बीसीसीआई चुनावों के लिए बनी एडहॉक कमेटी पर रोक, उद्यमी कर रहे चुनाव का इंतजार

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
औद्योगिक संस्था बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (बीसीसीआई) के चुनावों के लिए जिला फर्म एंड सोसायटीज रजिस्ट्रार द्वारा गठित एडहॉक कमेटी पर द स्टेट रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। विदित है कि बीसीसीआई के चुनाव जून-2015 में हुए थे। निर्वाचित पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए था। लेकिन कार्यकाल खत्म होने के बाद 4 साल हो चुके हैं और उद्यमी चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। वर्तमान हालात में यह इंतजार लंबा खिंचता दिख रहा है।
दरअसल, बहुप्रतिक्षित बीसीसीआई चुनावों के लिए फर्म एवं सोसायटीज की जिला रजिस्ट्रार संजीत कौर कटारिया ने 4 जुलाई 2022 को पांच सदस्यों की एडहॉक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में पन्ना लाल वैद्य, सतीश चौपड़ा, विजय मिगलानी, वीके जैन व सुरेश गुप्ता शामिल हैं। आदेशों के अनुसार एडहॉक कमेटी को तीन महीने में चुनाव करवाने थे। लेकिन प्रवीण गर्ग ने डिस्ट्रक्ट फर्म एंड सोसायटी रजिस्ट्रार ने अपील संख्या 1165/2022 के तहत एडहॉक कमेटी गठित करने के निर्णय को स्टेट रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज के समक्ष चुनौती दी थी। इस पर 30 अगस्त को चुनवाई करते हुए स्टेट रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज ने अगली सुनवाई तक इस पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी, तब तक एडहॉक कमेटी चुनावों को लेकर कोई घोषणा नहीं कर सकेगी।
प्रवीण गर्ग के अनुसार बीसीसीआई के निवर्तमान महासचिव सुभाष जग्गा की अनुशंसा पर यह पांच सदस्यीय एडहॉक कमेटी बनाई गई थी। जबकि 2012 में बने एक्ट के अनुसार चुने गए पदाधिकारी अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद संस्था के पदों अथवा शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकते। उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए एडहॉक कमेटी पर रोक लग गई है। हालांकि प्रवीण गर्ग समेत अन्य उद्यमी बीसीसीआई के चुनावों का इंतजार करने से आजिज आकर कॉन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज के नाम से अलग संस्था बना चुके हैं। लेकिन बहादुरगढ़ के उद्यमियों की पहचान बीसीसीआई से है, इसीलिए इसके चुनावों को लेकर बीते चार सालों से उठापठक जारी है।
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