यूरिया की कालाबाजारी : शिकायतें आने पर कृषि विभाग ने निगरानी के लिए खाद केंदों पर लगाई टीमें

यूरिया की कालाबाजारी : शिकायतें आने पर कृषि विभाग ने निगरानी के लिए खाद केंदों पर लगाई टीमें
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किसानों की जरूरत को देखते हुए जिले के खाद केंद्रों पर यूरिया आ गया है। यूरिया नहीं मिलने से किसान नई अनाज मंडी स्थित खाद केंद्रों में रोजाना चक्कर लगाकर खाली लौट रहे थे। किसानों को प्राइवेट खाद विक्रेताओं से महंगे दामों में खाद खरीदना पड़ रहा था।

Rewari News : रबी के सीजन में किसान सरसों व गेंहू की फसलों में पानी देने में लगे हुए है। पानी देने के समय किसानों को यूरिया की जरूरत पड़ती है। जिले के काफी किसान पहले ही यूरिया का प्रबंध कर चुके है। बाकी बचे किसान यूरिया खरीदने के लिए खाद केंद्रों पर आ रहे है। किसानों की जरूरत को देखते हुए जिले के खाद केंद्रों पर यूरिया आ गया है। यूरिया नहीं मिलने से किसान नई अनाज मंडी स्थित खाद केंद्रों में रोजाना चक्कर लगाकर खाली लौट रहे थे। किसानों को प्राइवेट खाद विक्रेताओं से महंगे दामों में खाद खरीदना पड़ रहा था।

कृषि विभाग की ओर से सरकारी खाद केंद्रों में करीब एक हजार एमटी यूरिया का स्टॉक कर लिया गया है। किसान सरकारी खाद केंद्रों से यूरिया खरीद रहे है। प्राइवेट खाद विक्रेता प्रति बैग के अधिक पैसे लेकर कीटनाशक भी थोप रहे थे। यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग की ओर से टीमों का गठन भी किया गया है। यह टीमें खाद केंद्रों पर निगरानी कर रही है ताकि किसानों को परेशानी से बचाने के साथ कालाबाजारी पर अंकुश लगाया जा सकें। यूरिया का एक बैग 270 रुपए में मिलता है, लेकिन प्राइवेट खाद विक्रेता उस बैग को 350 रुपए तक बेच रहे हैं।

जरूरत के हिसाब से नहीं आया खाद

रबी के सीजन में सरसों बिजाई करीब 72 हजार हेक्टेयर तथा गेंहू की बिजाई 35 हजार हेक्टेयर में की गई है। जिले में प्रति वर्ष रबी के सीजन में करीब 20 हजार एमटी डीएपी व 40 हजार एमटी यूरिया की जरूरत होती है। इस सीजन में डीएपी खाद की मांग 19 हजार 500 एमटी व यूरिया की 40 हजार एमटी है। कृषि विभाग की ओर से किसानों की आवश्यकता के अनुसार यूरिया का प्रबंध किया जा रहा है। जिले में 300 के करीब खाद केंद्र हैं। गांवों में किसान पैक्स के माध्यम से यूरिया खरीद रहे है।


अच्छी पैदावार के लिए यह डाले

खंड कृषि अधिकारी डा. अनिल यादव ने बताया कि किसान सरसों की अच्छी ग्रोथ व पैदावार के लिए एक एकड़ में 25 किलो डीएपी सा 75 किलो एसएसपी तथा 6 से 8 किलो सल्फर जरूर डाले। इससे तेली की मात्रा बढ़ती है और पैदावार बढ़ने के साथ पाले के नुकसान में भी मदद मिलेगी तथा 90 किलो के करीब यूरिया डाले। इसके अलावा गेहूं की फसल में एक एकड़ में 50 किलो डीएपी, 110 किलो यूरिया, 10 किलों जिंक व 20 किलो पोटाश का इस्तेमाल करें।

रबी के सीजन में खाद केंद्रों पर किसानों की जरूरत के हिसाब से यूरिया का प्रबंध किया जा रहा है। खाद केंद्रों पर कृषि विभाग की टीम की ओर से जांच की जा रही है। किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराया जाएगा। - दीपक यादव, एसडीओ कृषि विभाग।

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