Bahadurgarh : दिल्ली में जिम बंद तो कसरत के लिए बहादुरगढ़ तक कदमताल कर रहे युवा

Bahadurgarh :  दिल्ली में जिम बंद तो कसरत के लिए बहादुरगढ़ तक कदमताल कर रहे युवा
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दिल्ली (Delhi) में कोरोना के चलते बंद हुए जिम करीब पांच महीने बीत जाने के बाद भी नहीं खुल पाए हैं। काफी इंतजार करने के बाद भी जब जिम (gym) नहीं खुले तो अब वहां के युवाओं ने बहादुरगढ़ का रुख करना शुरू कर दिया है।

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

दिल्ली में कोरोना (Corona) के चलते बंद हुए जिम करीब पांच महीने बीत जाने के बाद भी नहीं खुल पाए हैं। काफी इंतजार करने के बाद भी जब जिम नहीं खुले तो अब वहां के युवाओं ने बहादुरगढ़ का रुख करना शुरू कर दिया है। नजदीग लगते टीकरी गांव, मुंडका, घेवरा, झाड़ोदा सहित अन्य इलाकों के युवा अब बहादुरगढ़ के हेल्थ क्लबों में कसरत करने के लिए आ रहे हैं।

घेवरा के मनीष ने कहा कि प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर के लिए जिम में रोजाना कई घंटे अभ्यास (Practice) करना जरूरी होता है। घर पर कसरत करने से वो बात नहीं बनती। जिम बंद हुए तो अभ्यास छूट गया। इसके बाद अनलॉक लगा तो उम्मीद जगी कि शायद जिम खुलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सीजन शुरू हो जाएगा, इसलिए मजबूरीवश बहादुरगढ़ का रुख करना पड़ रहा है।

सुबह-शाह बहादुरगढ़ आकर जिम में कसरत करते हैं। थोड़ी सी परेशानी तो होती है, लेकिन दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है। मुंडका निवासी प्रदीप ने कहा कि बसें चल रही हैं, कंपनियां चल रही हैं और भीड़भाड़ वाले मार्केट भी खुल चुके हैं।

जिन क्षेत्रों में फिजिकल डिस्टेंस मेंटेन नहीं हो पाता, उन्हें तो सरकार ने छूट दे दी है लेकिन जिम में तो अक्सर युवा निश्चित दूरी पर ही अभ्यास करते हैं। फिर भी न जाने क्यों सरकार जिम खोलने की मंजूरी नहीं दे रही।

जिम न खुलने के कारण उसे व उसके साथियों को बहादुरगढ़ जाना पड़ता है। टीकरी निवासी आकाश ने कहा कि कसरत करने से इम्युनिटी बूस्ट होती है। यदि दिल्ली सरकार कुछ नियम शर्तें लागू कर जिम खोल दे तो युवाओं को स्वास्थ्य लाभ मिले।

लेकिन वहां की सरकार सेहत के बजाय नशे को अधिक तवज्जो दे रही है। महीनों पहले ही शराब ठेके खोल दिए थे, लेकिन जिम खोलने का अभी तक नाम भी नहीं ले रही। पीतमपुरा के निवासी अमित ने कहा कि वह बॉडी बिल्डर हैं और उनका खुद का जिम है।

पांच महीने जिम बंद होने से आर्थिक हानि तो हुई ही, सेहत पर भी प्रभाव पड़ा है। काफी इंतजार करने के बाद अब उन्होंने बहादुरगढ़ आना शुरू कर दिया है। रोजाना सुबह-शाम कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है।



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