हिसार में भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का भारी विरोध, गाड़ी का शीशा तोड़ा, किसानों और पुलिस में झड़प

हिसार में बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा काे किसानों के भारी विराेध का सामना करना पड़ा है। वे जांगड़ा सभा की धर्मशाला की नींव रखने नारनौंद पहुंचे थे। आंदोलनकारियों ने काले झंडे दिखाने के दौरान सांसद की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। इस दौरान पुलिस से झड़प के दौरान एक आंदोलनकारी कुलदीप राणा घायल हो गया। इस मामले में 2 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिए जाने के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी नारनौँद थाने के बाहर पहुंचे। सैकड़ों आंदोलनकारियों के थाने को घेरने पर पुलिस ने शाम को हिरासत में लिए आंदोलनकारियों को रिहा कर दिया। उधर, मामला गर्माने पर सैकड़ों आंदोलनकारियों ने मय्यड़ टोल पर करीब 4 घंटे जाम लगाया। राजथल के समीप माजरा प्याउ पर भी आंदोलनकारियों ने सड़क पर जाम लगा दिया।
गौरतलब रहे कि शुक्रवार को नारनौंद कस्बे में जांगड़ा समाज की धर्मशाला का शुभारंभ राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा करने पहुंचे थे। इसकी सूचना मिलने पर आंदोलकारी भी पहुंच गए। राज्यसभा सदस्य को पुलिस रास्ता बदलकर पीछे के रास्ते से कार्यक्रम सदन में प्रवेश करवाया। आंदोलनकारी बेरीकेट्स तोड़कर कार्यक्रमस्थल पर पहुंच गए। इस दौरान सांसद की गाड़ी के शीशे पर किसी ने पथराव किया। जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। एक आंदोलनकारी के जख्मी तथा दो लोगों के हिरासत की सूचना पर तनाव बढ़ गया। आंदोलनकारी सीधे नारनौंद थाना पहुंचे। उधर, नारनौंद में तनाव की सूचना पर आंदोलनकारियों ने मय्यड़ टोल पर दोपहर करीब साढ़े 11 बजे जाम लगा दिया। आंदोलनकारी कैलाश मलिक तथा सुधीरकी रिहाई की सूचना के बाद मय्यड़ टोल पर जाम खोला गया। इससे पहले जाम करीब 4 घंटे चला।
राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा ने बताया कि लोकतंत्र में विरोध करने का हक सबको है लेकिन शांति पूर्वक से किसान अपना विरोध जताएं। आज किसानों में गाड़ी के शीशे तोड़कर मुझ पर हमला करने की कोशिश की है प्रशासन से मांग है कि वह उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
जांगड़ा महासभा के प्रधान राम कुमार जांगड़ा ने बताया कि धर्मशाला का शुभारंभ करने के लिए संसद को बुलाया था। किसानों के साथ बातचीत भी हो गई थी कि वह शांति से प्रदर्शन करेंगे लेकिन उनकी गाड़ी के शीशे तोड़कर उन पर हमला करने की कोशिश की है यह काफी निंदनीय है। जल्दी ही जांगड़ा महासभा एक पंचायत कर ठोस निर्णय लेगी।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि जब तक भाजपा सरकार तीनों के कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक भाजपा व जेजेपी नेताओं का विरोध जारी रहेगा। सरकार गलत तरीके से हिरासत में लेकर किसानों के साथ अन्याय कर रही है।
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