Bhiwani : 30 साल बाद मंढोली माइनर में पहुंचा पानी, किसानों के खिले चेहरे

Bhiwani : 30 साल बाद मंढोली माइनर में पहुंचा पानी, किसानों के खिले चेहरे
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30 साल से सूखी पड़ी मंढोली माइनर के जीर्णोंद्धार के बाद पहली बार उसमें पानी छोड़ा गया। लंबे समय से जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ी इस नहर को करीब दो करोड़ रुपए की लागत से फिर से बनाया गया है। नहर में पानी पहुंचा तो किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

Bhiwani : 30 साल से सूखी पड़ी मंढोली माइनर के जीर्णोंद्धार के बाद पहली बार उसमें पानी छोड़ा गया। लंबे समय से जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़ी इस नहर को करीब दो करोड़ रुपए की लागत से फिर से बनाया गया है। नहर में पानी पहुंचा तो किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। किसानों ने प्रदेश के कृषि मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही इस नहर में पानी आ सका है, वरना उन्होंने तो उम्मीद छोड़ दी थी।

मिठी डिस्ट्रीब्यूटरी से निकनले वाली यह माइनर करीब तीस साल से सूखी पड़ी थी। पेड़ पौधों से अटी पड़ी यह नहर पूरी तरह से अबांडिड थी। यह नहर जगह-जगह से टूटी पड़ी थी। प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल के प्रयास से इस नहर का जीण का काम शुरू हुआ था। करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बनी इस नहर में शुक्त्रवार को पानी छोड़ा गया। नहर में पानी आने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे व करीब तीस साल बाद आए पानी को देखकर बाग. बाग हो गए। किसानों ने कहा कि कृषि मंत्री ने नहरों की टेल तक पानी पहुंचाने के अपने वादे को पूरा किया है।

नहर विभाग के एसडीओ परमवीर सिंह ने बताया कि देखरेख के अभाव में इस नहर का अस्तित्व खत्म हो गया था। केवल कागजों में ही यह माइनर बची थी। लेकिन, अब इसके पुनर्निर्माण के बाद इस नहर में किसानों को लगातार पानी मिलता रहेगा, जिससे वह अच्छी पैदावार ले सकें।

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