Bahadurgarh : कुश्ती को नुकसान पहुंचा रही संघ में वर्चस्व की राजनीति

- हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव डॉ. राकेश कोच ने संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन करने वालों पर उठाए सवाल
- भारतीय कुश्ती संघ की एडहोक कमेटी से की शिकायत
Bahadurgarh : हरियाणा में कुश्ती संघ एक बार फिर राजनीति का अखाड़ा बन रहा है। एक तरफ जहां वर्तमान कार्यकारिणी को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, वहीं दूसरी तरफ एक गुट द्वारा नेशनल गेम्स के लिए ट्रायल भी आयोजित कर दिए। जिसे लेकर वर्तमान पदाधिकारियों ने नाराजगी जताई और भारतीय कुश्ती संघ की एडहोक कमेटी से शिकायत की है। उनके अनुसार अनाधिकृत लोगों द्वारा कुश्ती संघ के नाम पर राजनीति करने से खिलाड़ियों का नुकसान होना तय है।
हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन के महासचिव डॉ. राकेश सिंह कोच ने बताया कि भारतीय कुश्ती संघ ही देश में कुश्ती के लिए सर्वेसर्वा है। हरियाणा में मनमर्जी से कोई नया कुश्ती संघ बनाकर किसी तरह की गतिविधि करना गैर कानूनी है। अतीत में डब्ल्यूएफआई ने ही हरियाणा कुश्ती संघ की निष्क्रियता को देखते हुए इसे भंग किया था। जिसके बाद सभी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करते हुए गुरुग्राम में 31 जुलाई 2022 को कुश्ती संघ की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें रोहताश नांदल को प्रधान और डॉ. राकेश कोच को महासचिव बनाया गया था। जबकि रमेश पांचाल को वरिष्ठ उपप्रधान, बिजेंद्र लोहान, कृष्ण ढुल, योगेश मेहता और अजय मलिक को उप प्रधान बनाया था। सुरेंद्र कुमार, कदम सिंह और मनदीप सह सचिव बने थे। सुमित नरवाल खजांची बनाए गए थे। कार्यकारिणी में ओमप्रकाश सहरावत, राजवीर सिंह, धीर सिंह डागर, प्रदीप सैनी, विजय दहिया, नवदीप संधू और वीरेंद्र सिंह सदस्य बनाए गए थे। कुश्ती संघ की नई कार्यकारिणी ने जिम्मेदारी संभालते ही रोहतक में फेडरेशन कप का भव्य आयोजन करवाया। फिर झज्जर में नवंबर में स्टेट चैंपियनशिप करवाई। इसके बाद 3 से 6 दिसंबर तक बहादुरगढ़ में नेशनल चैंपियनशिप आयोजित की।
उन्होंने बताया कि जब नई कार्यकारिणी ने कुश्ती खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम शुरू किया तो तमाम तरह का गतिरोध पैदा किया गया। भारतीय कुश्ती संघ की नई कार्यकारिणी गठित करने के लिए भी 12 अगस्त को चुनाव होना था। लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी। इस चुनाव में हरियाणा से रोहताश नांदल और राकेश कोच को ही मताधिकार प्राप्त था। कोच के अनुसार 16 अक्टूबर को अदालत में इसे लेकर सुनवाई तय है। प्रदेश कार्यकारिणी पर कोई रोक नहीं है। इसके बावजूद राजनीति से प्रेरित कुछ लोगों ने 2 अक्टूबर को अवैधानिक तरीके से ट्रायल करवाने के लिए सभी जिला यूनिट्स को पत्र लिखा। जबकि नेशनल गेम्स के लिए ट्रायल करवाना प्रदेश कार्यकारिणी का दायित्व है। अब तक प्रत्येक राष्ट्रीय स्पर्धा में अधिकृत कार्यकारिणी द्वारा चयनित टीम ने ही हिस्सा लिया है। पहलवानों को भ्रमित करने के उद्देश्य से इस तरीके के हथकंडे अपनाना अनुचित है।
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