Farmers protest : पंजाब से किसानों के समर्थन में आए नेत्रहीन

Farmers protest : पंजाब से किसानों के समर्थन में आए नेत्रहीन
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अब केवल किसान ही नहीं, बल्कि देश के हर वर्ग के लोग धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। नेत्रहीनों की टीम ने टीकरी बॉर्डर से सरकार को अपने आंखों की बंधी पट्टी को हटाने की पुरजोर अपील की।

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

पंजाब के लुधियाना से करीब 70 नेत्रहीनों ने टीकरी बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया। साथ ही कहा कि देश हित के लिए केंद्र सरकार को कृषि सुधार कानूनों को वापस लेना चाहिए। किसानों के पक्ष में देश के प्रत्येक राज्य से हर वर्ग के लोग जुड़ रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों ने इन नेत्रहीनों का आभार जताते हुए सम्मान किया।

दिल्ली में अब केवल किसान ही नहीं, बल्कि देश के हर वर्ग के लोग धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। नेत्रहीनों की टीम ने टीकरी बॉर्डर से सरकार को अपने आंखों की बंधी पट्टी को हटाने की पुरजोर अपील करते हुए कहा कि जब सर्दी में सड़कों पर किसान अपनी जान गंवा रहा है, तो फिर ये कानून किसके लिए बनाए गए हैं। बेहतर होगा कि सरकार कॉरपोरेट की चौकीदारी छोड़ देश के सत्तर फीसदी किसानों को तबाह करने वाले कानूनों को रद्द करे और एमएसपी पर कानून बनाए।

उन्होंने दिल्ली आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि काले कानूनों को रद करवाने तक संघर्ष जारी रहेगा। साथ ही दोहराया कि मोदी सरकार के दुष्प्रचार का आंदोलन पर कोई असर नही पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि पंजाब का इतिहास टक्कर लेने का रहा है। जब तक मांगें नहीं मानी जाती आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र सरकार भले ही कृषि सुधार कानूनों में संशोधन का आश्वासन दे रही है, परंतु देश का किसान चाहता है कि यह कानून रद होने चाहिए।

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