Adampur By Election Result : आदमपुर तो भाजपा जीत गई पर 2024 में सरकार किसकी बनेगी? इस जीत के मायने ?

धर्मेंद्र कंवारी, रोहतक
आदमपुर उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी के भव्य बिश्नोई ने शानदार जीत दर्ज करके मंत्री बनने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि भाजपा को उन्हें मँत्री बनाने के लिए अपने एक मंत्री को हटाना होगा। भव्य बिश्नोई की जीत के साथ ही कई तरह के राजनीतिक सवाल ही उठ रहे हैं और इनमें से भी सबसे प्रमुख सवाल ये है कि क्या आदमपुर की जीत के बाद 2024 में भारतीय जनता पार्टी ही हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है? अगर उपचुनाव से जुड़े सवालों के सिरों को पकड़ने की कोशिश की जाए तो आपको जींद विधानसभा के उपचुनाव तक पहुंचना होगा। इस उपचुनाव में कृष्ण मिडढा ने भाजपा में जाकर जीत दर्ज की थी और इसके बाद विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 75 पार का नारा दिया था लेकिन चालीस पर अटकने के बावजूद जजपा के सहयोग से ये जो सरकार चल रही है वो बनाई थी।
इसके बाद 2019 आया और तब से लेकर अब तक तीन उपुचनाव हो चुके हैं। बरौदा में कांग्रेस, ऐलनाबाद में इनेलो और अब आदमपुर में भव्य बिश्नोई की जीत हुई है। इसको दूसरे सिरे से समझने की कोशिश करेंगे तो बरौदा में पहले भी कांग्रेस का विधायक था, उपचुनाव में भी कांग्रेस का विधायक बना, ऐलनाबाद में पहले भी अभय चौटाला थे अब भी अभय चौटाला हैं लेकिन आदमपुर में केवल ऐसा हुआ है कि पहले कांग्रेस का विधायक था लेकिन अब भाजपा का है और यही बात ऐसी है कि चुनाव जीतने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ये कहा कि जहां भी भाजपा पहली बार सत्ता में आई इसके बाद दूसरी और तीसरी बार तक सत्ता में पहुंची है और इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं।
एक मायने में देखें तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा के सफलतम मुख्यमंत्रियों में तो गिने ही जाएंगे क्योंकि हरियाणा की राजनीति में तीन लाल हुए हैं। चौधरी देवीलाल, चौधरी भजनलाल और चौधरी बंसीलाल। अब चौथे मनोहर लाल हैं और आज के दिन दो लालों की संतानें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के झंडे तले हैं देर सवेर तीसरे की भी आ ही जाएगी, उनकी चर्चाएं भी चल रही हैं लेकिन अभी पुख्ता नहीं हैं। आज रणजीत चौटाला जी ने भी जनता टीवी पर चर्चा में कहा है कि आन वाले दिन में लोग अपने बच्चों के नाम के पीछे लाल लगाने लग जाएंगे क्योंकि मनोहर लाल जी सबसे सफल मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
अब सवाल ये है कि भाजपा की एक और सीट बढ़ गई है तो क्या ये गठबंधन खत्म हो जाएगा तो इस सवाल का जवाब ये है कि ये गठबंधन तो चलता रहेगा। कम से कम ये पांच साल चलेगा ही चलेगा? क्योंकि गठबंधन रहना है या नहीं ये सब केवल मनोहर लाल जी तय नहीं करते हैं बहुत कुछ अमित शाह जी भी तय करते हैं और फिलहाल वहां सब ठीक चल रहा है।
इस उपचुनाव में जीत का सेहरा दुष्यंत चौटाला अपने सिर पर भी बांधेंगे क्योंकि वो भी दो दिन चुनाव प्रचार में गए थे हालांकि ये भी कड़वी सच्चाई है कि वो नहीं जाते तब भी भव्य बिश्नोई को ही जीतना था क्योंकि चुनाव पूरी तरह से दो ध्रुवों में बंट गया था। वहां पार्टियां चुनाव नहीं लड रही थी वहां कुलदीप बिश्नोई और भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड रहे थे।
कुलदीप बिश्नोई इस पर बात पर जरूर गर्व कर सकते हैं कि उन्होंने अपने बेटे को विधानसभा में भेज दिया है और हुड्डा हार के बावजूद अपनी पीठ थपथपा सकते हैं चौधरी भजनलाल के गढ़ में एक बार फिर से उन्होंने कुलदीप को बड़ी चुनौती दी है। उल्टे वो दीपेंद्र हुड्डा की ब्रांडिंग इस चुनाव में करने में सफल रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के कंडीडेंड सतेंद्र सिंह का हलके में बहुत मेहनत करने के बावजूद लोगों ने वोट नहीं दिए हैं और इसी के साथ आम आदमी पार्टी को भी ये संदेश मिल गया है कि अभी हरियाणा के मतदाता नई पार्टी को आजमाने के मूड में नहीं है। पुराने सिक्के अभी चलते रहेंगे। इनेलो तीसरे नंबर पर रही है, आम आदमी पार्टी तो चौथे नंबर पर है।
क्या भव्य मंत्री बनेंगे?
अब एक सवाल ये भी है क्या भव्य मंत्री बनेंगे तो इसकी पूरी संभावनाएं हैं लेकिन उसके लिए उन्हें पहले बने अपने मंत्रियों में किसी एक को हटाकर भव्य को लेना होगा। हालांकि उनकी कैबिनेट में कई सारे मंत्री ऐसे हैं जो अंडर प्रोफर्म चल रहे हैं। दो तीन मंत्री तो ऐसे हैं कि उनको उनके हलके से बाहर ही कोई नहीं जानता है। तो उनमें से किसी को भी हटाकर भव्य को लिया जा सकता है क्योंकि आदमपुर की जीत को मुख्यमँत्री मनोहर लाल बड़े पैमाने पर भुनाएंगे हालांकि जीत के बावजूद कुलदीप बिश्नोई को ये जरूर सोचना होगा कि आदमपुर में लगातार जीत का मार्जन घटता जा रहा है इसलिए वो लोगों के बीच रहें और जनता के काम करवाएं तभी 2024 में फिर से वो यहां जीत दर्ज कर पाएंगे और अगर भव्य को मंत्री बनाया तो ये जिम्मेदारी दोगुनी हो जाएगी क्योंकि वोर्टस को उम्मीद है कि 27 साल के इंतजार के बाद जो फल मिला है वो बहुत मीठा हो। आदमपुर में बहुत कुछ करना बाकी है। दो दर्जन गांवों में पीने तक का पानी नहीं है। सड़कों का बुरा हाल है। बहुत पिछड़ा हुआ है इलका और अब भी अगर काम नहीं हुए तो लोगों के सब्र का बांध टूट जाएगा।
हिसार लोकसभा सीट पर आगामी उम्मीदवार?
अगर आप आकडों को देखें तो 2019 विधानसभा चुनाव में लगभग 30,000 वोटों से जीत दर्ज करने वाले कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य ने सरकार रहते हुए बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर करीबन उससे आधे वोटों से जीत दर्ज की है। जबकि 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले तीनों उम्मीदवार भव्य विश्नोई दुष्यंत चौटाला और ब्रिजेंद्र सिंह इस बार एक ही पाले में खड़े थे इसलिए चौधरी भजनलाल परिवार को अब यहां बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। इसके साथ ही हिसार लोकसभा सीट पर आगामी उम्मीदवार के रूप में बातचीत शुरू हो जाएगी और निश्चित रूप से कुलदीप बिश्नोई का दावा दुष्यंत चौटाला की जजपा से भारी पड़ने वाला है।
अगर बात जयप्रकाश की जाए तो वो लडाका राजनेता हैं। चुनाव को मजबूती से लड़ा खूब चर्चाएं बटोरी और जाते जाते ये भी कह गए है कि अगला चुनाव भी आदमपुर से लडूंगा, बेटा कलायत से लड़ेगा। ये भी करीबन तय है क्योंकि हुड्डा साहब से इसकी बातचीत हो गई थी और ये भी तय है कि आदमपुर से ही वो 2024 में कंडीडेट होंगे कांग्रेस पार्टी के।
अब मूल सवाल सवाल पर लौटते हैं कि क्या इस चुनाव से यह मान लें कि 2024 में भी प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने जा रही है तो मेरी समझ के अनुसार इस सवाल का जवाब ये है कि निश्चित तौर पर इस उपचुनाव में जीत का फायदा भाजपा को मिलेगा लेकिन सरकार बनेगी इस सवाल का अभी इंतजार करना चाहिए क्योंकि बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगा कि वो जजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे या अकेले लड़ेंगे? क्योंकि जजपा का कोर वोटर जो कभी इनेलो का होता था वो 2024 में उनका साथ देगा या नहीं ये अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। इसके अलावा बचे हुए समय में भाजपा जनता की तकलीफों को कितना कम कर पाती है इस पर भी निर्भर करेगा। 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले लोकसभा के चुनाव भी होंगे, उनमें हरियाणा की जनता क्या मेंडेट देती है असल में 2024 उसपर निर्भर करेगा।
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