हरियाणा को इस महीने मिलेगा सबसे बड़े हाईवे का तोहफा, नहीं चल सकेंगे कम स्पीड वाले वाहन

हरियाणा में नारनौल से कुरुक्षेत्र के ईस्माईलाबाद तक बनाए जा रहे नेशनल ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस हाईवे 152-डी ( National Greenfield Express Highway 152-D ) के 6 लेन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि इस महीने में ही इस हाईवे पर वाहन सरपट दौड़ सकेंगे। इस हाईवे पर धीमी गति से चलने वाले वाहनों का चलना वर्जित किया गया है। हलके वाहनों की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा और भारी वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। इससे कम स्पीड वाले वाहनों का इस इाईवे पर चलना बैन है।
इस राजमार्ग का निर्माण अंबाला-कोटपुतली इकोनोमिक कोरिडोर के लॉजिस्टिक हब बनाने को ध्यान में रखते हुए करवाया गया है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 152डी को हाई स्पीड एक्सिस कंट्रोल्ड कोरिडोर के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें धीमी गति वाले वाहनों को खतरा होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए राजमार्ग प्रशासक द्वारा इस हाइवे पर धीमी गति के वाहनों जैसे मोटर साइकिल एवं अन्य दुपहिया वाहनों, तिपहिया वाहनों, गैस मोटर चालित वाहनों, ट्रेलर के साथ या ट्रेलर के बिना ट्रैक्टर, बहुधुरीय हाइड्रोलिक ट्रेलर वाहन, क्वाड्री साइकिल इत्यादि का चलना वर्जित किया गया है। यह निर्णय इस हाईवे के सुगमता से परिचालन एवं धीमी गति के वाहनों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए लिया गया है।
नारनौल दक्षिण पश्चिम से लेकर कुरुक्षेत्र उत्तर पूर्व के गंगहेड़ी तक करीब 230 किलोमीटर बनने वाले इस नेशनल हाईवे ( national highway) को फिलहाल छह लेन बनाया गया है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर अपग्रेड किया जा सकता है। यह हाईवे नारनौल बाइपास पर एनएच 148-बी से लिंक करेगा, जिससे यातायाम सुगम होगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जयपुर-नारनौल-अंबाला-चंडीगढ़ का सफर आसान होगा। केंद्र सरकार की ओर से इस हाईवे के निर्माण के लिए 5108 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। जिसकी चौड़ाई 70 मीटर निर्धारित की गई। हाईवे में 122 ब्रिज व अंडरपास बनाए गए हैं। यह हाईवे किसी भी शहर या गांव के मध्य से नहीं निकाला गया, न ही इसके बनाते समय यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकी है। सभी शहर व गांव बाइपास रखे गए हैं। हाईवे शुरू होने के बाद सौ किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की स्पीड वाहन चालकों को चंडीगढ़ जाने में सुविधा होगी।
लगाए जाएंगे लाखों पौधे
इस राजमार्ग पर 40 लाइट वाहन अंडरपास और 110 छोटे वाहन अंडरपास बनाए गए हैं। इसके अलावा सात आरओबी भी बनाए गए हैं। इस सड़क मार्ग के दोनों ओर एक लाख 36 हजार 200 पौधे लगाए जाएंगे ताकि पर्यावरण को हरा-भरा बनाया जा सके। इस मार्ग के दोनों ओर 500 मीटर एरिया को कवर किया जाएगा। यह सड़क परियोजना 230 किलोमीटर लंबी है जो गंगहेड़ी से जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ व नारनौल सहित आठ जिलों की सीमा से गुजरेगा।
आठ जिलों को होगा फायदा
इस हाइवे से जिला कुरुश्लोत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के लोगों को फायदा होगा। नारनौल बाइपास पर इस हाईवे को एनएच 48बी से जोड़ा जाएगा। इस नए एनएच को बनाने के पीछे प्रदेश के विकास को गति देना और एनएच-वन का लोड कम करना है।
हाईवे पर ये सुविधाएं
इस हाईवे पर कुल 14 एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाए गए हैं। हाईवे के नीचे सविर्स लेन पर जहां एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाए गए हैं वहीं पर ही वाहन चालकों को टोल टैक्स देना पड़ेगा। इस हाईवे पर वाहन चालकों को रेस्टोरेंट और ढाबे की सुविधा भी मिलेगी। हाईवे पर प्रत्येक किलोमीटर में सीसीटीवी लगाए गए हैं। हाईवे पर 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी और कर्मचारी तैनात रहेंगे। ट्रैफिक मैनेजमैंट के लिए हाईवे पर हर दस किलोमीटर में रडार सिस्टम लगाया गया है। किसी ने भी ट्रेफिक नियम तोड़े तो ऑनलाइन चालान कटकर वाहन मालिक के घर पहुंच जाएगा।
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