Sentenced To Death : हरियाणा के बहुचर्चित मामले में 2 दरिंदों को सजा ए मौत, गैंगरेप के बाद किया था मर्डर

हरियाणा के सोनीपत जिले में अतिरिक्ति जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने युवती का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी नृशंस हत्या के बहुचर्चित मामले में दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। शहर थाना क्षेत्र से युवती का अपहरण करने के बाद उससे सामूहिक दुष्कर्म कर रोहतक में उसकी हत्या कर दी गई थी। दोनों को फांसी की सजा सुनाते हुए उनके अपराध को अमानवीय करार देते उनके लिए मृत्युदंड को सही बताया।
पुलिस ने रोहतक की पार्श्वनाथ सिटी में 11 मई, 2017 को युवती का शव बरामद किया था। उसकी शिनाख्त सोनीपत की 19 वर्षीय युवती के रूप में हुई थी। युवती घर से 9 मई, 2017 को फैक्टरी में जाने के निकली थी। युवती की मां ने कीर्ति नगर के सुमित पर उनकी बेटी के अपहरण का आरोप लगाया था। सीआईए की टीम ने कीर्ति नगर निवासी सुमित उर्फ फंडी को तमंचे सहित पकड़ा था। आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि उसने कबीरपुर निवासी विकास यादव के साथ मिलकर युवती का कार में अपहरण किया था। उसके बाद वह युवती को कार में लेकर रोहतक गए थे। रोहतक में उसे खाने में नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।
बाद में उसकी पार्श्वनाथ सिटी में ले जाकर हत्या कर दी थी। साथ ही उसके साथ दरिंदगी करते हुए मृत शरीर को खुर्द-बुर्द कर दिया था। सुमित के बाद आरोपी विकास यादव को भी गिरफ्तार कर लिया था। युवती के शरीर पर गहरी चोट के 15 निशान मिले थे। शव के अलग-अलग 10 सैंपल लेकर जांच को भेजे गए थे। डीएनए का टेस्ट भी कराया था। मामले को लेकर ने जांच कर पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार, ईंट व अन्य सुबूत बरामद किए थे। साथ ही 28 जून, 2017 को पुलिस ने 409 पेज का चालान अदालत में पेश कर दिया था। जिसके बाद मामले में करीब 170 सुनवाई हुई। जिसमें 44 लोगों की गवाही कराई गई। लंबी सुनवाई के बाद एएसजे आरपी गोयल की अदालत ने सुमित व विकास यादव को 6 दिसंबर को मामले में दोषी करार दिया था। मामले में सोमवार को अदालत ने दोनों दोषियों को अलग-अलग धाराओं में फांसी, उम्रकैद समेत अन्य सजा दी है। अदालत ने दोषियों पर 17 हजार 750 रुपये जुर्माना किया है।
किस धारा में कितनी सजा
दोषी विकास यादव व सुमित उर्फ फंडी को भादंसं की धारा 302 में फांसी, 376 डी में उम्रकैद व दस हजार रुपये जुर्माना, धारा 376ए में 20 साल कैद व चार हजार रुपये जुर्माना, धारा 328 में पांच साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना, 366 में दस साल कैद व दो हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। वहीं सुमित को शस्त्र अधिनियम में अलग से तीन साल कैद व 750 रुपये जुर्माना तथा विकास यादव को एससीएसटी एक्ट में उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुर्माना किया गया है।
दुलर्भ से दुलर्भतम अपराध
एएसजे आरपी गोयल की अदालत ने कहा कि यह कृत्य पूरी तरह अमानवीय था। इसमें क्रूरता की सभी हद पार कर दी गई। यह दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी का अपराध है। इनके लिए मृत्युदंड उपयुक्त सजा है।
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