चौ. देवीलाल चीनी मिल में बड़ा फर्जीवाड़ा : फर्जी दस्तावेजों के सहारे 20 साल तक नौकरी करता रहा कर्मचारी, हुई बड़ी कार्रवाई

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
चौ. देवीलाल सहकारिता चीनी मिल आहुलाना ( गोहाना ) में वर्ष 2002 में हुई कर्मचारी भर्ती में फर्जीवाड़ा होने का खुलासा हुआ है। आहुलाना मिल से वर्ष 2016 में तबादला होकर दा सहकारिता चीनी मिल सोनीपत में क्लर्क के तौर पर तैनात कर्मी ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर नौकरी पाई। उसके बाद उक्त दस्तावेजाें के सहारे नौकरी में प्रमोशन तक पा लिया। सोनीपत मिल प्रबंधन ने उक्त फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए निलंबित कर्मचारी के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी है। आरोपित पर सोनीपत मिल के 22 लाख रुपये से ज्यादा वेतन पाने का आरोप व उक्त नकदी के भुगतान करने की बात कही है। मामले का खुलासा होने के बाद सोनीपत चीनी मिल व आहुलाना चीनी मिल में उक्त समय पर तैनात कर्मचारियों की दस्तावेजों को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। भर्ती की जांच होने के बाद बड़े से बड़े खुलासा होने की बात कही जा रही है।
बता दें कि वर्ष 2016 में चौ. देवीलाल सहकारिता चीनी मिल आहुलाना (गोहाना) से तबादला होकर दा सहकारिता चीनी मिल सोनीपत में क्लर्क के पद पर आए सुनील कुमार निवासी आर्य नगर सोनीपत में पहुंचा। करीब छह साल तक मिल में सीजन (मौसमी स्थाई) कर्मचारी के पद पर तैनात रहा। सोनीपत चीनी मिल में केन विभाग से मिल प्रबंधन ने उसका अन्य विभाग में ट्रांसफर किया था, लेकिन कर्मी सुनील ने नई पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया। मिल प्रबंधन की तरफ से पत्राचार के माध्यम से कई बार कर्मी को दिशा-निर्देश देकर ज्वाइन करने के लिए कहा, लेकिन कर्मचारी ने ज्वाइन नहीं किया। प्रबंधन को कर्मी की तैनाती को लेकर शक हुआ। जिसके बाद मुख्य अभियंता देवेंद्र पहल को मामले की जांच सौंपी। मामले की जांच करवाई तो कर्मचारी द्वारा किए फर्जीवाड़े का खुलासा हो सका। मिल प्रबंधन ने आरोपित को निलंबित कर दिया। आरोपित के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत भेजी है।
नौकरी की आयु 18 वर्ष, 14 वर्ष की आयु का मिला अनुभव प्रमाण-पत्र
दा सहकारिता चीनी मिल में तैनात मुख्य अभियंता देवेंद्र पहल ने जांच में पाया कि आरोपित सुनील कुमार ने वर्ष 7 अप्रैल 2003 में चौ. देवी लाल चीनी मिल आहुलाना ( गोहाना ) में सल्फर फरनेस अटैण्डैंट के पद पर नौकरी प्राप्त की थी। उक्त पद के लिए दसवीं कक्षा में उतीर्ण व पांच साल का अनुभव/ आईटीआई व तीन साल का अनुभव होना जरूरी था। जांच में पाया कि कर्मी सुनील की दसवीं कक्षा में जन्म तिथि 9 अप्रैल 1979 अंकित हैं। जबकि पांच साल के अनुभव प्रमाण पत्र में अंकित 10 फरवरी 1994 से लेकर 20 अप्रैल 1999 है। अनुभव प्रमाण-पत्र के अनुसार सुनील कुमार की आयु महज 14 साल 10 महीने की मिली। ऐसे में फर्जी दस्तावेजों के सहारे सुनील कुमार ने मिल में नौकरी हासिल करने का खुलासा हो सका।
20 साल से कर रहा नौकरी, लाखों रुपये का वेतन किया प्राप्त
फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी प्राप्त करने का खुलासा होने के बाद सोनीपत चीनी मिल ने आरोपित कर्मी को न सिर्फ निलंबित किया है, बल्कि उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत भी दी है। मिल प्रबंधन के अनुसार आरोपित कर्मी से अब तक के वेतन और भत्तों की रिकवरी भी की जाएगी। सोनीपत मिल में आरोपित ने चार साल से ज्यादा समय तक नौकरी की है। जिसकी एवेज में उक्त कर्मी को मिल की तरफ से 22 लाख 15 हजार 39 रुपये का भुगतान किया हैं। जबकि चौ. देवीलाल आहुलाना चीनी मिल (गोहाना) में तैनाती के दौरान अलग से वेतन मिला हैं। उक्त राशि भी लाखों रुपये में बनती है।
तबादले के साथ नहीं भेजी थी फाइल, शक होने पर कई बार किया फाइल भेजने का पत्राचार
जानकारी मिली हैं कि केन क्लर्क ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी। वर्ष 2016 में आरोपित सुनील कुमार आहुलाना (गोहाना) चीनी मिल से ट्रांसफर होकर सोनीपत चीनी मिल में पहुंचा था। सोनीपत चीनी मिल में केन विभाग से मिल प्रशासन ने उसका अन्य विभाग में ट्रांसफर किया था, परन्तु आरोप है कि कर्मी सुनील ने नई पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया। जिसके बाद मिल प्रशासन की तरफ से आरोपित कर्मी की जांच शुरू की। चौ. देवीला मिल की तरफ से कर्मचारी के तबादले के साथ उसकी फाइल मिल में भेजना जरूरी नहीं समझा। मिल प्रबंधन सोनीपत की तरफ से कई बार पत्राचार करने के बाद भी फाइल नहीं भेजी जा रही थी। फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर कर्मचारी की फाइल को भेजा गया। जिसके बाद फर्जी दस्तावेजों के बारे में जानकारी मिली।
अलग-अलग पदों पर अलग-अलग अनुभव प्रमाण-पत्र
चौ. देवीलाल चीनी में आरोपित सुनील कुमार ने अलग-अलग दो पदों पर आवेदन किया। जिसमें लगाए अनुभव प्रमाण-पत्र गौरखपुर स्थित सराय चीनी मिल डाक खाना सरदार नगर से पांच साल का अनुभव प्रमाण-पत्र सल्फर फरनेस अटैण्डैंट (मौसमी स्थायी) प्राप्त किया। मिल प्रंबधन की तरफ से की जांच में उक्त प्रमाण-पत्र फर्जी मिला। वहीं कर्मी ने एक अन्य पद पर आवेदन किया। जिसमें अलग वर्षो को अनुभव प्रमाण-पत्र लगाया गया था। कर्मी ने शपथ-पत्र देकर मिल प्रबंधन को सभी दस्तावेज व प्रमाण-पत्र असली होने की बात कही हैं। जिसके हस्ताक्षर कर्मी के हस्ताक्षरों से मेल खाते हैं।
अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर दस्तावेज चोरी करने में मिली थी संलिप्ता
दा सहकारिता चीनी मिल सोनीपत में तैनात कार्यकारी सहायक क्रय अधिकारी अविनाश ने बताया कि चीनी मिल में गांव ठरू निवासी विरेंद्र गन्ना लिपिक सीजनल के तौर पर कार्यरत हैं। मिल प्रबंधन की तरफ से मौजूदा समय में उसे निलंबित कर रखा हैं। गत 13 जनवरी को सीएमविडों की तरफ से क्रय शाखा में आरटीआई मिली। जिसमें कुछ जानकारी मांगी गई थी। आरटीआई के साथ मिल के गोपनीय दस्तावेज भी स्लग थे। जिसकी जांच की गई तो उक्त दस्तावेज न तो किसी आरटीआई के जरिए मांगे गए थे ओर न ही किसी सरकार पत्र व कानूनी रूप के जरिए मांगे गए थे। उक्त दस्तावेजों को चोरी करके आरटीआई में प्रयोग किया गया हैं।
इस संबंध में शिकायतकर्ता लिपिक से पत्र के जरिए जानकारी मांगी गई। पत्र के जवाब में 17 फरवरी को ई-मेल के जरिए जवाब मिला कि उक्त दस्तावेज सुनील गन्ना लिपिक (सीजनल) द्वारा उपलब्ध करवाएं गए थे। मिल प्रबंधन की तरफ से सुनील को पत्र के जरिए 21 फरवरी को इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया। लेकिन दस्तावेजों को जमा नहीं करवाया गया। उक्त मामले में सुनील कुमार की संलिप्ता सामने आई थी। मामले को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया। आरोपित विरेंद्र के खिलाफ संबंधित थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर रखा हैं। हालांकि आरोपित की गिरफ्तारी बाकि हैं।
दस्तावेज फर्जी मिले
केन क्लर्क के पद पर तैनात कर्मी के दस्तावेज फर्जी मिले हैं। जिसकी जांच के बाद कर्मी को निलंबित कर दिया गया हैं। मामले को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका हैं। निलंबित कर्मी ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल की थी। कर्मी चौ. देवीलाल आहुलाना ( गोहाना ) से तबादला होकर आया था - जितेंद्र जोशी, एमडी चीनी मिल सोनीपत।
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