नेशनल हाईवे पर बड़ी कार्रवाई : अवैध फैक्टरी पर चला बुलडोजर, चार दीवारी, ऑफिस और लेबर क्वार्टर ढहाए

नेशनल हाईवे पर बड़ी कार्रवाई : अवैध फैक्टरी पर चला बुलडोजर, चार दीवारी, ऑफिस और लेबर क्वार्टर ढहाए
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डीटीपी ने बताया कि कार्यालय के संज्ञान में आया था कि कलायत शहर में एक अवैध फैक्टरी का निर्माण किया जा रहा है। भू-स्वामियों और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा न तो मौके पर बनाए जा रहे अवैध निर्माण को रोका और न ही विभाग से किसी प्रकार की अनुमति के लिए आवेदन किया गया।

हरिभूमि न्यूज : कलायत/कैथल

कलायत कंट्रोल एरिया में पनप रही अवैध फैक्टरी पर बृहस्पतिवार को प्रशासन की नेशनल हाईवे बाईपास पर तोडफोड़ कार्रवाई चली। जेसीबी के जरिये प्रशासन का अमला शहर में पहुंचा। उपरांत डीटीपी अनिल नरवाल की मौजूदगी में विभागीय कार्यवाही पूरी करते हुए फैक्ट्री की निमार्णाधीन चार दीवारी, ऑफिस, लेबर क्वार्टर, शौचालयों व अन्य निर्माण को ढहाया गया। इस दौरान नायब तहसीलदार आशीष कुमार बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात रहे। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल मौजूद रहा। डीटीपी ने बताया कि कार्यालय के संज्ञान में आया था कि कलायत शहर में एक अवैध फैक्टरी का निर्माण किया जा रहा है।

इसके उपरांत कार्यालय द्वारा भूस्वामियों और प्रॉपर्टी डीलरों को पी.एस.आर एक्ट 1963 की धाराओं के तहत नोटिस जारी करके निर्माण विकसित करने के लिए जरूरी अनुमति प्राप्त करने वाले आदेश दिए गए। भू-स्वामियों और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा न तो मौके पर बनाए जा रहे अवैध निर्माण को रोका और न ही विभाग से किसी प्रकार की अनुमति के लिए आवेदन किया गया।

जिला नगर योजनाकार द्वारा आम लोगों को आग्रह किया गया कि वह सस्ते प्लाटों के चक्कर में प्रॉपर्टी डीलरों के बहकावे में आकर अवैध कालोनी में प्लाट न खरीदें। इस प्रकार के क्षेत्र में किसी प्रकार का निर्माण भी अवैध श्रेणी में आता है। अस्थायी एक कमरे का मकान और चार दीवारी बनाने की निर्माण सामग्री तैयार करने वाली जिस फैक्ट्री पर जिला नगर योजनाकार की कार्रवाई चली वह पिछले कई माह से यहां पर कार्यरत थी। फैक्ट्री के संचालक अपनी ही छत को नहीं बचा पाए। ये लोग दावा करते आएं हैं कि उन द्वार जो सामग्री निर्माण के लिए मुहैया करवाई जाती है वह वर्षों-वर्षों चलती है। लेकिन जब तोडफोड़ की कार्रवाई हुई तो कुछ ही अंतराल में तैयार किए गए पीलर टूट कर बिखर गए।

इस तरह रहें सावधान

डीटीपी अनिल नरवाल ने बताया कि जमीन की खरीद करने से पहले जिला नगर योजनाकार विभाग कार्यालय से कॉलोनी की वैधता/ अवैधता बारे पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। उपरांत इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएं। साथ ही जिले के सभी तहसीलदारों/ नायाब तहसीलदारों से भी अनुरोध किया कि वे रजिस्ट्री करने से पूर्व सरकार द्वारा जारी हिदायतो का पालन करें। ताकि अवैध कलोनाईजेशन को रोका जा सके।

नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सजा और जुर्माने का प्रावधान

यदि कोई व्यक्ति अवैध कालोनी में कोई प्लाट या मकान खरीदता है तो उसके विरूद्ध भी कार्यालय द्वारा कानून सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसमें 50 हजार रुपए तक का जुमार्ना व तीन साल की सजा का प्रावधान है। डीलरों व भू-मालिकों को चेतावनी दी गई है कि विभाग द्वारा भविष्य में भी अवैध निमार्णों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही निरंतर अमल में लाई जाएगी। साथ ही ये अपील की गई है कि नागरिक सरकार द्वारा चलाई गई हाउसिंग स्कीम, दीन दयाल हाउसिग स्कीम, अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम जिसमें 5 एकड़ भूमि पर लाईसेंस प्रदान किया जाता है, में आवेदन करके कालोनी काटने की जरुरी अनुमति प्राप्त करें। शहर वासियों को सस्ता मकान/निवास उपलब्ध करवाए।

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