World Wetland Day : मांडोठी वेटलैंड में आए 150 प्रजातियों के खूबसूरत परिंदें, पिछली बार के मुकाबले इस वर्ष दोगुनी हुई संख्या

World Wetland Day : मांडोठी वेटलैंड में आए 150 प्रजातियों के खूबसूरत परिंदें, पिछली बार के मुकाबले इस वर्ष दोगुनी हुई संख्या
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रूस, साइबेरिया सहित अन्य ठंडे देशों के परिंदे हर साल कुछ महीने प्रवास करने के लिए भारत आते हैं। अक्टूबर में ठंड की शुरुआत में आते हैं और मार्च में धूप की तल्खी बढ़ने के साथ अपने देशों के लिए प्रस्थान कर देते हैं। झज्जर जिला भी इन खूबसूरत परिंदों को खूब भाता है।

मनीष कुमार : बहादुरगढ़

हजारों किलोमीटर का आसमानी रास्ता तय कर जिले में आए विदेशी परिंदाें की गिनती पूरी कर ली गई है। बहादुरगढ़ के गांव मांडोठी में स्थित वेटलैंड में 150 प्रजातियाें के लगभग 30 हजार पक्षी आए हैं। यह संख्या पिछली बार के मुकाबले लगभग दोगुणी है। न केवल मांडोठी, बल्कि झज्जर जिले के कई हिस्से विदेशी खूबसूरत परिंदों की चहचाहट से गुलजार हैं। लेकिन सबसे अधिक प्रजातियां मांडोठी के वेटलैंड में ही पाई गई हैं।

रूस, साइबेरिया सहित अन्य ठंडे देशों के परिंदे हर साल कुछ महीने प्रवास करने के लिए भारत आते हैं। अक्टूबर में ठंड की शुरुआत मंे आते हैं और मार्च में धूप की तल्खी बढ़ने के साथ अपने देशों के लिए प्रस्थान कर देते हैं। झज्जर जिला भी इन खूबसूरत परिंदों को खूब भाता है। यहां भिंडावास झील के अलावा मांडोठी वेटलैंड भी इनकी पसंदीदा जगह है। हर साल हजारों की तादाद में आते हैं। वाइल्ड लाइफ व फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की ओर से रविवार को विदेशों से आए परिंदों की गिनती शुरू की गई थी। गिनती खत्म होते ही सामने आया कि इस बार मांडोठी वेटलैंड में कॉमनशेल्डक, यूरेशियन कर्लू, ग्रेट क्रस्टेड ग्रीब सहित 150 प्रजातियों के करीब 30 हजार पक्षी आए हैं। वाइल्ड लाइफ इंस्पेक्टर देवेंद्र हुड्डा व बर्ड वॉचर सोनू दलाल की देखरेख में गिनती की गई थी।

पिछले साल के मुकाबले इस साल पक्षी लगभग दो गुणा आए हैं। पिछले साल गिनती में 130 प्रजातियों के लगभग 15 हजार पक्षी मांडोठी वेटलैंड में देखने को मिले थे। इस बार परिंदों की ज्यादा संख्या की वजह जलभराव बताई जा रही है। बर्ड वॉचर सोनू दलाल ने बताया कि बरसात काफी हुई थी। इसलिए वेटलैंड में पिछले साल के मुकाबले पानी ज्याद होने की वजह से ही परिंदे अधिक ठहरे हुए हैं। अभी लगभग डेढ़ दो महीने और पक्षी यहां रहेंगे। फिर अपने देश के लिए रवाना हो जाएंगे। जिले भर में सबसे अधिक परिंदों की प्रजाति मांडोठी वेटलैंड में ही पाई गई हैं। वैसे इन पक्षियों के लिए विदेशी शब्द ठीक नहीं है। क्योंकि ये सालभर में लगभग पांच-छह महीने तो ये यहां ठहरते हैं, इसलिए ये भी अपने ही हैं। बस अपनी जरूरत के अनुसार ठिकाना बदलते रहते हैं।


बहादुरगढ़ : विदेशी पक्षियों को देखने पहुंचे अधिकारी व पक्षी प्रेमी।

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