सरकार के घेराव की तैयारी : भूपेंद्र हुड्डा ने ली विधायक दल की बैठक, भर्ती घोटाले सहित इन मुद‍्दों को विधानसभा में उठाएगी कांग्रेस

सरकार के घेराव की तैयारी : भूपेंद्र हुड्डा ने ली विधायक दल की बैठक, भर्ती घोटाले सहित इन मुद‍्दों को विधानसभा में उठाएगी कांग्रेस
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भूपेंद्र हुड्डा ने भर्ती घोटाले की जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एचपीएससी का डिप्टी सेक्रेटरी अकेले इतने बड़े भर्ती घोटाले को अंजाम नहीं दे सकता। भर्ती माफिया ने परचून की दुकान पर सामान की तरह नौकरियों को बेचा है।

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें जनसरोकार के मुद्दों को आगामी विधानसभा सत्र में उठाने के बारे में रूपरेखा तैयार की गई। ये तय किया गया कि कांग्रेस विधायकों की तरफ से एचएसएससी-एचपीएससी भर्ती घोटाले, डीएपी और यूरिया की किल्लत, कानून-व्यवस्था की खस्ता हालत, यूनिवर्सिटीज की भर्तियों में हस्तक्षेप, भर्तियों में देरी, अलग-अलग महकमों के खाली पड़े पद, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, जलभराव और नंबरदारों की नियुक्ति जैसे अलग-अलग मुद्दों पर काम रोको और स्थगन प्रस्ताव लाएंगे। किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस लेने, शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी की मांग को एकबार फिर सदन में उठाया जाएगा।

भूपेंद्र हुड्डा ने भर्ती घोटाले की जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एचपीएससी का डिप्टी सेक्रेटरी अकेले इतने बड़े भर्ती घोटाले को अंजाम नहीं दे सकता। भर्ती माफिया ने परचून की दुकान पर सामान की तरह नौकरियों को बेचा है। लेकिन अभी तो सिर्फ दुकान का सेल्समैन ही पकड़ा गया है, उसका मालिक पकड़ा जाना बाकी है। इंसाफ का तकाजा है कि सबसे पहले एचपीएससी, एचएसएससी के चेयरमैन और सदस्यों को सस्पेंड किया जाना चाहिए। इसको लेकर कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा और मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि भर्ती घोटाले के अलावा 2004 में चयनित एचसीएस अधिकारियों को विभिन्न अनियमितताओं के बावजूद 2016 में स्वेच्छा से चुन-चुन कर नियुक्तियां दी गई। ये नियुक्तियां सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट की अवहेलना करके की गई थी। उसकी भी गहनता से जांच होनी चाहिए।

हुड्डा ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 70% पद और स्वास्थ्य महकमे में लगभग 10 हजार पद खाली हैं। सरकार की तरफ से पिछले विधानसभा सत्र में कोरोना से हुई मौतों की जानकारी जुटाने के लिए एक हाईलेवल कमेटी बनाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन आज तक उस कमेटी का कोई पता ठिकाना नहीं है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की गंभीरता का पता चलता है।

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