एंटी नारकोटिक्स एवं सीआईए टीम को बड़ी सफलता : हथियारों की बड़ी खेप व जिंदा कारतूस सहित सप्लायर दबोचा

मेवात : एंटी नारकोटिक्स एवं सीआईए तावडू टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एंटी नारकोटिक्स एवं सीआईए तावडू प्रभारी सुरेंद्र सिद्धू इंस्पेक्टर की अगुवाई में टीम ने अवैध हथियारों को बेचने का काम करने वाले एक आरोपी को हथियार व कारतूस सहित दबोचने में सफलता हासिल की है। पकड़े गए आरोपी से दर्जन भर देशी तमंचा व एक डब्बी 10 जिंदा कारतूस बरामद कर लिए गए हैं। हथियारों के सप्लायर को सीआईए तावडू पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है ताकि इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
जानकारी के मुताबिक एंटी नारकोटिक्स एवं सीआईए तावडू टीम को मुखबिर ने सूचना दी कि भूरे खां पुत्र सरदार निवासी ढाडोली हथियार बेचने का काम करता है। आज वह हथियार लेकर अपने गांव ढाडौली आने वाला है। अगर छापेमारी की जाए तो वह हथियारों सहित काबू आ सकता है। पुलिस की सरकारी गाड़ी एचआर - 27 - 2222 पर तैनात स्टाफ ने ढाडोली गांव का रुख किया तो वहां पर भूरे खां पुत्र सिरदार निवासी ढाडोली को चेक करने पर उसके हाथ में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के सफेद रंग के थैला से एक दर्जन देशी तमंचा मिले, इतना ही नहीं कुर्ते की जेब से एक डब्बी 10 जिंदा रौंद भी सीआईए टीम ने अपने कब्जे में लिए हैं। पुलिस टीम पकड़े गए आरोपी भूरे खां से इस बात का पता लगाने में जुट गई है कि वह कहां से हथियार खरीदता था और कहां - कहां इन अवैध हथियारों को सप्लाई करता था। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क को खंगालने की तैयारी में जुट गई है। हथियार सप्लायर भूरे खां को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी चल रही है ताकि सप्लायरों के सही ठिकाने तक पुलिस की जांच पहुंच सके और इस गिरोह में शामिल बड़ी मछलियों को भी दबोचा जा सके।
वरुण सिंगला पुलिस कप्तान नूंह ने एंटी नारकोटिक्स एवं सीआईए तावडू प्रभारी सुरेंद्र सिद्धू व उनकी टीम की इस हथियारों के जखीरे सहित आरोपी को पकड़ने पर जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि भूरे खां से गहनता से पूछताछ की जाएगी ताकि हथियारों की सप्लाई के इस पूरे नेटवर्क को खंगाला जा सके।
पहले भी हो चुका गिरफ्तार : आपको बता दें कि भूरे खां पुत्र सिरदार निवासी ढाडोली हथियारों की सप्लाई के मामले में पहली बार गिरफ्तार नहीं हुआ है। कई साल पहले पुलिस ने भूरे खां के घर से कारतूस बनाने का सामान इत्यादि बरामद किया था। सबसे खास बात यह है की भूरे खा की उम्र तकरीबन 60 वर्ष से अधिक है। उम्रदराज भूरे खां हथियारों की सप्लाई व कारतूस बनाने के इस गोरखधंधे में लंबे समय से लिप्त है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब नूंह पुलिस ने कई साल पहले गलत तरीके से हथियार व कारतूस बनाने के आरोप में भूरे खां को गिरफ्तार किया था तो उसके बाद उस पर लगातार निगरानी क्यों नहीं रखी गई। अगर पुलिस भूरे खां पर पूरी तरह से नजर रखती तो वह फिर से इस गोरखधंधे में शामिल नहीं हो पाता। उस समय भी पुलिस ने भूरे खां को गिरफ्तार कर पूरे नेटवर्क का खुलासा उस स्तर तक नहीं किया था, जिस स्तर तक होना चाहिए था। एक बार फिर भूरे खां पुलिस के चंगुल में फंस चुका है। अब देखना यह है की नूंह पुलिस भूरे खां के अलावा इस गिरोह में शामिल अन्य बड़ी मछलियों तक भी पहुंच पाती है या फिर कुछ साल जेल में रहने के बाद भूरे खां फिर से बाहर आ पाता है।
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