इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ बीएम बेचैन का नाम, पढ़ें पूरी खबर

इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ बीएम बेचैन का नाम, पढ़ें पूरी खबर
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इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड वालों ने उनको एक सर्टिफिकेट, वर्ष 2021 की एक प्रति इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड की, एक पैन जिस पर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड अंकित है, एक बैज, एक पदक, दो वाहन स्टीकर एवं इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड होल्डर 2021 के नाम का एक पहचान पत्र दिया है।

हरिभूमि न्यूज.भिवानी

कहते हैं निष्ठा और समर्पण भाव में भर यदि कोई कार्य किया जाए तो वह कार्य न केवल अंजाम तक पहुंचता है बल्कि उसका सुखद परिणाम भी निकलकर सामने आता है। हम बात कर रहे हैं भिवानी निवासी हरियाणवी कवि एवं साहित्यकार वीएम बेचैन की। जिन्होनें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी कवियों को हरियाणवी में अनुवाद कर दिया है और इस अभूतपूर्व कार्य के लिए उनका नाम 2021 इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो गया है।

इसके लिए इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड वालों ने उनको एक सर्टिफिकेट, वर्ष 2021 की एक प्रति इंडिया बुक आफ रिकार्ड की, एक पैन जिस पर इंडिया बुक आफ रिकार्ड अंकित है, एक बैज, एक पदक, दो वाहन स्टीकर एवं इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड होल्डर 2021 के नाम का एक पहचान पत्र दिया है। बेचैन ने बताया कि रिकार्ड की सत्यता जांचने के लिए महिने भर तक ईमेल के माध्यम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड वालों ने संपर्क साधे रखा। जब उनकी कसौटी पर वीएम बेचैन द्वारा किया गया विश्व साहित्य का हरियाणवी अनुवाद खरा उतरा तो उनका नाम रिकार्ड के लिए नामांकित कर दिया। अपनी इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए बेचैन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत नया भारत के निर्माण के संकल्प के साथ नई शिक्षा नीति की जैसे ही घोषणा की गई थी वैसे ही उन्होंने मां बोली हरियाणवी के लिए कुछ नया एवं विशेष करने का मन बना लिया था। बेचैन ने यह पुस्तक खामोश भाषाई आंदोलन को समर्पित करते हुए बताया कि हरियाणा की तरफ से नई शिक्षा नीति को उनकी अनुवादित पुस्तक एक तोहफा है।

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