महीने वेतन से तय अंश देने के बावजूद चिकित्सा सेवाओं के नाम पर कुछ नहीं मिलता। शहर में सालों पहले धर्मपुरा में एक ईएसआईसी डिस्पेंसरी होती थी। फिर इसे शहर के किला मौहल्ला में शिफ्ट कर दिया गया। अब शहर के बादली रोड, सेक्टर-6 व लाइनपार में तीन डिस्पेंसरी हैं। मगर यहां ना तो इलाज होता है और ना ही दवाइयां मिलती हैं।
साढ़े 68 करोड़ का टेंडर
सीपीडल्ब्यूडी ने ईएसआईसी अस्पताल के निर्माण पर कुल 95 करोड़ 93 लाख 43 हजार 591 रुपए खर्च होने का अनुमान बनाया था। लेकिन टेंडर 68 करोड़ 58 लाख 34 हजार 733 रुपए का अलॉट हुआ। इसमें सिविल वर्क पर 47 करोड़ 81 लाख 59 हजार 246 रुपए, इलेक्ट्रिकल वर्क पर 20 करोड़ 52 लाख 28 हजार 985 रुपए और हॉर्टिकल्चर पर 24 लाख 46 हजार 502 रुपए की लागत आएगी।
तारीखों से समझिए
- 17 नवंबर 2018 - केंद्र सरकार से निर्माण को मंजूरी मिली।
- 3 मार्च 2019 - सीएम मनोहर लाल ने किया शिलान्यास।
- 4 दिसंबर 2021 - टेंडर अलॉट होने के बाद शुरू हुआ काम।
- 3 दिसंबर 2023 - अस्पताल का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य।
बहादुरगढ़ के हजारों औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधा के लिए करीब 5 साल पहले केंद्र सरकार ने 100 बिस्तर के ईएसआईसी हॉस्पिटल की अनुमति दी थी। सीएम मनोहर लाल ने शिलान्यास किया था। जिसके बाद सेक्टर-4बी में करीब 5 एकड़ जमीन पर दो साल पहले निर्माण शुरू हुआ था। करीब 95 करोड़ का यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा। - सुभाष जग्गा, अध्यक्ष, बीसीसीआई
उद्यमियों की मांग पर सरकार ने 17 नवंबर 2018 को बहादुरगढ़ में 100 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की थी। श्रम विभाग द्वारा सीपीडब्ल्यूडी के माध्यम से इसका निर्माण करवाया जा रहा है। ईएसआईसी अस्पताल बनने पर हजारों बीमित कर्मचारियों व उनके परिजनों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। कामगारों के साथ ही उद्यमियों को भी अस्पताल का निर्माण पूरा होने का इंतजार है। - विकास सोनी दहिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बीसीसीआई
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