पानीपत के एक्सपोर्टरों को बड़ा झटका : अफगानिस्तान में दवाइयों का एक्सपोर्ट बंद, दवा लेकर गया कंटेनर सीमा पर फंसा

विकास चौधरी : पानीपत
अफगानिस्तान (Afghanistan) में प्रजातांत्रिक सरकार के पतन और तालिबान के कब्जे के कारण विश्व विख्यात ऐतिहासिक व टेक्सटाइल नगरी पानीपत से अफगानिस्तान को मानव रोगों के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाइयों का निर्यात(Export of medicines) पूरी तरह से बंद हो गया है। वहीं, पानीपत में दवा बनाने वाली कंपनी इंडकोस द्वारा भेजी गई दवाइयों से लदा एक कंटेनर पाकिस्तान में अफगानिस्तान के बार्डर पर फंसा हुआ है। बताया जा रहा है कि तालिबान, अफगानिस्तान की सीमा में पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह के माल का प्रवेश नहीं होने दे रहा है। हालात सुधरने के बाद ही यह कंटेनर दवाई लेकर अफगानिस्तान जाएगा या नहीं एक भविष्य के गर्भ में है।
अफगानिस्तान से प्रजातांत्रिक सरकार के गठन के बाद से भारत के अफगानिस्तान से मैत्री रिश्त स्थापित हो गए थे। मोदी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद अफगानिस्तान से भारत के रिश्ते और अधिक मजबूत हुए थे। मित्रता के चलते पानीपत के एक्सपोर्टरों को अफगानिस्तान से मानव रोग के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाइयों के आर्डर मिलने लगे थे। पानीपत से दवाइयों की खेप कंटेनरों में लाद कर सडक मार्ग से वाया पाकिस्तान, अफगानिस्तान भेजी जाती थी। करीब दस सालों से पानीपत से अफगानिस्तान में दवाइयों का निर्यात किया जा रहा था। वहीं अफगानिस्तान में तख्ता पलट के चलते पानीपत से अफ्गानिस्तान में दवाइयों का निर्यात फिलहाल पूरी तरह से बंद हो गया है।
अफगानिस्तान से होता था 100 करोड़ का दवा कारोबार : पानीपत में दवा बनाने वाली कंपनियों से अफगानिस्तान के दवा कारोबारियों के साथ सालाना करीब 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता था। अफगानी दवा कारोबारी पानीपत की दवा कंपनियों को आयात की जाने वाली दवाइयों के आर्डर का अग्रिम भुगतान अमेरिकन डॉलर के रूप में बैंकों के माध्यम से कर देते थे। दवा आर्डर का अग्रिम भुगतान मिलने के बाद ही पानीपत की दवा कंपनियां दवाइयों की खेप तैयार कर अफगानिस्तान में निर्यात करते थे। वहीं सड़क मार्ग से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान दवा ले जाने वाले कंटेनर का किराया भी अफगानी दवा कारोबारी ही वहन करते थे।
प्रदूषण मुक्त है अफगानिस्तान की आबोहवा : पानीपत में दवा बनाने वाली लैबोरेट कंपनी के चेयरमैन संजय भाटिया ने बताया कि अफगानिस्तान की प्राकृतिक आबोहवा बहुत ही अच्छी है, सशक्त खानपान के चलते अफगानिस्तानी पुरुष, महिलाओं और बच्चों की इम्युनिटी बहुत अच्छी है। इम्युनिटी अच्छी होने के चलते अफगानिस्तानी जल्दी सी बीमार नहीं होते। उन्होंने बताया कि पानीपत से अफगानिस्तान को संक्रामक रोग के उपचार के लिए एंटोबाइकिट दवाइयां, बच्चों के टीकाकरण, बुखार, सर्जरी में प्रयोग होने वाली दवाइयां का निर्यात अधिक किया जाता था।
तालिबान से रिश्ते सुधरने पर शुरू होगा दवा निर्यात : दवा एक्सपोर्टर संजय भाटिया ने बताया कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में तख्ता पलट किए जाने से पहले भारत के अफगानिस्तान के साथ मैत्री संबंध थे और अफगानिस्तान को पानीपत से दवाइयों का बडे पैमाने पर निर्यात किया जाता था। वहीं अब अफगानिस्तान पर तालिबानियों का कब्जा हो गया है। इसके चलते पानीपत से अफगानिस्तान में दवाइयों का एक्सपोर्ट पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। तालिबान से भारत के रिश्ते सुधरने के बाद ही पानीपत से अफगानिस्तान में दवा का निर्यात चालू हो पाएगा और इस में काफी समय लग सकता है।
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