Bhiwani: आई-फ्लू का कहर, प्रकोप से नहीं बचा देहात व शहर

- स्कूलों में घटी बच्चों की हाजिरी, विशेषज्ञ दे रहे फ्लू से बचने की जानकारी
- अस्पतालों में लगी आई फ्लू के मरीजों की लंबी कतार
Bhiwani : मानसून के मौसम के दौरान इन दिनों नागरिकों में आई फलू की समस्या बढ़ती जा रही है। शायद ही कोई मोहल्ला या क्षेत्र इसके प्रकोप से बचा हो। ग्रामीण इलाके ही नहीं शहर के लोग भी आई-फ्लू की चपेट में है। बढ़ते मरीजों की वजह से सरकारी ही नहीं, निजी अस्पताल भी मरीजों से अटे हुए है। हालात ये बने है कि लोग केमिस्टों से ही दवाई लेकर आंखों की जलन को कम कर रहे है। दूसरी तरफ आई फ्लू (Eye Flu) की वजह से सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में बच्चों की हाजिरी आधी से भी कम रह गई। वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ इस बीमारी से बचने के टिप्स दे रहे है।
सरकारी अस्पताल में सबसे ज्यादा ओपीडी आई फ्लू से पीड़ितों की हो रही है। रोजाना 200 से लेकर 250 तक लोग आंखों की बीमारियों से पीड़ित है। वे सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे है। यही स्थिति निजी आंखों के अस्पताल की है। वहां पर मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में फ्लू से पीड़ितों की संख्या कई गुणा बढ़ जाएगी। हालात ये बने है कि अब लोग अस्तपालों की बजाय मेडिकल स्टोर से ही आंखों की जलन कम करने व फ्लू के संक्रमण से बचने की दवा ले रहे है। खैर वह कितनी कारगार साबित होगी, यह तो बाद में ही पता चलेगा, लेकिन फिलहाल उक्त दवाई से राहत तो मिल ही रही है।
चिकित्सकों की सलाह के बाद विद्यार्थी की आंखों में दवाई डाली
शारीरिक शिक्षक विनोद पिंकू ने वीरवार को जिला के गांव घुसकानी स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में विद्यार्थियों को आई फ्लू से बचने की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों की सलाह के बाद विद्यालय के बच्चे की आंख में दवाई डाली तथा दवाई का वितरण भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अध्यापक कृष्ण कुमार द्वारा की गई। शारीरिक शिक्षक विनोद ने कहा कि इन दिनों आई फ्लू नामक बीमारी की समस्या बढ़ती जा रही है। आई फ्लू की बीमारी ना केवल बच्चों, बल्कि बड़ों में भी देखने को मिल रही है। ऐसे में प्रत्येक जन को इस बीमारी के प्रति सतर्क व जागरूक रहने की आवश्यकता है।
क्या है आई फ्लू के लक्षण
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. नवीता यादव ने बताया कि हाल ही के कुछ दिनों से स्वास्थ्य संस्थाओं पर आंखों की समस्या के जितने भी मरीज आ रहे हैं, उनमें से लगभग 70 प्रतिशत आई फ्लू के मरीज पाए जा रहे हैं। इस बीमारी में आंखों का लाल होना, आंखों में सूजन होना, आंखों में रड़क होना, आंखों में पानी आना व आंखों में डीड आना बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। यह बीमारी वायरल कन्जैकटीवीटी कहलाती है तथा इसके ठीक होने में एक सप्ताह से 10 दिन तक लग जाते हैं। इसलिए जिन बच्चों में इस बीमारी के लक्षण हैं, उन बच्चों को स्कूल में न भेजें, वहीं स्कूल प्रशासन भी सतर्क रहें और ऐसे बच्चों को उनके घर भेज दें, ताकि स्कूल के दूसरे बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सके।
क्या अपनाए सावधानी
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. नवीता यादव ने बताया कि आंखों की बीमारी छोटे-छोटे बच्चों में काफी ज्यादा फैल रही है। जिन लोगों की आंख दुखनी आई हुई है, उन्हें साबुन से हाथों को बार-बार धोते रहना चाहिए तथा आंखों पर काला चश्मा अवश्य लगाकर रखना चाहिए। इस बीमारी का इलाज एंटीबायोटिक आई ड्राप्स से होता है जो मरीज को आखों में थोड़े-थोड़े समय में डालनी होती है। नेत्र चिकित्सक की सलाह लिए बिना कोई भी दवा आंखों में न डालें।
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