Holi : होलिका दहन में बाधा नहीं बनेगा भद्रा योग, शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक शुभ मुहूर्त

Holi :  होलिका दहन में बाधा नहीं बनेगा भद्रा योग, शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक शुभ मुहूर्त
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ज्योतिषाचार्य पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि होलिका दहन के दिन भद्रा योग दोपहर एक बजे तक रहेगा। जबकि, होलिका दहन शाम को गोधुलि बेला के समय से शुरू होगा। माना जाता है कि होलिका दहन के दौरान हवा की दिशा से तय होता है कि अगले एक साल तक व्यापार, कृषि, वित्त, शिक्षा व रोजगार आदि कैसा रहेगा।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

अशुभ माना गया भद्रा योग इस बार होलिका दहन में बाधा नहीं बनेगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम साढ़े छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक रहेगा। इसके बाद चौघडि़या में शुभ, लाभ व अमृत के दौरान भी होलिका दहन किया जा सकता है। होलिका दहन 28 मार्च को होगा, जबकि 29 मार्च को दुल्हेंडी मनाई जाएगी।

बता दें कि होली त्योहार का पहला दिन होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है। ज्योतिषाचार्य पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि होलिका दहन के दिन भद्रा योग दोपहर एक बजे तक रहेगा। जबकि, होलिका दहन शाम को गोधुलि बेला के समय से शुरू होगा। माना जाता है कि होलिका दहन के दौरान हवा की दिशा से तय होता है कि अगले एक साल तक व्यापार, कृषि, वित्त, शिक्षा व रोजगार आदि कैसा रहेगा। उनके अनुसार होलिका की रात को दीपावली व शिवरात्रि की तरह महारात्रि की श्रेणी में शामिल किया गया है। होलिका की राख को मस्तक पर लगाने का विधान है। ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं। इस रात मंत्र जाप करने से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।

जैसे-जैसे होली नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। क्षेत्र के बाजार में विभिन्न दुकानें होली पर बिकने वाली सामग्री रंग-गुलाल, पिचकारी, टोपियों तथा गुब्बारों के स्टॉल से पटी नजर आ रही हैं। बच्चों को लुभाने के लिए बाजार में तरह-तरह के कार्टून के डिजाइन वाली पिचकारी देखने को मिल रही है। साथ ही रंगबिरंगी टोपियां और तरह-तरह के फैंसी ड्रेस तथा आकर्षक मास्क दुकानों में सजे दिख रहे हैं। इसके अलावा बाजारों में इस बार हर्बल कलर्स की ढेरों वैरायटी उपलब्ध हैं।

बता दें कि रविवार 21 मार्च से होलाष्टक प्रारंभ हो गया है। जिसके कारण मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई है। होलाष्टक 28 मार्च को होलिका दहन के साथ ही समाप्त होगा। इसमें सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस दौरान हिदू धर्मों के 16 संस्कारों को ना करने की सलाह दी जाती है।

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