भिवानी : कुंगड़ के छोरे ने किया कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में असम राइफल्स का नेतृत्व

भिवानी : जज्बे और जुनून के आगे पहाड़ भी बौने बन जाते हैं। इसी को चरितार्थ किया है गांव कुंगड़ के छोरे अक्षय गोयत ने। अक्षय ने वीरवार 26 जनवरी 2023 को दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में असम राइफल्स की टुकड़ी की अगवानी की है जोकि जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
यहां हम बताते चलें कि गणित अध्यापक जोगिंद्र सिंह गोयत का बेटा अक्षय जब मात्र छह साल का बच्चा था, तो 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस की परेड को देखते हुए उन्होंने फौजी ड्रेस पहनकर परेड करने की जिद्द की। उस समय अक्षय के पिता जोगिंद्र ने उसको बताया कि यह कोई सामान्य काम नहीं है, इसके लिए पहले फौज में ऑफिसर बनना पड़ता है और बाद में परेड की टुकड़ी में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।
अक्षय ने अपने पिता की कही बात को गौर से सुना और फौज में अफसर बनने की ठानी। परिजनों ने अक्षय की जिद्द के अनुसार ही उसका ध्यान उसके लक्ष्य पर केंद्रित करवाया। अक्षय ने भी कड़ा परिश्रम किया और लगभग 12 वर्ष बाद दिसंबर 2013 में अक्षय का एनडीए में चयन हो गया। वर्ष 2017 में देहरादून से पासआउट होकर कमीशन प्राप्त करने में सफल हुआ।
जोगेंद्र ने बताया कि अक्षय की नौकरी की शुरुआत भी हिसार कैंट से ही शुरू हुई। फिलहाल उसकी पोस्टिंग असम में असम राइफल्स में है। करीब एक माह की लम्बी प्रक्रिया के बाद उसका गणतंत्र दिवस की परेड के लिए चयन हुआ। अब आखिर वह दिन भी आ गया, जब उसका 22 साल पहले देखा हुआ सपना पूरा हो गया। जब 26 जनवरी को सुबह परेड शुरू हुई, तो उसकी दोनों बहनें राखी व गरिमा अपनी माँ पूनम रानी के साथ टीवी पर नजरें गड़ाए हुए थी और साथ ही अक्षय की पत्नी पूजा और गोद में एक साल की बेटी थी। ठीक 11 बजकर 10 मिनट पर डीआरडीओ की झांकी के पीछे अक्षय कदम-ताल मिलाकर चलता हुआ दिखाई दिया, तो परिजनों के चेहरे खुशी से खिल गए। अक्षय द्वारा कर्तव्य पथ पर परेड की टुकड़ी की अगुवाई करना जिलाभर के युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।
गांव कुंगड़ में बीता है अक्षय का बचपन
अक्षय का बचपन गांव कुंगड़ में बीता है। बाद में उसने भिवानी के कैरियर प्लेनेट पब्लिक स्कूल से 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी। अक्षय के पिता मास्टर जोगिंद्र सिंह भिवानी के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में गणित अध्यापक हैं। जोगेंद्र ने कहा कि उनको बेहद खुशी है कि उनके बेटे ने कर्तव्य पथ पर परेड की टुकड़ी की अगुवाई की है। बेटे ने न केवल अपना बल्कि परिवार का सपना साकार किया है।
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