पवन बैनीवाल के कांग्रेस में जाने से भाजपा को झटका, ऐलनाबाद उपचुनाव के लिए बदलेगी सियासी तस्वीर

हरिभूमि न्यूज. सिरसा
भाजपा की टिकट पर ऐलनाबाद से लगातार दो बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पवन बैनीवाल ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। भाजपा के लिए जिले में पवन बैनीवाल की कांग्रेस में एंट्री एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पवन बैनीवाल ही सिरसा जिला में भाजपा के लिए एकमात्र ऐसा चेहरा थे, जिन्होंने 2014 व 2019 के विधानसभा चुनाव में इनेलो नेता अभय चौटाला को कड़ी टक्कर देते हुए अच्छे वोट लिए। पवन बैनीवाल के कांग्रेस में आने के बाद हलके की सियासी तस्वीर भी बदलना लाजमी है।
यहां उपचुनाव भी होना है, क्योंकि अभय चौटाला इस साल के शुरूआत में किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं पवन ने भी तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा को अलविदा कह दिया था। पवन बैनीवाल के साथ ही ऐलनाबाद से कांग्रेस के टिकट के दावेदार बढ़ गए हैं। पवन के अलावा पहले से ही भरत सिंह बैनीवाल व कैप्टन अमरदीप सिंह टिकट के सशक्त दावेदार हैं। भरत सिंह बैनीवाल जहां रिश्ते में पवन के चाचा लगते हैं, वहीं 1991 से इस हलके में निरंतर सक्रिय हैं। कैप्टन अमरदीप सिंह पहली बार ऐलनाबाद में सक्रिय हुए हैं और वे पूर्व उपप्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के बड़े भाई चौ. साहब राम के छोटे पोते हैं। कैप्टन अमरदीप सिंह की पत्नी दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस की टिकट पर किस्मत आजमा चुकी है और उनका कांग्रेस हाईकमान में भी अच्छा रूतबा है।
उल्लेखनीय है कि इनेलो से सियासी सफर की शुरूआत करने वाले पवन बैनीवाल व अभय चौटाला की इनेलो सरकार के दौरान अच्छी दोस्ती रही है। 2014 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अभय व पवन के बीच सियासी दूरियां बढ़ गई और दोनों ऐलनाबाद के चुनाव मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए। इस चुनाव में पवन बैनीवाल जीत तो नहीं पाए, लेकिन अभय चौटाला को कड़ी टक्कर दी। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जमानत नहीं बचा पाया। 2019 के चुनाव में भी भाजपा ने पवन बैनीवाल पर दांव लगाया, लेकिन अभय चौटाला चुनाव जीत गए। इस चुनाव में कांग्रेस के भरत सिंह बैनीवाल को भी अच्छे वोट मिले। अब पवन बैनीवाल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया तो ऐलनाबाद हल्के से टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। अब देखना है कांग्रेस हाईकमान ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा छोड़कर पार्टी में आने वाले पवन बैनीवाल पर दांव लगाती है या 90 के दशक से कांग्रेस में सक्रिय राजनीति करने वाले भरत सिंह पर पुन: विश्वास जताया जाता है या फिर देवीलाल परिवार के ही कैप्टन अमरदीप के सहारे पार्टी जीत तलाशने का प्रयास करेगी।
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