सड़क निर्माण में बड़ा गोलमाल : अंबाला नगर निगम की इंजीनियरिंग ब्रांच के कई अधिकारियों की गर्दन फंसी

हरिभूमि न्यूज. अंबाला
वार्ड नंबर-14 सड़क निर्माण के दौरान पकड़ी गई घपलेबाजी की वजह से अब नगर निगम की इंजीनियरिंग ब्रांच के कई अधिकारियों की गर्दन फंसती नजर आ रही है। खुद मेयर शक्ति रानी शर्मा ने जांच के दौरान मिली हर खामी पर निगम अधिकारियों से जवाब मांगा है। साफ कहा कि इस मामले में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जांच के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। इसको लेकर मेयर शक्ति रानी शर्मा ने निगम कमिश्नर को एक लेटर भी भेजा है।
मेयर शक्ति रानी शर्मा ने निगम कमिश्नर को भेजे लेटर में कहा कि निगम की ओर से अंबाला क्लब से लेकर पब्लिक हेल्थ विभाग तक बनाई गई सड़क का ज्यादा भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि पैमाइश के दौरान यह सड़क 918 स्कवॉयर मीटर है। जबकि ठेकेदार की ओर से 718 स्कवॉयर मीटर सड़क का ही निर्माण किया गया।
ठेकेदार ने 918 मीटर सड़क निर्माण का भुगतान निगम से लिया। मेयर का आरोप है कि ठेकेदार को 138 मीटर सड़क निर्माण का अतिरक्ति भुगतान किया गया जोकि पूरी तरह से गलत है। मेयर ने कहा कि दस्तावेजों की जांच के दौरान यह बात सामने आई कि निगम की ओर से सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार के साथ 4 जनवरी 2022 को एग्रीमेंट किया गया जबकि उसे वर्क ऑर्डर 28 दिसंबर 2021 को दिया गया था। यह पूरी तरह से गलत है। 15 जनवरी 2022 को इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ जबकि 17 जनवरी 2022 को सड़क निर्माण में इस्तेमाल सामग्री का सैंपल एनआईटी कुरुक्षेत्र को भेजा गया। मेयर ने कहा कि यह भी नियमों के पूरी तरह से खिलाफ है। मेयर ने आशंका जताई है कि सैंपल रिपोर्ट की कोई रसीद रिकार्ड में नहीं है। इससे यह साबित हो रहा है कि सैंपल जांच के लिए भेजा ही नहीं गया है।
किसी अधिकारी ने नहीं जांची सड़क
मेयर ने लेटर में कहा कि जांच के दौरान सड़क का निर्माण कई जगह से गलत पाया गया। ठेकेदार ने तय टेंडर की शर्तों को पूरा नहीं किया। मेयर ने कहा कि निर्माण के दौरान इंजीनियरिंग ब्रांच के किसी अधिकारी ने सड़क की जांच नहीं की। इसी वजह से ठेकेदार मनमर्जी से अधूरा निर्माण कर चला गया। इससे जनता के पैसे की बर्बादी हुई है। सड़क निर्माण के दौरान वेस्ट सामग्री का भी कहीं पता नहीं चला कि ठेकेदार ने उसे कहां डंप किया है। मेयर ने कहा कि इसके लिए निगम की ओर से जगह तय गई है। उन्होंने पूरा शक जताया है कि ठेकेदार ने वेस्ट सामग्री का इस्तेमाल निर्माण कार्य में ही कर दिया। इसके कारण निगम को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। मेयर ने पूरे मामले में हुए भ्रष्टाचार पर कमिश्नर को ठोस कार्रवाई की बात कही है। साफ कहा कि सड़क निर्माण में तय नियमों को तोड़ा गया है। मेयर की इस सख्ती से अब इंजीनियरिंग ब्रांच के कई अधिकारी फंसते दिख रहे हैं।
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