बैंक हो या एटीएम बूथ, दिव्यांग लोगों के लिए सुविधाओं की दरकार, पढ़ें क्या है नियम

बैंक हो या एटीएम बूथ, दिव्यांग लोगों के लिए सुविधाओं की दरकार, पढ़ें क्या है नियम
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हरियाणा दिव्यांगजन आयोग के आयुक्त को दी शिकायत में संजय कुमार शर्मा ने बताया कि नारनौल शहर में विभिन्न बैंकों की करीब 25 शाखाएं हैं किंतु एक-दो बैंकों को छोड़कर बाकी सभी बैंक दिव्यांग लोगों के लिए निरर्थक है एवं समस्या प्रदान करने वाले रहे हैं।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

बैंकों में दिव्यांग लोगों के लिए सुविधाओं की दरकार साफ दिखाई दे रही है। बैंक हो या एटीएम बूथ। हर जगह खानापूर्ति या दिखावे के रूप में रैम्प है। ऐसे बैंक या एटीएम बूथों को अब डीएसडब्ल्यूओ चिन्हित करेंगे। उन्हें एक माह का नोटिस दिया जाएगा। इस समयावधि में भी अगर दिव्यांग लोगों से जुड़ी सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई तो पांच लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

हरियाणा दिव्यांगजन आयोग के आयुक्त को दी शिकायत में संजय कुमार शर्मा ने बताया कि नारनौल शहर में विभिन्न बैंकों की करीब 25 शाखाएं हैं किंतु एक-दो बैंकों को छोड़कर बाकी सभी बैंक दिव्यांग लोगों के लिए निरर्थक है एवं समस्या प्रदान करने वाले रहे हैं। छोटा भाई एक वाहन दुर्घटना में शत प्रतिशत दिव्यांग हो गया था जोकि चलने फिरने में असमर्थ है। पूरी तरह व्हील चेयर पर निर्भर है और वह उसका अटेंडेंट है। जब भी भाई को अथवा किसी अन्य दिव्यांग अथवा बुजुर्ग व्यक्ति को बैंक में जाना पड़ता है तो वह बैंकों में प्रवेश करने की गंभीर समस्या से जूझते हैं। शहर के अधिकांश बैंक रोड लेवल से पांच से 20 फीट तक ऊंचे हैं। इन बैंकों में चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। जब भी कोई दिव्यांग, बीमार, लाचार अथवा वृद्ध व्यक्ति बैंक में किसी काम से आता है तो उन्हें बैंकों में अथवा एटीएम में लेनदेन के लिए बड़ी भारी कठिनाई होती है क्योंकि इन सीढ़ियों पर वह आसानी से चढ़ नहीं पाते हैं। अधिकांश बैंकों में या तो रैम्प की व्यवस्था नहीं है या फिर जो रैम्प बने हैं वह इतने अव्यापारिक है कि उन पर चढ़ते समय अच्छा भला आदमी भी दिव्यांग हो सकता है। ऐसे में दिवंगत व्यक्ति के आत्म स्वाभिमान को बहुत ठेस लगती है और उसे दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है।

रिजर्व बैंक के 2008,2011 व 2016 में जारी सर्कुलर के अनुसार दिव्यांगजन के लिए बैंकों में सुगम प्रवेश सुनिश्चित करना शाखा की जिम्मेदारी है। प्रत्येक बैंक की शाखाएं एवं प्रत्येक बैंक का कम से कम एक एटीएम दिव्यांगजन मित्रवत होना चाहिए। ब्रेल तकनीक में होना चाहिए। व्हील चेयर प्रवेश के लिए सुविधाजनक होनी चाहिए। जिन बैंकों ने रैम्प बनाए हैं वह नियमों के अनुसार बिल्कुल भी नहीं है।

क्या कहते है डीएसडब्ल्यूओ

डीएसडब्ल्यूओ अमित शर्मा ने बताया कि बैंक व एटीएम बूथ में नियमानुसार रैम्प की सुविधा होनी आवश्यक है। वह ऐसे बैंक व एटीएम को चिन्हित करवा रहे है। इसके बाद उन्हें एक माह का नोटिस भेजा जाएगा।

क्या कहते है आयुक्त

हरियाणा दिव्यांगजन आयोग के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि महेंद्रगढ़ जिला में उपायुक्त व डीएसडब्ल्यूओ को उन्होंने लिखा है वह जिला में ऐसे बैंक या एटीएम बूथ को चिन्हित कर उन्हें रैम्प सहित दिव्यांगजनों को मिलने वाली अन्य सुविधा नियमानुसार दें। पहले एक माह का ऐसे बैंकों को नोटिस दिया जाएगा। नोटिस के एक माह बीत जाने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिलती है तो पहला जुर्माना 10 हजार का लगाया जाएगा। दूसरा जुर्माना 50 हजार से पांच लाख तक लगाया जा सकता है। नियामवली में यह साफ लिखा है कि अगर कोई बैंक के लिए भवन किराये पर लेता है तो अगर उस भवन में दिव्यांगजन से जुड़ी सुविधाएं नहीं है तो वह भवन मान्य ही नहीं होगा। ऐसे सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा।

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