सिरसा : भाजपा ने पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के पोते आदित्य चौटाला काे सौंपी ये जिम्मेदारी

सिरसा : भाजपा ने पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के पोते आदित्य चौटाला काे सौंपी ये जिम्मेदारी
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चौधरी देवी लाल के परिवार की राजनीति को ही सिरसा जिले में खास माना जाता है। ऐसे में आदित्य चौटाला (Aditya Chautala) को जिला अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने चौधरी देवी लाल के नाम की राजनीतिक विरासत को अपने साथ आगे बढ़ाने की पहल की है

सुभाष सेठी : डबवाली (सिरसा)

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पद पर आखिरकार पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला (Aditya Chautala) की नियुक्ति हो ही गई। कई दिनों से इस पद को लेकर कई नाम चर्चा में थे आखिरकार प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ (Om Prakash Dhankar) ने आदित्य चौटाला के नाम पर मोहर लगा दी। आदित्य चौटाला की नियुक्ति कई मायनों में राजनीतिक रूप से सिरसा जिले की सियासत के लिए खास है।

चौधरी देवी लाल के परिवार की राजनीति को ही सिरसा जिले में खास माना जाता है। ऐसे में आदित्य चौटाला को जिला अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने चौधरी देवी लाल के नाम की राजनीतिक विरासत को अपने साथ आगे बढ़ाने की पहल की है। हालांकि चौधरी देवी लाल के पुत्र चौधरी रणजीत सिंह भी इस समय भाजपा के मनोहर सरकार में मंत्री हैं लेकिन वह निर्दलीय रूप से चुनाव जीत कर आए थे। जबकि आदित्य चौटाला शुरू से ही भाजपा के साथ हैं। आदित्य चौटाला पहली बार उस समय चर्चा में आए थे जब जिला परिषद के चुनाव में उन्होंने चौधरी अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को पराजित किया था । उसके बाद वह भाजपा के सक्रिय सदस्य के रूप में इलाके में सक्रिय हुए। भाजपा ने भी उनके संघर्ष को पहचान दी और पिछली बार डबवाली हल्के से उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ाया गया। हालांकि यह चुनाव आदित्य चौटाला हार गए लेकिन इस चुनाव के बाद राजनीतिक रूप से उन पहचान और पुख्ता हो गई।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की गुड बुक में उन्हें गिना जाने लगा। बताया जा रहा है कि भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के साथ भी उनके राजनीतिक रिश्ते मजबूत हैं। ऐसे में जब जिला सिरसा के अध्यक्ष का चुनाव किया जाने लगा तो प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री की पसंद के तौर पर आदित्य चौटाला के नाम पर मुहर लग गई। अब आदित्य के लिए जहां सिरसा जिले में भाजपा को मजबूत करने की जिम्मेदारी है वहीं कई गुटों में विभाजित पार्टी को एक सूत्र में पिरोने का दायित्व भी उनके सिर पर है।

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