BJP-JJP नेताओं के 'अच्छे दिन' : हरियाणा में अब नहीं होगा नेताओं का विरोध, दूर हुई जनता और जर्नाधन के बीच की दूरी

BJP-JJP नेताओं के अच्छे दिन : हरियाणा में अब नहीं होगा नेताओं का विरोध, दूर हुई जनता और जर्नाधन के बीच की दूरी
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किसान आंदोलन के समाप्त होने के बाद जहां किसान खुशी-खुशी अपने घर लौट गए हैं तो वहीं अब पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को भी राहत मिली है। अब किसी प्रकार का विरोध नहीं होने पर कार्यक्रम भी अच्छे से होंगे तो वहीं आयोजको को भी किसी प्रकार का डर नहीं रहेगा।

कुलदीप शर्मा : भिवानी

350 दिन, 8400 घंटे और पांच लाख 40 हजार मिनटों के इंतजार के बाद रविवार को जनता और जर्नाधन के बीच की दूरी दूर होती दिखी। इतने दिनों तक किसान आंदोलन ( Farmers Protest ) के दौरान जब भी कहीं पर कोई कार्यकम होता था तथा उसमें भाजपा और जजपा ( Bjp-Jjp Leader ) के प्रतिनिधियों को मुख्य अतिथि बनाया जाता था तो इस बात की चिंता सबसे अधिक पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को होती थी कि कार्यक्रम शांतिपूर्वक निपट जाए क्योंकि किसानों द्वारा हर कार्यक्रम के बहिष्कार का विरोध करने का ऐलान किया गया था। रविवार को जब कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ( JP dalal ) ने भिवानी के एक कार्यकम में शिरकत की तो न तो वहां पर पुलिस का बड़ा अमला दिखा न ही आयोजकों के मन मे किसी प्रकार का डर। कृषि मंत्री को आयोजकों ने हल देकर सम्मानित किया जो इस बात का प्रतीक था कि किसान और कृषि एक दूसरे से जुडे़ हुए हैं।

पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को बड़ी राहत

किसान आंदोलन ( Farmers Protest ) के समाप्त होने के बाद जहां किसान खुशी-खुशी अपने घर लौट गए हैं तो वहीं अब पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को भी राहत मिली है। आए दिन किसी न किसी कार्यक्रम में भाजपा के मंत्री, विधायक, सांसद, चेयरमैन को भाग लेना होता था तथा किसानों को उस स्थान तक रोकने का जिम्मा पुलिस ( Haryana Police ) प्रशासन के कंधों पर ही होता था तथा सुबह से जब तक कार्यक्रम समाप्त नहीं होता था वो उसी स्थान पर डटे रहते थे। अब किसी प्रकार का विरोध नहीं होने पर कार्यक्रम भी अच्छे से होंगे तो वहीं आयोजको को भी किसी प्रकार का डर नहीं रहेगा।

अब निकाय चुनाव में बाधा नहीं बनेगा विरोध ( municipal Election )

जनवरी माह में शहर की छोटी सरकार के लिए चुनाव होने हैं ऐसे में अब जिस भी प्रत्याशी को भाजना की तरफ से चेयरमैन की टिकट मिलेगी उसकी राह भी आसान हो गई है। अगर किसान आंदोलन ऐसे ही चलता रहता तो भाजपा की तरफ से जिसे चेयरमैन पद के लिए टिकट दी जाती उसका भी विरोध किसानों द्वारा किया जाना लगभग तय था। अब किसानों द्वारा आंदोलन को स्थगित करने के साथ-साथ कार्यक्रमों के विरोध करने के फैसले को भी वापस ले लिया गया है जो नप चुनाव में ट्रनिंग प्वाइंट की तरह कार्य करेगा। भाजपा की तरफ से जिसे भी टिकट सौंपी जाएगी उसके पक्ष में भाजपा पदाधिकारी बिना किसी डर के वोट करने की अपील कर सकेंगे।

अब नहीं किया जाएगा किसी कार्यक्रम का विरोध

इस बारे में किसान नेता कामरेड ओमप्रकाश से बात हुई तो उन्होंने बताया कि धरना स्थगित होने के साथ ही कार्यक्रमों के विरोध करने के फैसले को वापस ले लिया गया है तथा अब किसी भी सांसद, नेता या विधायक के कार्यक्रमों का विरोध किसानों द्वारा नहीं किया जाएगा।

गांवों से भी जल्द हटेंगे इंट्री नहीं करने के बोर्ड

किसान आंदोलन की शुरूआत के बाद जब किसान यूनियनों द्वारा भाजपा के कार्यक्रमों का विरोध करने का निर्णय लिया गया था तो अनेक गांवों के मुख्य द्वार पर ही नोटिस और बोर्ड चस्पा दिए गए थे कि गांव के अंदर भाजपा और जजपा के मंत्रियों और विधायकों का प्रवेश वर्जित है तथा अब जल्द ही इन बोर्ड को भी पंचायतों द्वारा हटाया जाएगा ताकि किसी प्रकार का डर लोगों के बीच में न रहे।

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