हरियाणा सीएम का बड़ा फैसला : धार्मिक स्थल, सामाजिक या धर्मार्थ संस्थान बनाने पर देनी होगी प्लॉट की महज 20 % राशि

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ( Haryana Urban Development Authority ) के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग की संस्था या ट्रस्ट द्वारा धार्मिक स्थल और सामाजिक व धर्मार्थ संस्थान बनाने पर प्लॉट की महज 20 प्रतिशत राशि देनी होगी। उन्होंने यह ऐतिहासिक फैसला मंगलवार को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 124वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह छूट न केवल एससी वर्ग को दी गई है बल्कि अन्य वर्गों को भी छूट दी गई है । इसके अंतर्गत पिछड़ा वर्ग-ए ( बीसी-ए ) की संस्था द्वारा यदि कोई धार्मिक स्थल और सामाजिक संस्थान बनाया जाता है तो उसे प्लॉट की कुल राशि का 30 प्रतिशत ही देना होगा। वहीं पिछड़ा वर्ग-बी ( बीसी-बी ) के अंतर्गत प्लॉट की कुल राशि का 40 प्रतिशत देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य वर्ग के लिए यह राशि 50 प्रतिशत निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था या ट्रस्ट की कैटेगरी उस ट्रस्ट में शामिल संबंधित जाति के सदस्यों से तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने की एचएसवीपी की सराहना
मुख्यमंत्री ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की वित्तीय उपलब्धियों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एचएसवीपी बेहतर तरीके से कार्य कर रहा है। वर्ष 2020-21 में एचएसवीपी ने 2 हजार करोड़ रुपये की राशि अर्जित की, वहीं 2021-22 में 8 हजार करोड़ रुपये की राशि को अर्जित किया। एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने बताया कि वर्ष 2022 में प्राधिकरण ने 10 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य लिया हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-आक्शन पॉलिसी पूरी तरह पारदर्शी तरीके से चल रही है, इससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
पंचूकला में एमएलए, कर्मचारियों, पत्रकारों और वकीलों के लिए कोआपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाने की स्कीम को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने पंचकूला और चंडीगढ़ में काम करने वाले कर्मचारियों, पत्रकारों, वकीलों, मौजूदा विधायकों, पूर्व विधायकों के लिए कोआपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसासिटी बनाने की स्कीम के लिए मंजूरी दी। बैठक के दौरान प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक ने इससे संबंधित एजेंडा पेश किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने इससे संबंधित ग्रुप हाउसिंग स्कीम बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण इससे जुड़े नियम बनाए। बैठक के दौरान फरीदाबाद में इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन द्वारा सेक्टर-7 के कम्यूनिटी सेंटर में मिड-डे मील बनाने के लिए चलाए जा रहे सेंटर की लीज को बढ़ाया।
विवादों का समाधान योजना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एचएसवीपी की बैठक में विवादों का समाधान योजना के अंतर्गत रिहायशी, व्यवसायिक, संस्थागत, सामाजिक व धार्मिक श्रेणी के पुराने बकाया विस्तार शुल्क (Extention fees) को एकमुश्त देने के लिए 31.12.2022 तक नई पॉलिसी की घोषणा की। यह बताना उचित होगा कि जो सामाजिक तथा धार्मिक संस्थाए अपना रेगुलर अलॉटमेंट लेटर प्राप्त नहीं कर पाई उनके लिए यह योजना लागू की गई है। इससे कई धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं लाभान्वित होंगी। इन सभी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने एचएसवीपी को आनलाइन प्रणाली इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। हरियाणा के 8300 प्लॉट धारक एलएफएसएस-2022 योजना का लाभ उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एलएफएसएस-2022 स्कीम को प्राधिकरण की पिछली बैठक में पास किया था। इस बैठक में उन्होंने इस स्कीम की समीक्षा की। उन्होंने हरियाणा के 139 सेक्टर में 8300 प्लॉट धारकों द्वारा इस स्कीम का लाभ लेने के लिए शुभकामनाएं दी। इस योजना में एचएसवीपी 800 करोड़ रुपये की छूट प्लॉट धारकों को देगा।
पैसे न भरे जाने की वजह से सरेंडर किए जा रहे प्लॉट को लेकर पॉलिसी बनाए एचएसवीपी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ऐसे प्लॉट अलॉटियों के लिए पॉलिसी बनाए जो पैसे न भरे जाने की वजह से प्लॉट सरेंडर कर रहे हैं। प्राधिकरण ऐसे प्लॉट की ई-नीलामी करे और अपने नुकसान की भरपाई करते हुए, मुनाफे में से कुछ प्रतिशत प्लॉट के अलॉटी को भी दे। जिस भी प्लॉट को प्राधिकरण द्वारा वापिस लेने की स्थिति बन जाए उसे तत्काल प्रभाव से ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाए। बहुत से लोग प्लॉट अलॉट करवा लेते हैं लेकिन फिर पैसा नहीं भर पाते, ऐसे लोगों के लिए तत्काल प्रभाव से पॉलिसी बनाकर राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि जिस अलॉटी ने जो पैसा जमा करवाया है, उस हिसाब से प्राधिकरण ई-नीलामी में हुए मुनाफे का प्रतिशत भी तय करे, ताकि अलॉटी द्वारा भरी गई राशि में से उसे कुछ राशि प्राप्त हो सके।
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