Gobar Gas Plant : गोबर गैस प्लांट लगाने पर सब्सिडी दे रही सरकार, LPG सिलेंडर से भी मिलेगी मुक्ति, ऐसे उठाएं लाभ

Gobar Gas Plant : गोबर गैस प्लांट लगाने पर सब्सिडी दे रही सरकार, LPG सिलेंडर से भी मिलेगी मुक्ति, ऐसे उठाएं लाभ
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गोबर गैस प्लांट किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। इससे न सिर्फ कुकिंग गैस मिलती है बल्कि बढ़िया गुणवत्ता की गोबर की खाद भी मिलती है। विभाग गोबर गैस प्लांट पर किसानों को 12 हजार रुपये सब्सिडी भी प्रदान करता है। यदि किसान प्लांट को शौचालय से जुड़वा लेता है तो 1200 रुपये अतिरिक्त अनुदान मिलता है।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

एक कहावत है जहां चाह वहां राह। यह कहावत नारनौल से करीब 15 किलोमीटर दूर अटेली के किसान महेंद्र पर बखूबी चरितार्थ हो रही है। महेन्द्र ने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से उनको न सिर्फ गैस सिलेंडर के भारी भरकम दाम चुकाने से मुक्ति मिलेगी, बल्कि इसके साथ-साथ उन्हें उम्दा खाद भी हासिल होगी। उनकी यह चाहत उस वक्त यथार्थ में बदल गई जब नारनौल स्थित कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की इंजीनियरिंग विंग के तहत स्थापित सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय का भ्रमण करने पर वहां तैनात इंजीनियरों ने उनको गोबर गैस प्लांट स्थापित करने की राह दिखाई। सहायक कृषि अभियंता नारनौल के कार्यालय के इंजीनियरों के सहयोग से गोबर गैस प्लांट स्थापित होने पर महेंद्र अब खुश है।

सहायक कृषि अभियंता इंजीनियर डीएस यादव ने बताया कि जिले में गोबर गैस प्लांट स्थापित करने के लिए गांव अटेली को विभाग की ओर से आदर्श गांव के तौर पर चयनित किया गया है। इस गांव में अभी तक पांच किसानों ने गोबर गैस प्लांट लगवा लिए हैं तथा सभी को अनुदान राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गोबर गैस प्लांट किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। इससे न सिर्फ कुकिंग गैस मिलती है बल्कि बढ़िया गुणवत्ता की गोबर की खाद भी मिलती है। विभाग गोबर गैस प्लांट पर किसानों को 12 हजार रुपये सब्सिडी भी प्रदान करता है। यदि किसान प्लांट को शौचालय से जुड़वा लेता है तो 1200 रुपये अतिरिक्त अनुदान मिलता है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि वे गोबर गैस प्लांट लगवाकर विभाग कि योजना का लाभ उठाएं।

महेंद्र को गोबर गैस प्लांट के संबंध में ऐसे मिली प्ररेणा

एक बार नारनौल स्थित सहायक कृषि अभियन्ता के कार्यालय के कर्मचारी उनके घर आए और गोबर गैस प्लांट से किसान को होने वाले फायदों को विस्तार से बताकर प्लांट स्थापित करने के लिए उन्हें प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरों के सहयोग से गोबर गैस प्लांट स्थापित किया। महेंद्र ने बताया कि उनके पास 10 एकड़ जमीन है और तीन पशु रखते हैं। डीएस यादव ने गुरुवार कनिष्ठ अभियन्ता रामसिंह बरवाला के साथ महेंद्र की ओर से गोबर गैस प्लांट स्थापित करने के बाद उनकी लाइफ स्टाइल में आए बदलाव का जायजा लिया। महेंद्र ने बताया कि उनके घर साल में नौ-10 सिलेंडर की सालाना खपत थी। इससे साल का करीब दस हजार का खर्च व गैस सिलेंडर लाने का अलग झंझट रहता था। उन्होंंने बताया कि अब मेरा रसोई का सारा काम गोबर गैस प्लांट से मिलने वाली गैस से हो जाता है। खास बात यह है कि इसमें विस्फोट होने का भी कोई खतरा नहीं है। पशुओं का चाट भी गोबर से बनी गैस से पकाया जाता है। प्रतिदिन वे 20 से 30 किलो गोबर इस प्लांट में डालते हैं।

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