सावधान ! जरा संभल कर चलें, शहर की धराशाही सड़कें कर सकती है घायल

सावधान ! जरा संभल कर चलें, शहर की धराशाही सड़कें कर सकती है घायल
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शहर के मुख्य मार्गो से लेकर सेक्टरों तक की सड़कें खस्ताहाल हो चुकी है। सड़कों पर हुए भारी-भरकम गड्ढें पर वाहन हिचकोले खा रहे है, लेकिन प्रशासन की ओर से नई सड़क बनाना तो दूर इन पर पैचवर्क भी नहीं किया जा रहा है।

रेवाड़ी। शहर के मुख्य मार्गों से लेकर सेक्टरों तक की सड़कें खस्ताहाल हो चुकी है। सड़कों पर हुए भारी-भरकम गड्ढें पर वाहन हिचकोले खा रहे है, लेकिन प्रशासन की ओर से नई सड़क बनाना तो दूर इन पर पैचवर्क भी नहीं किया जा रहा है। सेक्टरों की ज्यादातर सड़कों पर 5 से 6 फीट तक चौड़े गड्ढ़े लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है, जिससे कई बाइक व स्कूटी सवार स्लिप होकर चोटिल भी हो चुके है।

वहीं शहर के महाराणा प्रताप चौक से लेकर भाड़ावास रोड तक सड़क बनाई गई नई सड़क की महज एक महीने में रोडियां निकलनी शुरू हो गई है। इससे नगर परिषद की भ्रष्टाचार की एक ओर तस्वीर साफ नजर आ रही है। आप अंदाजा लगा सकते है सड़क निर्माण में कैसी गुणवत्ता का ध्यान रखा गया है। सड़क निर्माण के बाद शिकायत आने पर लिए गए सेंपल भी पास कर दिए जाते है।

लंबे समय से थी सड़क बदहाल

करीब एक दशक से महाराणा प्रताप चौक से लेकर भाड़ावास रोड तक सड़क बदहाल पड़ी हुई थी। नगर परिषद की ओर से निर्माण शुरू करके एक तरफ की सड़क बनाकर छोड़ दी गई थी। करीब 6 महीने बाद दूसरी तरफ की सड़क का निर्माण शुरू किया गया, लेकिन सड़क बनने के एक महीने में ही करीब डेढ़ करोड लागत की सड़क की रोडियां दिखने लगी है। ऐसे में जिस तरह से सड़क से रोडियां निकलती हुई दिखाई दे रही है कहीं ना कहीं पूरे सिस्टम पर भी सवाल खड़े करती है। इसी तरह नेहरू पार्क से हाउसिंग बोर्ड की नई सड़क की पर जगह-जगह पैच लगाए जा चुके है। इस संबंध में नगर परिषद के कार्यकारी अभियंता ने कोई संतुष्टी भरा जवाब नहीं दिया कहा कि जांच कराई जाएगी, लेकिन अक्सर देखा गया कि जांच के नाम पर तमाम दावे जरूर किए जाते हैं। जांच होती भी है, लेकिन खामियों के बाद सेंपल पास हो जाते है।

इन सड़कों से निकलना हुआ मुश्किल

शहर के सरकुलर रोड पर नाईवाली चौक, मुख्य बाजार, सचिवालय रोड, ब्रास मार्केट, नगर परिषद के सामने, मोती चौक बाजार से काठमंडी, नई सब्जीमंडी, गोकल गेट से रेलवे रोड, सेक्टर-3, सेक्टर-4 सहित कई कॉलोनियों की सड़कों पर भारी-भरकम गड्ढ़े बन गए है। इन सड़कों पर करीब 2 महीने पहले गड्ढ़ों में मलबा डाला गया था जोकि अब पूरी तरह हट चुका है।

हादसे हुए तो कौन जिम्मेदार

शहर की जर्जर सड़कों पर हुए गढ्ढों से कोई हादसा होता है तो आखिर कौन जिम्मेदार होगा। डीसी के आदेश पर शहर में सिर्फ एक बार गड्ढ़ों में मिट्टी डाली गई जो कि एक सप्ताह में गायब हो गई। इसके बाद सड़कों पर हुए गड्ढ़े दोबारा उभर कर सामने आ गए तथा पिछले 5 दिन लगातार हुई बरसात से शहर की सड़कों की हालत ही बिगाड़ कर रख दी है।

अंधेरे में परेशानी बने गड्ढें

शहर के सरकुलर रोड, बावल रोड, नई अनाजमंडी रोड, गढ़ी बोलनी रोड सहित कई वार्डो में स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी होने के कारण रात के समय सड़कों पर अंधेरा छाया रहता है। अंधेरे के कारण वाहन चालकों खासकर दो पहियां वाहन सवारों को सड़कों पर बने गड्ढ़े दिखाई नहीं देने के कारण काफी परेशानी का समना करना पड़ रहा है। गड्ढ़ों में टू व्हीलर घुस जाने के कारण कई लोग चोटिल भी हो चुके है।

टेक्निकल टीम करेगी सड़क का निरीक्षण

अभी ठेकेदार की कोई पेमेंट नहीं की गई है। टेक्निकल टीम से सड़क का निरीक्षण कराकर सेंपल लिए जाएंगे। सड़क निर्माण में खामियां मिलने पर उसको फिर से दुरुस्त कराया जाएगा।

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