वेयर हाउस के गोदाम में CMR का चावल लगाने के दौरान हुआ बड़े घोटाले का पर्दाफाश

हरिभूमि न्यूज़ गुहला चीका /कैथल चीका में कल्लर माजरा मोड़ पर स्थित वेयर हाउस के सरकारी गोदाम में CMR (सरकारी चावल) की गाड़ियां लगाने के नाम पर एक बड़े चावल घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है। मालूम रहे कि राइस मिल मालिक धान के सीजन के दौरान सरकार से जो धान खरीदते हैं, उसके एवज में वे धान में से चावल निकालकर सरकार को तयशुदा नियम के अनुसार प्रतिशत के हिसाब से चावल देते हैं।
जानकारी के अनुसार इसी क्रम के तहत वेयर हाउस के गोदाम में राइस मिल मालिक चावल की गाड़ियां लगा रहे थे कि इसी बीच जब एक राइस मिल की चावलों से भरी गाड़ी वेयर हाउस में पहुंची, तो ट्रक ड्राइवर ने चावल की बोरियों का वजन करवाने के लिए जब ट्रक को कंडे पर लगाया, तो मामले का भंडाफोड़ हो गया।
ट्रक में छुपाकर बिठाए हुए थे आधा दर्जन से अधिक मजदूर
घोटाले में शामिल लोगों ने ट्रक में चावल का वजन पूरा करने के लिए करीब आधा दर्जन मजदूरों को छिपाकर ट्रक में बिठा दिया और उनके वजन के मुताबिक चावल के कट्टे कहीं ओर उतार दिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार घोटालेबाजों ने बड़े शातिर तरीके से घोटाले को अंजाम देने की योजना बनाई थी और वे उसमें सफल भी हो जाते, यदि वेयर हाउस के एक अधिकारी ने कांटे में कम्पन ना देखी होती। दरअसल जब चावल की गाड़ी का कंडा हो रहा था, तो सम्बन्धित अधिकारी को कम्प्यूटर में कम्पन महसूस हुई। जानकारी के अनुसार बंद ट्रक में कम्पन नहीं हो सकती, परंतु ट्रक में बैठे मजदूरों के अचानक हिलने के कारण ट्रक में कम्पन हो गई और जब अधिकारियों ने ट्रक के पास जाकर देखा, तो ट्रक में छुपकर बैठे मजदूरों की चालाकी से पर्दा उठ गया।
घटना के बाद पुलिस को किया गया सूचित
उक्त घटना के बाद स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही चीका थाने के कार्यकारी थानाध्यक्ष विलासा राम मौके पर पहुंचे और उन्होंने ट्रक को अपने में लेते हुए ट्रक में बैठे करीब सात से आठ लोगों को हिरासत में ले लिया और उन्हें थाना में ले जाया गया।
राइस मिल मालिक ने की शिकायत
इस बीच बाबा एग्रो राइस मिल के मालिक लक्की ने पुलिस को शिकायत दी कि सम्बन्धित चावल उसके राइस मिल से गया था और उसे पता चला है कि ट्रक के ड्राइवर व अन्य कुछ लोगों ने मिलकर राइस मिल से भरी गई चावलों की बोरियां ना जाने कहां छुपा दी हैं या बेच दी हैं जबकि राइस मिल से गया चावल सरकारी स्टॉक में जाना चाहिए था। लक्की ने बताया कि उसके पास वेयर हाउस से फोन आया था कि उसके राइस मिल से आया चावल पूरी मात्रा में नहीं था। लक्की ने शिकायत दर्ज करवाकर मांग की है कि उक्त घोटाले की बारीकी से जांच की जाए और जो भी लोग इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
अधिकारियों की मिलीभगत की संभावना से इन्कार नहीं
उक्त घोटाले में वेयर हाउस के कुछ अधिकारियों के मिलीभगत की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। जानकारी के अनुसार जिस तरीके से ट्रक ड्राइवर ने घोटाले को अंजाम देने का प्रयास किया, उससे साफ है कि इसमें कुछ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।
मोबाइल फोन जब्त
स्थानीय पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल भी जब्त कर लिए हैं। जानकारी यह है कि मोबाइल के माध्यम से सरकारी अधिकारियों को 'गूगल पे' करके रिश्वत की राशि भेजी जाती रही है। बताया जा रहा है कि यह घोटाला काफी समय से चल रहा था। जानकारी के अनुसार पुलिस यदि ट्रक ड्राइवर व वेयर हाउस के अधिकारियों के फोन से 'गूगल पे' सिस्टम को चैक करे तो सनसनीखेज मामला सामने आ सकता है।
क्या कहना है एसएचओ का?
इस सम्बन्ध में जब चीका थाने के कार्यकारी एसएचओ विलासा राम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संगीन है, जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और सम्बन्धित ट्रक को भी थाना में ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त मामले में कानूनी राय ली जा रही है और देर रात तक मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल सरकारी चावल को खुर्द-बुर्द करने का मामला बनता है, परंतु जांच के बाद यदि और तथ्य सामने आते हैं, तो उसी के अनुसार अन्य धाराएं लगाकर भी जांच की जाएगी।
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