दिसंबर-2025 तक पूरे होंगे कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के दोनों चरण

दिसंबर-2025 तक पूरे होंगे कटरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के दोनों चरण
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धार्मिक एवं आर्थिक महत्व की इस 670 किलोमीटर लंबी परियोजना पर खर्च होंगे करीब 40 हजार करोड़ रुपये।

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़। दिल्ली की सीमा से सटे बहादुरगढ़ के गांव निलोठी से लेकर कटरा तक बन रहा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे हरियाणा-पंजाब में बेमिसाल विकास एवं खुशहाली के नए दौर की शुरुआत करेगा। धार्मिक और आर्थिक महत्व के पूरे प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 670 किलोमीटर की है। मोदी सरकार की इस महत्वकांक्षी परियोजना पर कुल 40 हजार करोड़ रुपए खर्च होने हैं। इसका निर्माण 18 पैकेज में किया जा रहा है। साथ ही 3 स्पर पैकेज यानी कनेक्टिंग रोड्स भी बनाई जा रही हैं। यह काम 2 चरणों में पूरा किया जाएगा। संपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने की अंतिम तिथि दिसंबर 2025 है। लेकिन इसका एक चरण मार्च-2024 तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

बता दें कि अगस्त-2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। मुख्य एक्सप्रेसवे 570 किलोमीटर लंबा है। बहादुरगढ़ के निलोठी से पंजाब के गुरदासपुर तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे 398 किलोमीटर लंबा रहेगा। फिर गुरदासपुर से कटरा तक ब्राउनफील्ड एक्सप्रेस-वे 172 किलोमीटर लंबा होगा। नकोदर के पास ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे दो हिस्सों में बंट जाएगा। एक हिस्सा अमृतसर की ओर जाएगा और दूसरा सीधे कटरा तक। इसके साथ ही नकोदर से अमृतसर तक ग्रीनफील्ड स्पर 99 किमी का होगा। कटरा जाने के लिए कठुआ और जम्मू नहीं जाना पड़ेगा। यह महत्वपूर्ण परियोजना पूरी होने के बाद दिल्ली से पंजाब और जम्मू-कश्मीर जाने वालों के साथ ही माता वैष्णो देवी जाने वाले यात्रियों के समय और पैसे की बचत होगी।

हरियाणा में 137 किलोमीटर

यह एक्सप्रेस-वे हरियाणा में 137 किलोमीटर, पंजाब में 399 किलोमीटर और जम्मू-कश्मीर में 135 किलोमीटर लंबा होगा। हरियाणा में यह झज्जर के निलोठी गांव से शुरू होगा। फिर रोहतक, सोनीपत, जींद, करनाल और कैथल से होकर निकलेगा। जबकि पंजाब में पटियाला, संगरूर, मालेरकोटला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, तरन-तारन, अमृतसर और गुरदासपुर के रास्ते यह जम्मू की तरफ बढ़ेगा। इसके लिए कुल 14 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ है, जिसमें करीब 5 हजार एकड़ हरियाणा की जमीन अधिग्रहित की गई है।

अभी फोरलेन ही बना रहे

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा निलोठी गांव से कटरा तक बनने वाले इस हाइवे को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है। इसके बनने के बाद कटरा तक पहुंचने में केवल छह घंटे का समय लगेगा। फिलहाल घंटे तक का समय लग रहा है। इस एक्सप्रेस-वे को अभी चार लेन का बनाया जा रहा है। लेकिन भविष्य में इसे 8 लेन का करने के लिए दोनों लेन के बीच में 20 मीटर की जगह खाली छोड़ी गई है।

58 किलोमीटर दूरी घटेगी

इस हाइवे का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। इस हाइवे के बनने के साथ ही राज्य में व्यापार और वाणिज्य को बढ़़ावा मिलेगा। सड़क से दिल्ली-कटरा के बीच फिलहाल 727 किलोमीटर की दूरी है। इस एक्सप्रेस-वे से यह दूरी 58 किलोमीटर घट जाएगी। इतना ही नहीं करीब 670 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे में और दिल्ली से कटरा 6 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इस हाइवे पर 14 रेलवे ओवरब्रिज, 11 बड़े फ्लाईओवर तथा 31 इंटरचेंज होंगे।

विदेशों की तर्ज पर सुविधाएं

इस हाइवे के बनने से जहां समय की बचत होगी। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से वाहनों का दबाव कम होगा। दिल्ली से चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू कश्मीर के लिए नया रास्ता मिलेगा। विदेशों की तर्ज पर यहां एमेनेटिज हब बनाए जाएंगे। जहां खानपान, वाहन रिपेयरिंग, पेट्रोल पंप पर सीएनजी व इलेक्ट्रिक व्हीकल की चार्जिंग के साथ ही रेस्ट रूम की भी सुविधा होगी। आपातकालीन सहायता के लिए एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, ट्रामा सेंटर और ट्रैफिक पुलिस की टीमें 24 घंटे मौजूद रहेंगी।

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