बहादुरगढ़ : इस बार मेला ग्राउंड नहीं, पुराने कोर्ट परिसर में होगा रावण दहन

बहादुरगढ़ : इस बार मेला ग्राउंड नहीं, पुराने कोर्ट परिसर में होगा रावण दहन
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बीते छह दशकों में पहली बार रावण दहन के मुख्य कार्यक्रम का स्थल बदला गया है। पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण पुराने कोर्ट परिसर में पड़ी खाली जमीन को चुना गया है।

बहादुरगढ़। अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक दशहरा पर्व इस बार भी शहर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा, लेकिन इस बार मेला ग्राउंड के बजाय पुराने कोर्ट परिसर के मैदान में रावण का पुतला दहन किया जाएगा। बीते छह दशकों में पहली बार रावण दहन के मुख्य कार्यक्रम का स्थल बदला गया है।

दरअसल, परोपकारी सभा (सनातन धर्म महावीर मंदिर) की ओर से करीब 62 साल पहले इस परंपरा की शुरुआत बहादुरगढ़ में की गई थी। तब से हर साल मेला ग्राउंड में बुराई रूपी रावण के पुतले का दहन किया जाता था। पहले स्टेडियम और पार्क बनने के बाद मेला ग्राउंड का दायरा छोटा हो गया था। बची हुई कुछ जमीन पर प्रशासन की ओर से अब नंदी शाला का निर्माण कर दिया गया है। इसलिए अब दहन कार्यक्रम के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण पुराने कोर्ट परिसर में पड़ी खाली जमीन को चुना गया है। सभा की ओर से केवल रावण ही नहीं बल्कि सनातन धर्म का विरोध करने वालों का भी पुतला दहन किया जाएगा। फिलहाल कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं।

सनातन धर्म महावीर मंदिर में चार अक्टूबर से रोजाना सुंदर कांड पाठ हो रहा है। आगामी 24 अक्टूबर तक पाठ होगा। आगामी 22 अक्टूबर तक दिल्ली से पधारे मनीष चौहान श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का श्रवण करा रहे हैं। सोमवार 23 अक्टूबर की शाम को राम बारात, निकाली जाएगी। विजयदशमी पर दोपहर को ढोल नगाड़ों के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा महावीर मंदिर से शुरू होकर मेन बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, गांधी चौक, मांडोठी बाजार, झज्जर रेाड से होते हुए पुराना कोर्ट परिसर में पहुंचेगी। यहां राम-रावण सेना मंे युद्ध होगा और इसके बाद दहन कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम में मुकुटधारी हनुमान आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इस बार प्रियांशु, करण परुथी, हिमांशु, नितिन आदि को मुकुट धारण करने का अवसर मिला है।

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