भूपेंद्र हुड्डा का तीखा तंज, बोले : कोरी भाषणबाजी और भ्रामक आंकड़ों का मिश्रण है Haryana Budget

चंडीगढ़। बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा पेश किया गया बजट कोरी भाषण बाजी और भ्रामक आंकड़े बाजी का मिश्रण है। बजट को हर बार बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है लेकिन बाद में उसे संशोधित करके कम कर दिया जाता है। ऐसा लगता है मानो सरकार 'आगे दौड़, पीछे छोड़' की नीति पर चल रही है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।
हुड्डा ने कहा कि सरकार ने रिकॉर्ड बेरोजगारी के इस दौर में भी आर्थिक प्रगति व ढांचागत बजट में 3 प्रतिशत की कटौती कर दी। इतना ही नहीं पिछले साल के मुकाबले शिक्षा के बजट को भी कम कर दिया गया। प्रदेश पर कर्ज की मात्रा बढ़कर करीब ढाई लाख करोड़ हो चुका है। इसलिए पिछले साल के मुकाबले इस बार के बजट में कर्ज भुगतान का खर्च बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बजट और सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते ही प्रदेश में काम धंधे ठप और रोजगार खत्म हुए हैं। ऐसा लगता है कि बजट में की गई घोषणाओं को पूरा करने में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है।
उदाहरण के तौर पर सरकार की तरफ से 4 नए मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान किया गया है। जबकि सत्ता में आने के बाद से लगातार बीजेपी हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान करती आई है। लेकिन पिछले साढ़े 7 साल में इस सरकार द्वारा कोई भी मेडिकल कॉलेज प्रदेश में नहीं बनाया गया। पिछली बार बजट में गुरुग्राम और पिंजौर में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया गया था। लेकिन सरकार का यह वादा छूमंतर हो चुका है। सोहना में आईएमटी बनाने का ऐलान भी किया गया था, लेकिन नई आईएमटी बनाना तो दूर, कांग्रेस कार्यकाल में बनी आईएमटी को भी मौजूदा सरकार विकसित नहीं कर पाई।
हुड्डा ने बताया कि यही हाल 4000 नए प्ले स्कूल बनाने के वादे का है, जो जमीन पर कहीं नजर नहीं आते। सरकार ने 8वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों को टैबलेट बांटने की घोषणा की थी। लेकिन 1 साल बाद भी वह पूरी नहीं हो पाई। स्वास्थ्य विभाग में नई भर्तियां करने का वादा आज भी अधर में लटका हुआ है। आज भी स्वास्थ्य महकमे में करीब 10,000 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह शिक्षा विभाग में करीब 50,000 पद खाली पड़े हुए हैं।
मौजूदा बजट में किसानों के हाथ भी धोखा ही लगा है। बीजेपी पिछले कई साल से 2022 में किसानों की आय डबल करने का जुमला उछालती आ रही है। पिछले बजट भाषण में भी मुख्यमंत्री की तरफ से आय डबल की प्रतिबधता जताई गई थी। लेकिन आज के बजट में इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। इसी तरह धान छोड़कर अन्य फसलें उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 7000 रुपये देने का वादा भी जुमला साबित हुआ। 1000 किसान एटीएम बनाने का वादा भी धुआं हो गया।
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