Bhiwani : भाषा एक्सपर्ट को डिजिटल बोर्ड के प्रयोग में कराई जाएगी महारथ हासिल

Bhiwani : अब विद्यार्थियों को स्कूली बैग से भाषा की किताबें निकालने की जरूरत नहीं होगी। उनको डिजिटल बोर्ड पर एक क्लीक से भाषा (हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत) के चैप्टर आंखों के सामने होंगे। शिक्षक जितना पढ़ाएगा, अगले दिन उससे आगे का ही प्वाइंट अपने आप खुल जाएगा। नई व्यवस्था के प्रति भाषा शिक्षकों को पारंगत किया जाएगा। इसके लिए भाषा शिक्षकों को खंड स्तर पर एक- एक दिन का प्रशिक्षण दिया जाना है। ताकि शिक्षक (Teacher) आराम से डिजिटल बोर्ड पर बच्चों को पढ़ा सके। उनको उक्त बोर्ड पर पढ़ाने में किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
शिक्षा विभाग ने स्कूलों में तैनात भाषा शिक्षकों को भी डिजिटल बोर्ड पर कार्य कराने की पूरी जानकारी देने की तैयारी कर ली है। नई व्यवस्था के प्रति जानकारी देने के लिए भाषा शिक्षकों को एक-एक दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनको प्रशिक्षण में यह जानकारी दी जाएगी कि किस तरह से डिजिटल बोर्ड पर कार्य किया जाता है, किस तरह से उसको ऑन किया जाएगा। एक टोपिक से दूसरे टोपिक पर कैसे जाए। इन बातों की जानकारी दी जाएगी। ताकि बच्चों को पढ़ाते वक्त हर टोपिक की जानकारी ली सके। अभी तक भाषा विषय की बजाए गणित व अन्य विषयों के बारे में डिजिटल बोर्ड पर पढ़ाया जाता रहा है। अब नई व्यवस्था के तहत डिजिटल बोर्ड पर बच्चों को भाषा विषय के हर टोपिक हल व पढ़ाए जाएंगे। ये प्रशिक्षण शिविर खंड स्तर पर आयोजित होंगे और प्रशिक्षकों की मौजूदगी में शिक्षकों को जानकारी दी जाएगी।
हर क्लास व विषय की पुस्तकें डिजिटल बोर्ड पर है अपलोड
डिजिटल बोर्ड पर हर विषय व हर क्लास के सिलेबस के टोपिक अपलोड है। जिस भी क्लास में जिस विषय का पीरियड है। उस विषय के टोपिक को ओपन किया जा सकता है। यह शिक्षक पर निर्भर करेगा कि उसको कौन सा विषय और उसका कितने नम्बर लेशन पढ़ाना है। उसी लेशन को डिजिटल बोर्ड पर सर्च करेगा और बच्चों को पढ़ाना शुरू कर देगा। अभी तक डिजिटल बोर्ड पर भाषा विषयों के लेशन व टोपिक लोड नहीं थे। नई व्यवस्था के तहत इन विषयों के लेशन भी अपलोड किए गए है। ताकि बच्चों को भाषा विषय भी डिजिटल बोर्ड पर पढ़ाया जा सके।
डिजिटल बोर्ड पर रफ कार्य भी संभव
स्कूलों में भेजे गए डिजिटल बोर्ड से हर विषय का चेप्टर तो आसानी से पढ़ाया जा सकेगा। इसके साथ.साथ उक्त बोर्ड पर शिक्षक बच्चों को किसी विषय का फार्मूला व गणित विषय के सवाल हल करवा सकते है। इनके अलावा बच्चे भी उक्त बोर्ड पर अभ्यास कर पाएंगे। बताया जाता है कि उक्त बोर्ड पर कार्य करने के लिए अलग से पेंसिल भेजी गई है। जिनसे कार्य किया जा सकता है। इसके अलावा अगर पैंसिल नहीं है तो हाथ की अंगुली जिस तरह बोर्ड पर घुमाई जाएगी। उसी तरह से अक्षर छपते जाएंगे। अक्षरों का साइज छोटा. बड़ा भी किया जा सकता है। प्रशिक्षण लेकर पहुंची शिक्षिक निर्मल कादियान ने बताया कि उक्त बोर्ड पर कार्य करवाना बेहतर है। इससे बच्चों को नई तकनीक के बारे में जानकारी तो मिलती है। साथ में उनकी शिक्षा से सबंधित कार्य करने में सुगमता होती है।
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