विश्व विख्यात टेक्सटाइल जिला पानीपत पर रंगदारी का काला साया, जानें क्यों

विश्व विख्यात टेक्सटाइल जिला पानीपत पर रंगदारी का काला साया, जानें क्यों
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पानीपत जिला में सक्रिय माफियाओं ने जहां जिला के एक मात्र कस्बे समालखा के टोका व नट बोल्ट उद्योग को रंगदारी की वसूली के प्रतिस्पर्धा में तबाह कर दिया, वहीं अब रंगदारी का काला खेल शहरों के साथ ग्रामीण अंचल में भी शुरू हो चुका है।

विकास चौधरी : पानीपत

भारत की तकदीर बदल देने वाले तीन युद्धों की गवाह धरती पानीपत पर अब रंगदारी का काला खेल सालोंं से चल रहा है और वर्तमान में यह फिर से हवा ले रहा है। पानीपत जिला में सक्रिय माफियाओं ने जहां जिला के एक मात्र कस्बे समालखा के टोका व नट बोल्ट उद्योग को रंगदारी की वसूली के प्रतिस्पर्धा में तबाह कर दिया, वहीं अब रंगदारी का काला खेल शहरों के साथ ग्रामीण अंचल में भी शुरू हो चुका है।

पानीपत जिला में एक दर्जन से अधिक अपराधी रंगदारी वसूलने में सक्रिय है। वहीं पुलिस अपराधियों से निपटने में उतनी सक्षम नहीं है जितना की पुलिस को होना चाहिए। इधर, रंगदारी नहीं देने पर जहां एक दर्जन से अधिक उद्यमी पानीपत जिला में उद्यमी प्रीतम आहुजा रामकरण, रामनिवास, सुरजीत देशवाल, रमेश छौक्कर, पवन गर्ग आदि जहां काल का ग्रास बन चुके है, वहीं पूर्व विधायक भरत सिंह छोक्कर से भी रंगदारी की मांग की जा चुकी है। प्रसिद्ध ढाबा बल्ले बल्ले के संचालक देवराज चावला जान लेवा हमला झेल चुके है। वहीं वर्तमान सांसद संजय भाटिया जब पानीपत नगर परिषद के चेयरमैन थे तब भूमाफिया ने उन्हें सरेराह हत्या की धमकी दी थी, इसके विरोध में पानीपत बंद भी हुआ था, लेकिन चरमराए प्रशासनिक व कानूनी सिस्टम में अपराधी तत्व आराम से खप गए थे। संजय का दोष यह था कि उन्होंने नगर परिषद के पार्क पर अवैध कब्जे और वहां पर मार्किट बनाने का हर तरह से विरोध किया था, लेकिन सरकारी संरक्षण में पार्क में मार्केट बन गया और संजय भाटिया एक बहादुर परषिद अध्यक्ष के बावजूद कुछ नहीं कर पाए थे।

स्मरणीय है कि किसी भी देश, राज्य, जिला, कस्बे और गांव की तरक्की वहां की मजबूत कानून व्यवस्था के उपर निर्भर करती है। गौरतलब है कि उत्तर भारत के दो बडे राज्य उत्तर प्रदेश व बिहार, तरक्की के मामले में इस लिए पिछड़ गए कि वहां की कानून व्यवस्था चरमरा गई थी, जबकि दोनों राज्यों के पास प्राकृतिक संसाधनों की भरमार पहले थी और आज भी है, वहीं दोनों राज्यों में राजनीतिक दलों, प्रशासन, पुलिस विभाग व अपराधियों के अप्रत्यक्ष संगठन ने वहां के उद्योग धंधों को रंगदारी के काले कारोबार में धकेल दिया और दोनों राज्य जहां सामाजिक स्तर पर पिछड गए, वहीं आर्थिक स्तर जैसे उद्योग, खेती आदि के स्तर पर पंजाब व हरियाण जैसे छोटे राज्यों से भी पीछे चले गए। सत्ता के दरबारी चाहे लाख दावे करे वहीं यह कडवा सच है कि बिहार व उत्तर प्रदेश जैसे प्राकृतिक संपदा से मजबूत राज्यों के लोग जीवन यापन के लिए हरियाणा व पंजाब राज्यों में निवास कर रहे है और इनकी तादाद दिन प्रति दिन बढ़ रही है।

इधर, एक जमाना था जब हरियाणा पुलिस का नाम देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपराधियों को धूल चटाने के लिए जाना जाता था। पंजाब में आतंकवाद के हरियाणा में काले साये को जड़ मूल से खत्म करने वाली 1987 में आधुनिक हथियारों से लैस हो चुकी हरियाणा पुलिस के बारे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ में तो कहावत थी कि हरियाणा पुलिस के फंस गया तो पैदल चाल भी बिगड़ जाएगी।

अब ग्रामीण अंचल में भी रंगदारी का काला खेल शुरू

अपराधियों में यह खौफ था हरियाणा पुलिस का। वहीं अब ये पुराने जमाने की बात हो चुकी है। पानीपत के शहरी अंचल के साथ अब ग्रामीण अंचल में भी रंगदारी का काला खेल शुरू हो चुका है, इसका सबसे बडा उदाहरण पानीपत के गांव खलीला प्रहलादपुर निवासी शराब ठेकेदार अजीत से रंगदारी की मांग करना है और नहीं देने पर अजीत जहां पहले तीन हमले झेल चुके है, वहीं चौथे हमले में उनके शरीर में दो गोलियां लगी। वहीं रंगदारी मांगने वाला और कोई नहीं कथित रूप से कुख्यात अपराधी प्रसन्न उर्फ लंबू निवासी गांव सिवाह है, जबकि गांव सिवाह व खलीला पडोसी गांव है और दोनों के बीच रोटी बेटी का नाता है। वहीं अजीत प्रकरण तो इस लिए सामने आ गया कि अजीत ने अपराधियों को रंगदारी देने से इंकार कर दिया और अपने कामकाज को आगे बढाया, वहीं ऐसे भी बहुत से उद्यमी है जो अपराधियों से बैर नहीं करना चाहते और उन्होंने अपराधियों की रंगदारी की मांग को पूरा किया, इसे आम भाषा में साइलेट क्राइम करते है। इधर, पानीपत के नूरवाला में शनिवार की रात को रंगदारी नहीं मिलने के बाद शराब ठेकेदार अजीत व उसके साथियों पर हुए जान लेवा हमले, एक व्यक्ति की मौत, तीन लोग गोली लगने से घायल होने के मामले की रविवार को दिन भर चर्चा रही और जिला वासियों में इस घटना को लेकर दहशत है।

पुलिस अपराधियों से सख्ती से निपटती है

पानीपत के डीएसपी हैड क्वार्टर सतीश वत्स ने बताया कि अजीत व उसके साथियों पर हमले की पुलिस गहन जांच कर रही है, जल्द ही हमलावरों की शिनाख्त कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि पुलिस अपराधियों से सख्ती से निपटती है, पुलिस को जिस भी अपराधिक मामले की शिकायत मिलती है उसका प्रमुखता से निराकरण किया जाता है। पुलिस, जनता के लिए है और जनता की हर समस्या का प्रमुखता से निराकरण किया जाएगा।

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