16 साल बाद फिर बिकेगी भूना शुगर मिल की भूमि, खुली बोली 8 सितंबर को

हरिभूमि न्यूज. भूना
भूना शुगर मिल 16 साल बाद एक फिर बिकने को तैयार है। मिल मालिकों का बकायादारों के साथ विवाद के कारण फतेहाबाद के कलेक्टर ने इसकी नीलामी की स्वीकृति दी है। शुगर मिल भूना में मैसर्ज वाहीद संधार शुगर मिल भूना का कुर्कशुदा रकबा गांव भूना जमाबंदी वर्ष 2016-17 के अनुसार तहसीलदार फतेहाबाद की अध्यक्षता में खुली बोली का आयोजन 8 सितंबर को सुबह 10 बजे किया जाएगा।
भूना के नायब तहसीलदार रणबीर सिंह ने बताया कि कलेक्टर फतेहाबाद के कार्यालय के आदेशों अनुसार 4 अगस्त, 2022 द्वारा बाकीदार मैसर्ज वाहीद संधार शुगर मिल भूना की वसूली हेतू नीलामी की स्वीकृति प्राप्त हुई है। मैसर्ज वाहीद संधार शुगर मिल भूना का कुर्कशुदा रकबा गांव भूना जमाबंदी वर्ष 2016-17 खेवट नंबर 5891 खतोनी नंबर 6694 रकबा 1044 कनाल 16 मरले बरुऐ इंतकाल नंबर 20918 बैय व गांव डूल्ट जमाबंदी साल 2017-18 खेवट नंबर 829 खतोनी नंबर 907 रकबा तदादी 6 कनाल 19 मरले व खेवट नंबर 958 खतोनी नंबर 1041 रकबा 51 कनाल 5 मरले व खेवट नंबर 1366 खतोनी नंबर 1478 रकबा 135 कनाल 12 मरले कुल रकबा तदादी 193 कनाल 16 मरले बरुरे इंतकाल नंबर 5506 बैय कुल दोनों गांवों का रकबा 1238 कनाल 12 मरले (154 एकड़ 6 कनाल 12 मरले) बदले मूल्य 83 करोड़ 23 लाख रुपये की नीलामी 8 सितंबर को सुबह 10 बजे तहसीलदार फतेहाबाद की अध्यक्षता में शुगर मिल भूना में मौका पर खुली बोली द्वारा की जाएगी।
बता दें कि सहकारी शुगर मिल करीब 155 एकड़ जगह पर बनी हुई थी, जिसका शिलान्यास 1989 में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय देवीलाल ने किया था, जबकि शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजनलाल ने 1992 में करके गन्ना उत्पादक किसानों को बड़ी राहत प्रदान की थी। फतेहाबाद, हिसार तथा सिरसा के हजारों गन्ना उत्पादक किसानों को भूना शुगर मिल का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भरपूर फायदा मिल रहा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने वर्ष 2006 में सहकारी चीनी मिल भूना को पंजाब की एक फर्म को महज 41 करोड़ बेच दिया था। वाहिद संधर शुगर मिल फगवाड़ा की फर्म ने चीनी मिल को मात्र 2 वषार्ें तक ही चलाकर नकारा घोषित करके वर्ष 2008 में बंद कर दिया था। गन्ना उत्पादक किसानों ने लंबे समय तक धरने-प्रदर्शन व विरोध किए और अधिकारियों और मंत्रियों को ज्ञापन तक दिए थे, मगर मिल चल नहीं पाई थी। गन्ना उत्पादक किसानों की चुप्पी के बाद वर्ष 2020 में वाहिद संधर शुगर मिल की मशीनरी व अन्य सामान को धीरे-धीरे करके उखाड़ना शुरू कर दिया था। हालांकि इस दौरान किसानों ने विरोध प्रदर्शन कर के हंगामा भी किया, मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो करीब एक दर्जन किसानों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उपरोक्त याचिका में हवाला दिया गया था कि सरकार व प्राइवेट फर्म के बीच मिल चलाने की शर्त रखी गई थी। मिल के शेयर होल्डर किसानों ने अपने शेयर वापिस लेने का भी याचिका में हवाला दिया था। उच्च न्यायालय में प्राइवेट मिल मालिकों ने तर्क दिया कि सहकारी चीनी मिल भूना की खरीददारी के बाद के फगवाड़ा मिल से जुड़े हुए किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पाए, इसलिए 83 करोड़ अधिक की देनदारी होने के कारण वाहिद सुंदर शुगर मिल भूना की 154 एकड़ 6 कनाल 12 मरले जमीन अटैच करके कुर्क करने के आदेश दिए थे।
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